गतिविधियों में कक्षा के सभी विद्यार्थियों की सक्रिय भूमिका रहती है, इसलिए वे इन्हें संपन्न करने में बढ़-चढ़कर रुचि लेते हैं। इससे वे अपने द्वारा सृजित ज्ञान को हमेशा के लिए याद रखते हैं, क्योंकि यह उनके ख़ुद के अनुभव पर आधारित होता है। गतिविधियों की इन्हीं खूबियों को ध्यान में रखते हुए हैप्पीनेस पाठ्यक्रम में इनका उपयोग किया गया है। सामान्यतः बच्चों के सामने जो हो रहा होता है या जिस गतिविधि में वे ख़ुद शामिल होते हैं, उसे वे आसानी से सीख लेते हैं।
गतिविधियों का निर्माण करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि वे बच्चों के आयुवर्ग के अनुकूल हों तथा उनके मानसिक स्तर से मेल खाती हों। साथ ही साथ उन्हें सोचने-समझने के लिए प्रेरित करती हों। गतिविधियों में हिस्सा लेते समय बच्चों के मन में विचार उत्पन्न हों और उन पर वे आपस में चर्चा करें।
प्रस्तुत पुस्तक में सम्मिलित गतिविधियों का उद्देश्य विद्यार्थियों को तर्कशील बनाना और वस्तुओं व घटनाओं को, वे जैसी हैं उन्हें वैसा ही देखने का अभ्यास कराना है। इससे वे अपनी परंपरागत सोच को तर्क की कसौटी पर जाँच सकेंगे। साथ ही लकीर से हटकर कुछ नया सोचने में और संतुलित निर्णय लेने में सक्षम होंगे।
गतिविधियाँ कक्षाकक्ष में ही करवाई जा सकती हैं। इन्हें करवाने के लिए किसी विशेष शिक्षण सामग्री की आवश्यकता भी नहीं है। शिक्षक संसाधनों के अभाव को महसूस किए बिना इन्हें क्रियान्वित कर सकते हैं।
गतिविधि करवाते समय ध्यान देने योग्य बातें:
गतिविधियों का निर्माण करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि वे बच्चों के आयुवर्ग के अनुकूल हों तथा उनके मानसिक स्तर से मेल खाती हों। साथ ही साथ उन्हें सोचने-समझने के लिए प्रेरित करती हों। गतिविधियों में हिस्सा लेते समय बच्चों के मन में विचार उत्पन्न हों और उन पर वे आपस में चर्चा करें।
प्रस्तुत पुस्तक में सम्मिलित गतिविधियों का उद्देश्य विद्यार्थियों को तर्कशील बनाना और वस्तुओं व घटनाओं को, वे जैसी हैं उन्हें वैसा ही देखने का अभ्यास कराना है। इससे वे अपनी परंपरागत सोच को तर्क की कसौटी पर जाँच सकेंगे। साथ ही लकीर से हटकर कुछ नया सोचने में और संतुलित निर्णय लेने में सक्षम होंगे।
गतिविधियाँ कक्षाकक्ष में ही करवाई जा सकती हैं। इन्हें करवाने के लिए किसी विशेष शिक्षण सामग्री की आवश्यकता भी नहीं है। शिक्षक संसाधनों के अभाव को महसूस किए बिना इन्हें क्रियान्वित कर सकते हैं।
गतिविधि करवाते समय ध्यान देने योग्य बातें:
- गतिविधि का 'उद्देश्य' और ‘शिक्षक के लिए नोट’ सिर्फ़ शिक्षक के संदर्भ के लिए हैं। इन्हें विद्यार्थियों को पढ़कर न सुनाएँ और न ही समझाएँ।
- गतिविधि करवाने से पहले 'उद्देश्य' एवं 'शिक्षक के लिए नोट' पढ़कर अपनी स्पष्टता बना लें।
- गतिविधि की पूरी प्रक्रिया हैंडबुक से पढ़कर व समझकर ही करवाएँ।
- कक्षा में बिना किसी पूर्वाग्रह और सही-ग़लत के निर्णय के साथ विद्यार्थियों को अपने विचार रखने का मौक़ा दिया जाए।
- चर्चा के समय शिक्षक ध्यान दें कि सभी विद्यार्थी विषय-वस्तु से संबंधित चर्चा में भाग ले रहे हैं।
- विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए शिक्षक भी गतिविधि में सक्रिय रूप से भाग लें।
- विद्यार्थियों को निष्कर्षों तक पहुँचने का पूरा अवसर दें, उन्हें अंतिम निर्णय के रूप में निष्कर्ष न सुनाएँ।
- गतिविधि के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए कक्षा की परिस्थितियों के अनुसार गतिविधि को करवाने के बेहतर तरीके अपनाए जा सकते हैं।
- एक-दूजे को जानें
- यू आर यूनीक
- क्या कर रहे हो
- आओ ख़ुद को जानें
- बग़ीचे की सैर
- मेरे जीवन का लक्ष्य
- ख़ुशी के पल
- पैसा ही चाहिए या पैसा भी चाहिए
- किसका फ़ायदा
- आओ मन:स्थिति पहचानें
- मेरी परेशानी मेरे ही कारण
- अच्छा लगना, अच्छा होना
- मेरा रिमोट मेरे पास
- हम सब एक समान
- अपनी-अपनी पर्ची
- तन और मन
- मैं किसका सम्मान करता हूँ
- मैं कैसे पहचाना जाऊँ
- ख़ुश होना: किससे और कितनी देर
- कौन ख़ुश, कौन नाख़ुश
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