सत्र 5 ( Listening-II)

समय- वितरण:
1. a. माइंडफुल चेक-इन (Mindful Check In): 3-5 मिनट
    b. ध्यान देने की प्रक्रिया पर चर्चा : 10 मिनट
2. a. ध्यान देकर सुनना- 2 (Mindful Listening) : 5 मिनट
    b. ध्यान देकर सुनना- 2 (Mindful Listening) पर चर्चा: 10 मिनट
3. साइलेंट चेक आउट (Silent Check Out): 1-2 मिनट

1 a) माइंडफुल चेक-इन (Mindful Check In): 3-5 मिनट

उद्देश्य: इस गतिविधि के माध्यम से शिक्षक विद्यार्थियों को ध्यान देने की कक्षा के लिए तैयार करेंगे।

गतिविधि के चरण
  • शिक्षक विद्यार्थियों को बताएँ कि इस गतिविधि के द्वारा विद्यार्थी अपना ध्यान पहले से कर रहे कार्य से हटाकर, वर्तमान में लेकर आते हैं। इसका अभ्यास विद्यार्थी कभी भी, कहीं भी कर सकते हैं।
  • शिक्षक सभी विद्यार्थियों से कहें कि वे आरामदायक स्थिति में बैठकर, चाहें तो कमर सीधी करके आँखें बंद कर लें। अगर किसी को आँखें बंद करने में मुश्किल महसूस हो रही हो तो वह नीचे की ओर देख सकता है।
  • विद्यार्थियों से कहें कि वे अपने हाथ डेस्क पर या अपने पैरों पर रख सकते हैं।
  • शिक्षक विद्यार्थियों से कहें कि हम शुरूआत माइंडफुल चेक इन गतिविधि से करेंगे। यह गतिविधि हम लगभग 3 मिनट तक करेंगे।
  • विद्यार्थियों से कहें कि वे अपना ध्यान पहले अपने आसपास के वातावरण में उत्पन्न हो रही आवाज़ों पर ले जाएँ और उसके बाद अपनी साँसों की प्रक्रिया पर ले जाएँगे।
  • विद्यार्थियों को बताएँ कि ये आवाज़ें धीमी हो सकती हैं...या तेज़, रुक-रुककर आ सकती हैं...या लगातार।
(20 सेकंड रुकें)
  • विद्यार्थियों से कहें कि जैसी भी हों, इन आवाज़ों के प्रति सजग हो जाएँ। ध्यान दें कि ये आवाज़ें कहाँ से आ रही हैं।
(30 सेकंड रुकें)
  • विद्यार्थियों से कहें कि अब वे अपना ध्यान अपनी साँसों पर लेकर जाएँ। साँसों के आने और जाने पर ध्यान दें।
  • विद्यार्थियों को बताएँ कि वे साँसों को किसी प्रकार बदलने की कोशिश न करें। केवल अपनी साँसों के प्रति सजग हो जाएँ।
(10 सेकंड रुकें)
  • विद्यार्थियों से कहें कि वे ध्यान दें कि साँस कब अंदर आ रही है और कब बाहर जा रही है। अंदर आने और बाहर जाने वाली साँस में कोई अंतर है या नहीं। क्या ये साँसें ठंडी हैं या गरम...तेज़ी से आ रही हैं या आराम से….हल्की हैं या गहरी।
  • विद्यार्थियों से कहें कि वे अपनी हर साँस के प्रति सजग हो जाएँ।
(20 सेकंड रुकें)
  • अब विद्यार्थियों से कहें कि वे धीरे-धीरे अपना ध्यान अपने बैठने की स्थिति पर ले आएँ और जब भी ठीक लगे, वे अपनी आँखें खोल सकते हैं।
क्या करें और क्या नहीं करें:
  • चेक इन शुरू करने के पहले विद्यार्थियों को अपनी जगह पर आराम से बैठने का वक़्त दें।
  • गतिविधि के दौरान यदि किसी विद्यार्थी का ध्यान आपको भटकता हुआ प्रतीत हो तो उसका नाम लिए बिना, पूरी कक्षा को ध्यान देने के लिए कहें।

