सत्र 11 (Progressive Muscle Relaxation-II)

समय वितरण:
1. a. माइंडफुल चेक-इन (Mindful Check In): 3-5 मिनट
    b. ध्यान देने की प्रक्रिया पर चर्चा : 10 मिनट
2. a. Progressive Muscle Relaxation-II: 5 मिनट
    b. Progressive Muscle Relaxation-II पर चर्चा: 10 मिनट
3. साइलेंट चेक आउट (Silent Check Out): 1-2 मिनट

1 a) माइंडफुल चेक-इन (Mindful Check In): 3-5 मिनट

उद्देश्य: इस गतिविधि के माध्यम से शिक्षक विद्यार्थियों को ध्यान देने की कक्षा के लिए तैयार करेंगे।

गतिविधि के चरण
  • शिक्षक विद्यार्थियों को बताएँ कि इस गतिविधि के द्वारा विद्यार्थी अपना ध्यान पहले से कर रहे कार्य से हटाकर, वर्तमान में लेकर आते हैं। इसका अभ्यास विद्यार्थी कभी भी, कहीं भी कर सकते हैं।
  • शिक्षक सभी विद्यार्थियों से कहें कि वे आरामदायक स्थिति में बैठकर, चाहें तो कमर सीधी करके आँखें बंद कर लें। अगर किसी को आँखें बंद करने में मुश्किल महसूस हो रही हो तो वह नीचे की ओर देख सकता है।
  • विद्यार्थियों से कहें कि वे अपने हाथ डेस्क पर या अपने पैरों पर रख सकते हैं।
  • शिक्षक विद्यार्थियों से कहें कि हम शुरूआत माइंडफुल चेक इन गतिविधि से करेंगे। यह गतिविधि हम लगभग 3 मिनट तक करेंगे।
  • विद्यार्थियों से कहें कि वे अपना ध्यान पहले अपने आसपास के वातावरण में उत्पन्न हो रही आवाज़ों पर ले जाएँ और उसके बाद अपनी साँसों की प्रक्रिया पर ले जाएँगे।
  • विद्यार्थियों को बताएँ कि ये आवाज़ें धीमी हो सकती हैं...या तेज़, रुक-रुककर आ सकती हैं...या लगातार।
(20 सेकंड रुकें)
  • विद्यार्थियों से कहें कि जैसी भी हों, इन आवाज़ों के प्रति सजग हो जाएँ। ध्यान दें कि ये आवाज़ें कहाँ से आ रही हैं।
(30 सेकंड रुकें)
  • विद्यार्थियों से कहें कि अब वे अपना ध्यान अपनी साँसों पर लेकर जाएँ। साँसों के आने और जाने पर ध्यान दें।
  • विद्यार्थियों को बताएँ कि वे साँसों को किसी प्रकार बदलने की कोशिश न करें। केवल अपनी साँसों के प्रति सजग हो जाएँ।
(10 सेकंड रुकें)
  • विद्यार्थियों से कहें कि वे ध्यान दें कि साँस कब अंदर आ रही है और कब बाहर जा रही है। अंदर आने और बाहर जाने वाली साँस में कोई अंतर है या नहीं। क्या ये साँसें ठंडी हैं या गरम...तेज़ी से आ रही हैं या आराम से….हल्की हैं या गहरी।
  • विद्यार्थियों से कहें कि वे अपनी हर साँस के प्रति सजग हो जाएँ।
(20 सेकंड रुकें)
  • अब विद्यार्थियों से कहें कि वे धीरे-धीरे अपना ध्यान अपने बैठने की स्थिति पर ले आएँ और जब भी ठीक लगे, वे अपनी आँखें खोल सकते हैं।
क्या करें और क्या नहीं करें:
  • चेक इन शुरू करने के पहले विद्यार्थियों को अपनी जगह पर आराम से बैठने का वक़्त दें।
  • गतिविधि के दौरान यदि किसी विद्यार्थी का ध्यान आपको भटकता हुआ प्रतीत हो तो उसका नाम लिए बिना, पूरी कक्षा को ध्यान देने के लिए कहें।

1 b) ध्यान देने की प्रक्रिया पर चर्चा: 10 मिनट

उद्देश्य: माइंडफुलनेस की प्रक्रिया और उसके फ़ायदों पर विद्यार्थियों के अनुभव जानना।

