20. कौन ख़ुश, कौन नाख़ुश

गतिविधि का उद्देश्य: विद्यार्थियों को अपने संबंधों के प्रति सजग रहने के लिए प्रेरित करना।
समय: कम से कम दो दिन बाकी शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं है।

शिक्षक के लिए नोट:
भौतिक सुविधाओं की पूर्ति और अच्छे स्वास्थ्य के बावज़ूद भी बहुत से लोग ख़ुश नहीं रह पा रहे हैं। इसका एक मुख्य कारण है अच्छे संबंधों का न होना। सुरक्षा की भावना और भावात्मक आवश्यकताओं की पूर्ति अच्छे संबंधों में होती है। सभी की सहज चाहत तो मिलजुल कर रहने की है, लेकिन सभी मिलजुल कर रह नहीं पा रहे हैं। इसका कारण है, अधिकांश लोगों का अधिकतर समय अधिक से अधिक सुविधाएँ जुटाने में व्यतीत होता है जबकि अधिकांश लोग परेशान हैं अच्छे संबंधों के अभाव में।
इस गतिविधि के माध्यम से विद्यार्थियों को अपने संबंधों के प्रति सजग रहने और उन्हें बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया गया है।

पहला दिन:

कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

गतिविधि के चरण:
  • बोर्ड पर निम्नलिखित चार स्थितियाँ लिखें और विद्यार्थियों को इन्हें अपनी नोटबुक में लिखने के लिए कहें।
    • 1. मैं जिससे ख़ुश वह भी मुझसे ख़ुश
    • 2. मैं जिससे ख़ुश वह मुझसे नाख़ुश
    • 3. मैं जिससे नाख़ुश वह मुझसे ख़ुश
    • 4. मैं जिससे नाख़ुश वह भी मुझसे नाख़ुश
  • अब विद्यार्थियों को अपने परिवारजन, मित्रगण, सहपाठी और अन्य नज़दीकी संबंधियों के बारे में सोचकर ऊपर दी गई स्थितियों के आगे ऐसे एक-एक व्यक्ति/संबंध का नाम लिखने के लिए कहें। कोई चाहे तो एक से अधिक नाम भी लिख सकता है।
  • यदि कोई विद्यार्थी किसी स्थिति में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं पाता है तो वह उस स्थिति के आगे कुछ न लिखे।
  • विद्यार्थियों को कुछ समय उन कारणों के बारे में भी सोचने के लिए कहा जाए जिसके कारण किसी व्यक्ति के साथ ऐसी स्थिति बनी है।
  • अब सभी विद्यार्थी जोड़े में एक-दूसरे से उन व्यक्तियों और उनके साथ बनी ऐसी स्थिति के कारणों को साझा करें।
  • कुछ विद्यार्थियों को स्वेच्छा से ऐसी स्थितियों के पैदा होने के कारणों को साझा करने का मौका दिया जा सकता है।
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1. क्या किसी संबंध में नाराज़गी के रहते हुए ख़ुश रहा जा सकता है?
2. संबंधों में नाराज़गी किन-किन कारणों से होती है?
3. संबंधों में नाराज़गी को कैसे दूर किया जा सकता है?
4. कोई उदाहरण देकर बताइए की आपने किसी के साथ नाराज़गी कैसे दूर की थी?
5. क्या ऐसा संभव है कि संबंधों में नाराज़गी ही न हो? कैसे?

कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

(अगले दिन की गतिविधि के लिए जिन विद्यार्थियों के किसी संबंध में अभी नाराज़गी है तो उसे दूर करने लिए बातचीत की पहल करने या किसी अन्य व्यक्ति की मदद लेने के लिए प्रेरित किया जाए। जिन विद्यार्थियों के किसी भी संबंध में नाराज़गी नहीं है उन्हें उस व्यक्ति के साथ बातचीत की पहल करने के लिए कहा जाए जिसके साथ बातचीत अकसर कम होती है। जिन विद्यार्थियों के सभी संबंध बहुत अच्छे हैं उन्हें दूसरों के संबंधों में नाराज़गी दूर करने के लिए मददगार बनने के लिए कहा जाए।)

दूसरा दिन:

कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1. संबंधों में नाराज़गी दूर करने में किस-किसके प्रयास सफल रहे हैं? कैसे? कक्षा में साझा करें।
2. संबंधों में नाराज़गी दूर करने में किस-किसके प्रयास सफल नहीं रहे? आपके अनुसार इसके क्या कारण हो सकते हैं? आगे आप और क्या प्रयास कर सकते हैं?
3. किस-किसने दूसरों के संबंधों में नाराज़गी दूर करने के प्रयास किए और इसका क्या परिणाम रहा? कक्षा में साझा करें।
4. जिनके संबंधों में नाराज़गी दूर हो गई, वे अब कैसा महसूस कर रहे हैं? क्यों?

कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

क्या करें और क्या न करें:
  • विद्यार्थियों के किसी संबंध में नाराज़गी दूर करने के लिए शिक्षक स्वयं भी मदद का प्रस्ताव दे सकता है।
  • यदि विद्यार्थी चारों स्थितियों को लेकर किसी तरह की मुश्किल महसूस करें तो केवल दूसरी व चौथी स्थिति लेकर भी इस गतिविधि को कराया जा सकता है।
  • विद्यार्थियों को स्वेच्छा से अपने अनुभव साझा करने के लिए कहा जाए। जो विद्यार्थी शुरुआत में अपने अनुभव साझा करने में सहज महसूस न करें उन्हें बाध्य न किया जाए। ऐसे विद्यार्थी दूसरों के अनुभवों से सीखकर और प्रेरित होकर धीरे-धीरे स्वयं में विश्वास जुटा पाते हैं।
  • कक्षा की सहज परिस्थिति ही प्रत्येक विद्यार्थी की मन:स्थिति को व्यक्त करने का विश्वास पैदा कर पाएगी।
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  1. एक-दूजे को जानें
  2. यू आर यूनीक
  3. क्या कर रहे हो
  4. आओ ख़ुद को जानें
  5. बग़ीचे की सैर
  6. मेरे जीवन का लक्ष्य
  7. ख़ुशी के पल
  8. पैसा ही चाहिए या पैसा भी चाहिए
  9. किसका फ़ायदा
  10. आओ मन:स्थिति पहचानें
  11. मेरी परेशानी मेरे ही कारण
  12. अच्छा लगना, अच्छा होना
  13. मेरा रिमोट मेरे पास
  14. हम सब एक समान
  15. अपनी-अपनी पर्ची
  16. तन और मन
  17. मैं किसका सम्मान करता हूँ
  18. मैं कैसे पहचाना जाऊँ
  19. ख़ुश होना: किससे और कितनी देर
  20. कौन ख़ुश, कौन नाख़ुश

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