1 b) ध्यान देने की प्रक्रिया पर चर्चा: 10 मिनट

उद्देश्य: माइंडफुलनेस की प्रक्रिया और उसके फ़ायदों पर विद्यार्थियों के अनुभव जानना।

चर्चा के लिए प्रस्तावित बिंदु:
  • विद्यार्थियों को 2-3 मिनट माइंडफुलनेस गतिविधियों से स्वयं में आए बदलावों के बारे में सोचने के लिए कहें। पिछले सप्ताह की गई माइंडफुलनेस गतिविधि के अनुभव और अभ्यास के बारे में सोचने के लिए कहें। यह भी सोचें कि इस गतिविधि का प्रयोग हैप्पीनेस पीरियड के अलावा कब और किस प्रकार किया।
  • शिक्षक इसके पश्चात विद्यार्थियों से चर्चा कर सकते हैं कि माइंडफुलनेस सीखने से विद्यार्थी अपने जीवन में क्या सुधार महसूस कर रहे हैं।
    • मन के अंदर तनाव की कमी
    • क्लास में ध्यान देने में मदद
    • इस बात का एहसास होना कि मेरे अंदर क्या चल रहा है (सुख, दुःख, क्रोध आदि)
  • विद्यार्थियों से कहें कि वे अपने विचार अपनी नोटबुक में लिख सकते हैं। इसके बाद कुछ विद्यार्थियों को अपने विचार साझा करने के लिए कहें।
  • इस दौरान माइंडफुलनेस गतिविधि से संबंधित विद्यार्थियों के विशेष अनुभव, चुनौतियों या प्रश्नों पर भी चर्चा की जा सकती है।
  • माइंडफुलनेस पर विद्यार्थियों द्वारा लाए गए आर्टिकल्स (articles) पर चर्चा करें।
क्या करें और क्या नहीं करें:
  • हर हफ़्ते विद्यार्थियों से कहें कि वे माइंडफुलनेस पर कुछ अच्छे आर्टिकल्स (articles) ढूँढकर लाएँ जिस पर क्लास में चर्चा की जा सके।
  • सभी विद्यार्थियों को उत्तर देने के लिए प्रेरित करें।
  • जो विद्यार्थी इस भाग में उत्तर देने में संकोच महसूस कर रहे हैं, वे अपने विचार कहीं लिख सकते हैं।
  • शिक्षक विद्यार्थियों के सभी उत्तरों को स्वीकार करें।