चर्चा के लिए प्रस्तावित बिंदु:
  • विद्यार्थियों को 2-3 मिनट माइंडफुलनेस गतिविधियों से स्वयं में आए बदलावों के बारे में सोचने के लिए कहें। पिछले सप्ताह की गई माइंडफुलनेस गतिविधि के अनुभव और अभ्यास के बारे में सोचने के लिए कहें। यह भी सोचें कि इस गतिविधि का प्रयोग हैप्पीनेस पीरियड के अलावा कब और किस प्रकार किया।
  • शिक्षक इसके पश्चात विद्यार्थियों से चर्चा कर सकते हैं कि माइंडफुलनेस सीखने से विद्यार्थी अपने जीवन में क्या सुधार महसूस कर रहे हैं।
    • मन के अंदर तनाव की कमी
    • क्लास में ध्यान देने में मदद
    • इस बात का एहसास होना कि मेरे अंदर क्या चल रहा है (सुख, दुःख, क्रोध आदि)
  • विद्यार्थियों से कहें कि वे अपने विचार अपनी नोटबुक में लिख सकते हैं। इसके बाद कुछ विद्यार्थियों को अपने विचार साझा करने के लिए कहें।
  • इस दौरान माइंडफुलनेस गतिविधि से संबंधित विद्यार्थियों के विशेष अनुभव, चुनौतियों या प्रश्नों पर भी चर्चा की जा सकती है।
  • माइंडफुलनेस पर विद्यार्थियों द्वारा लाए गए आर्टिकल्स (articles) पर चर्चा करें।
क्या करें और क्या नहीं करें:
  • हर हफ़्ते विद्यार्थियों से कहें कि वे माइंडफुलनेस पर कुछ अच्छे आर्टिकल्स (articles) ढूँढकर लाएँ जिस पर क्लास में चर्चा की जा सके।
  • सभी विद्यार्थियों को उत्तर देने के लिए प्रेरित करें।
  • जो विद्यार्थी इस भाग में उत्तर देने में संकोच महसूस कर रहे हैं, वे अपने विचार कहीं लिख सकते हैं।
  • शिक्षक विद्यार्थियों के सभी उत्तरों को स्वीकार करें।

2. a. Progressive Muscle Relaxation-II: 5 मिनट

उद्देश्य: विद्यार्थियों का ध्यान उनके शरीर पर लाना।

गतिविधि के चरण:
  • विद्यार्थियों को याद दिलाएँ कि - प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन की गतिविधि में हम अपना ध्यान शरीर की मांसपेशियों में उत्पन्न हो रहे तनाव व आराम की ओर लेकर जाते हैं।
  • विद्यार्थियों को कहें कि यह प्रक्रिया सभी विद्यार्थी प्रत्येक पेशी के साथ लगभग 5 सेकंड तक करेंगे। यह महत्त्वपूर्ण है कि वे पूरे अभ्यास के दौरान साँस लेते रहे।
  • विद्यार्थियों को एक आरामदायक स्थिति में बैठने और अपनी आँखें बंद करने को कहें। शिक्षक विद्यार्थियों को अपना ध्यान केवल अपने शरीर पर केंद्रित करने को कहें।
  • विद्यार्थियों को कहें कि यदि उनका मन यहाँ वहाँ भटकना शुरू करे तो वे अपना ध्यान उस मांसपेशी पर वापस लाएँ जिस पर वे ध्यान दे रहे थे।
  • शिक्षक विद्यार्थियों को बताएँ कि पिछली बार हमने हाथों, मुँह और कंधों में प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन की गतिविधि की थी। इस बार हम पेट से पैरों तक यह प्रक्रिया करेंगे। इस गतिविधि में जूते उतारना बेहतर रहेगा।
  • विद्यार्थियों को कहें कि वे अपने पेट के माध्यम से एक गहरी साँस लें, कुछ सेकंड रुकें और धीरे-धीरे साँस छोड़ें। अब फिर से गहरी साँस लेते हुए निरीक्षण करें कि क्या आपका पेट बढ़ रहा है और आपके फेफड़े हवा से भर रहे हैं।
  • विद्यार्थियों को कहें कि जब वे साँस छोड़ते हैं, तो वे अपने शरीर में मौजूद तनाव के अपने शरीर से बाहर बहने की कल्पना करें और फिर से श्वास अंदर लें…और साँस छोड़ें।
  • अब विद्यार्थियों को अपने पेट को अंदर दबाते हुए मांसपेशियों को कसने को कहें। लगभग 5 सेकंड तक साँस रोकें… और छोड़ें। इस प्रक्रिया को एक बार फिर से करें। विद्यार्थियों को तनाव और आरामदायक स्थिति के बीच के अंतर को महसूस करने को कहें। विद्यार्थियों को अपने पूरे शरीर में बढ़ते हुए रिलैक्सेशन को महसूस करने को कहें।
लगभग 10 सेकंड के लिए रुकें।
  • विद्यार्थियों को कहें कि वे अपने घुटनों को एक साथ दबाकर अपनी जाँघों को कस लें। जितना कस सकते है उतना कसें। अपनी जाँघों में बढ़ते हुए तनाव को महसूस करें। 5 सेकंड रुकें। अब धीरे से अपने घुटनों को एक दूसरे से दूर करें और अपनी जांघों की मांसपेशियों में बढ़ती हुई आराम की स्थिति को महसूस करें।
  • अब विद्यार्थियों को कहें कि वे अपने पैरों को फ़्लेक्स (flex) करें। इसके लिए अपने पैर की उँगलियों को अपनी ओर खींचते हुए अपनी पिंडली की मांसपेशी (calf muscle) में तनाव महसूस करें। लगभग 5 सेकंड के लिए रुकें … और आराम करें।
  • विद्यार्थियों को कहें कि वे अपने पैरों के वजन को नीचे की ओर ले जाते हुए और ढीला छोड़ते हुए आराम महसूस करें।
  • विद्यार्थियों को कहें कि वे अपने पैरों को नीचे मोड़ते हुए अपने पैर की उँगलियों को कर्ल (curl) करें (सिकोड़ें)। लगभग 5 सेकंड के लिए रुकें... और आराम करें।
लगभग 10 सेकंड के लिए रुकें।
  • विद्यार्थियों को कहें कि वे अपने सिर से लेकर अपने पैरों के नीचे तक, अपने शरीर की शुरुआत से लेकर अंत तक, धीरे-धीरे विश्राम की एक लहर चलने की कल्पना करें।
  • अब एक गहरी साँस अंदर लें और धीरे से उसे बाहर छोड़ दें।
  • साँस अंदर लें..... और धीरे से उसे बाहर छोड़ दें।
  • विद्यार्थियों को कहें कि वे अब आप शांत, सहज और तनावमुक्त हैं। अपने पूरे शरीर में रीलैक्सेशन को महसूस करें।
  • विद्यार्थियों को कहें कि वे मन में एक से चार तक गिनती करें और अब चार से एक गिनती करें। जब भी वे तैयार हों, अपनी आँखें खोल सकते हैं।

