6. खुशी एक भाव है

गतिविधि का उद्देश्य: खुशी एक भाव है इसे पहचानना और समझना
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: कोई विशेष नहीं

शिक्षक नोट:
हम हर समय किसी वस्तु के साथ, किसी व्यक्ति के साथ, किसी स्थान पर और किसी परिस्थिति में रहते हैं। यदि इन सभी चीज़ों में से कोई भी चीज़ हमें अच्छी नहीं लगती तब हमें दु:ख होता है और इनमें से सभी चीजें अच्छी लगती है तब हम खुश होते हैं।

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए

गतिविधि के चरण:
शिक्षक 6 से 7 भाव, जैसे खुशी, दु:ख, गुस्सा, स्नेह, प्यार, ममता, सहयोग, सम्मान इत्यादि बोर्ड पर लिखकर 6 से 7 विद्यार्थियों को आगे बुलाकर एक्ट करने को कहें।
यह भी बताएं कि वे अभिनय करते समय वह बोल नहीं सकते केवल इशारों से समझाने का प्रयास कर सकते हैं।
बाकी कक्षा को उस भाव का अनुमान लगाना है अगर कक्षा भाव का अनुमान लगा देती है पर उस भाव को किसी और शब्द से व्यक्त करती है तो भी उसे सही माना जाए जैसे स्नेह की जगह पर प्यार बोला तो उसे सही मान लेना ठीक रहेगा।

चर्चा हेतु प्रस्तावित बिंदु
1. कौन से भाव दुख वाले हैं।
2. कौन से भाव में आप सहज होते हैं?आप कौन से भाव अधिक महसूस करते हैं (खुशी या दुख वाले) सभी का व्यक्तिगत उत्तर लेने का प्रयास करें।
3. आप हमेशा खुशी चाहते हैं या दुख?आप हमेशा खुश रहें इसके लिए क्या प्रयास कर सकते हैं?

क्या करें और क्या ना करें
1. विद्यार्थी जब हाव-भाव बना रहे हो तो एक दूसरे का मजाक ना उड़ाए
2. शिक्षक भी कुछ हाव-भाव बनाकर उदाहरण दें।

कक्षा के अंत में एक 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें

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