2. a. ध्यान देकर सुनना- 2 (Mindful Listening) : 5 मिनट

उद्देश्य: विद्यार्थी अपने वातावरण से आने वाली आवाज़ों के प्रति सजग होकर ध्यान देने लग जाएँ।
  • विद्यार्थियों को यह बताया जाए कि वे शांत बैठकर अपने आसपास की आवाज़ों पर ध्यान देने वाले हैं। इसी को Mindful Listening कहते हैं।
  • सभी विद्यार्थी आरामदायक स्थिति में बैठकर, कमर सीधी करके आँखें बंद कर लें। अगर किसी को आँखें बंद करने में असहज महसूस हो रहा हो तो वह नीचे की ओर देख सकता है।
  • जब सभी विद्यार्थी आँखें बंद कर लें, तब उन्हें कक्षा में आने वाली विभिन्न आवाज़ों को सुनने के लिए कहें। ये आवाज़ें पंखे की, ट्रैफ़िक की, किसी के बात करने की, किसी के हँसने इत्यादि की हो सकती हैं।
  • विद्यार्थियों को कहें कि वे अपना ध्यान अपने आसपास के वातावरण से आती हुई आवाज़ों पर ले जाएँ। किसी भी आवाज़ पर अच्छे या बुरे का निर्णय लिए बिना उन्हें केवल ध्यान देकर सुनने का प्रयास करें।
  • अगर किसी विद्यार्थी को लगे कि उसका ध्यान आवाज़ों से हट गया है तो वह इस बारे में सजग हो जाए और अपना ध्यान वापस आवाज़ों पर लाने का प्रयास करे।
1-2 मिनट बाद विद्यार्थियों को आँखें खोलने को कहें और कक्षा से सामूहिक रूप से पूछें कि उन्होंने कौन-कौनसी आवाज़ें सुनीं। इसके पश्चात गतिविधि को इस प्रकार आगे बढ़ाएँ-
  • इस बार फिर से विद्यार्थी ध्यान देकर आवाजें सुनेंगे, हो सकता है कुछ आवाज़ों पर पहले ध्यान न गया हो।
  • विद्यार्थियों को दोबारा से आरामदायक स्थिति में बैठने, कमर सीधी करने और धीरे-धीरे आँखें बंद करने के लिए कहा जाए।
  • शिक्षक उन्हें वातावरण में उपस्थित विभिन्न आवाज़ों को सुनने के लिए कहें।
  • विद्यार्थी ध्यान दें कौन-कौनसी आवाज़ें वातावरण में हैं। कौन-कौनसी ऐसी आवाज़ें हैं जो उनको लगातार सुनाई दे रही हैं?
  • किसी भी आवाज़ पर अच्छे या बुरे का निर्णय लिए बिना उन्हें केवल ध्यान देकर सुनने का प्रयास करें। 
  • अगर किसी विद्यार्थी को लगे कि उसका ध्यान आवाज़ों से हट गया है तो वह इस बारे में सजग हो जाए और अपना ध्यान वापस आवाज़ों पर लाने का प्रयास करे।
यह गतिविधि 2-3 मिनट तक करवाएँ।


2. b) गतिविधि में चर्चा के लिए प्रस्तावित बिंदु: 10 मिनट
  • इस गतिविधि के दौरान आपको कैसा अनुभव हुआ?
  • क्या पहली और दूसरी बार के (ध्यान से) सुनने के अनुभव में कोई अंतर था?
  • किन विद्यार्थियों का ध्यान आवाज़ों से भटका? (हाथ उठवाया जा सकता है।)
  • यदि आपका ध्यान भटका तो क्या आप उसे वापस आवाज़ों पर ला पाए?
  • इस गतिविधि के अभ्यास से हमें क्या लाभ होगा? (इससे हमें बेहतर सुनने में मदद मिलती है। जब भी हम शांति से बैठकर अपना ध्यान अलग-अलग प्रकार की आवाज़ों पर लेकर जाते हैं तो हमें सामान्य रूप से सुनाई देने वाली आवाज़ों की तुलना में अधिक प्रकार की आवाज़ें स्पष्ट सुनाई देती हैं।)

3. साइलेंट चेक आउट (Silent Check Out): 1-2 मिनट

उद्देश्य: इस गतिविधि का उद्देश्य है कि विद्यार्थी हैप्पीनेस कक्षा में आज की गई गतिविधियों से उत्पन्न हुए विचारों और भावनाओं पर मनन (reflection) कर पाएँ।

गतिविधि के चरण:
  • ध्यान की कक्षा का अंत शांत बैठकर किया जाए।
  • इस दौरान विद्यार्थी आज की गई गतिविधियों से उत्पन्न विचारों और भावनाओं पर मनन (reflection) करें।
  • इस दौरान विद्यार्थियों को कोई अन्य निर्देश न दिया जाए।
  • विद्यार्थी आँखें बंद रखें या खुली रखकर नीचे की ओर देखें, यह उनकी इच्छा पर छोड़ दें।
क्या करें और क्या नहीं करें:
  • साइलेंट चेक आउट के बाद शिक्षक कोई भी प्रश्न न पूछें।
  • अगर कोई विद्यार्थी अपना अनुभव साझा करना चाहता
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