2. b. Progressive Muscle Relaxation-II पर चर्चा: 10 मिनट
  • आप सभी कैसा महसूस कर रहे हैं?
  • जब आपने अपनी मांसपेशियों को कसने की कोशिश की तो आपको कैसा महसूस हुआ?
  • जब आपने अपनी मांसपेशियों को ढीला छोड़ा, तो आपको कैसा महसूस हुआ?
  • आपने मांसपेशियों को कसने और ढीला छोड़ने में क्या-क्या अंतर महसूस किया?
  • जब हम तनाव महसूस करते हैं, हमारा शरीर एवं हमारी मांसपेशियाँ भी तनावपूर्ण हो जाती हैं। यह प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन के अभ्यास से, हमारा शरीर शांत हो जाता है, जिससे हमारा मन भी शांत हो जाता है।
  • क्या आपने पिछली बार सीखे प्रोग्रेसिव मसल रिलैक्सेशन की प्रक्रिया माइंडफुलनेस कक्षा के अलावा और कभी भी की? कब-कब? आपको इसका क्या फ़ायदा हुआ?

3. साइलेंट चेक आउट (Silent Check Out): 1-2 मिनट

उद्देश्य: इस गतिविधि का उद्देश्य है कि विद्यार्थी हैप्पीनेस कक्षा में आज की गई गतिविधियों से उत्पन्न हुए विचारों और भावनाओं पर मनन (reflection) कर पाएँ।

गतिविधि के चरण:
  • ध्यान की कक्षा का अंत शांत बैठकर किया जाए।
  • इस दौरान विद्यार्थी आज की गई गतिविधियों से उत्पन्न विचारों और भावनाओं पर मनन (reflection) करें।
  • इस दौरान विद्यार्थियों को कोई अन्य निर्देश न दिया जाए।
  • विद्यार्थी आँखें बंद रखें या खुली रखकर नीचे की ओर देखें, यह उनकी इच्छा पर छोड़ दें।
क्या करें और क्या नहीं करें:
  • साइलेंट चेक आउट के बाद शिक्षक कोई भी प्रश्न न पूछें।
  • अगर कोई विद्यार्थी अपना अनुभव साझा करना चाहता है तो शिक्षक उसे मौका दे सकते हैं।
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