सत्र 12 (Mindful Walking)

समय वितरण
1. a. माइंडफुल चेक-इन (Mindful Check In): 3-5 मिनट
b. ध्यान देने की प्रक्रिया पर चर्चा: 10 मिनट
2. a.Mindful Walking: 5 मिनट
b.Mindful Walking पर चर्चा: 10 मिनट
3. साइलेंट चेक आउट (Silent Check Out): 1-2 मिनट

1 a) माइंडफुल चेक-इन (Mindful Check In): 3-5 मिनट

उद्देश्य: इस गतिविधि के माध्यम से शिक्षक विद्यार्थियों को ध्यान देने की कक्षा के लिए तैयार करेंगे।

गतिविधि के चरण
  • शिक्षक विद्यार्थियों को बताएँ कि इस गतिविधि के द्वारा विद्यार्थी अपना ध्यान पहले से कर रहे कार्य से हटाकर, वर्तमान में लेकर आते हैं। इसका अभ्यास विद्यार्थी कभी भी, कहीं भी कर सकते हैं।
  • शिक्षक सभी विद्यार्थियों से कहें कि वे आरामदायक स्थिति में बैठकर, चाहें तो कमर सीधी करके आँखें बंद कर लें। अगर किसी को आँखें बंद करने में मुश्किल महसूस हो रही हो तो वह नीचे की ओर देख सकता है।
  • विद्यार्थियों से कहें कि वे अपने हाथ डेस्क पर या अपने पैरों पर रख सकते हैं।
  • शिक्षक विद्यार्थियों से कहें कि हम शुरूआत माइंडफुल चेक इन गतिविधि से करेंगे। यह गतिविधि हम लगभग 3 मिनट तक करेंगे।
  • विद्यार्थियों से कहें कि वे अपना ध्यान पहले अपने आस-पास के वातावरण में उत्पन्न हो रही आवाज़ों पर ले जाएँ और उसके बाद अपनी साँसों की प्रक्रिया पर ले जाएँगे।
  • विद्यार्थियों को बताएँ कि ये आवाज़ें धीमी हो सकती हैं...या तेज़, रुक-रुककर आ सकती हैं...या लगातार।
(20 सेकंड रुकें)
  • विद्यार्थियों से कहें कि जैसी भी हों, इन आवाज़ों के प्रति सजग हो जाएँ। ध्यान दें कि ये आवाज़ें कहाँ से आ रही हैं।
(30 सेकंड रुकें)
  • विद्यार्थियों से कहें कि अब वे अपना ध्यान अपनी साँसों पर लेकर जाएँ। साँसों के आने और जाने पर ध्यान दें।
  • विद्यार्थियों को बताएँ कि वे साँसों को किसी प्रकार बदलने की कोशिश न करें। केवल अपनी साँसों के प्रति सजग हो जाएँ।
(10 सेकंड रुकें)
  • विद्यार्थियों से कहें कि वे ध्यान दें कि साँस कब अंदर आ रही है और कब बाहर जा रही है। अंदर आने और बाहर जाने वाली साँस में कोई अंतर है या नहीं। क्या ये साँसें ठंडी हैं या गरम...तेज़ी से आ रही हैं या आराम से….हल्की हैं या गहरी। 
  • विद्यार्थियों से कहें कि वे अपनी हर साँस के प्रति सजग हो जाएँ।
(20 सेकंड रुकें)
  • अब विद्यार्थियों से कहें कि वे धीरे-धीरे अपना ध्यान अपने बैठने की स्थिति पर ले आएँ और जब भी ठीक लगे, वे अपनी आँखें खोल सकते हैं।
क्या करें और क्या नहीं करें:
  • चेक इन शुरू करने के पहले विद्यार्थियों को अपनी जगह पर आराम से बैठने का वक़्त दें।
  • गतिविधि के दौरान यदि किसी विद्यार्थी का ध्यान आपको भटकता हुआ प्रतीत हो तो उसका नाम लिए बिना, पूरी कक्षा को ध्यान देने के लिए कहें।
1 b) ध्यान देने की प्रक्रिया पर चर्चा: 10 मिनट

उद्देश्य: माइंडफुलनेस की प्रक्रिया और उसके फ़ायदों पर विद्यार्थियों के अनुभव जानना।

चर्चा के लिए प्रस्तावित बिंदु:
  • शिक्षक विद्यार्थियों से चर्चा कर सकते हैं कि माइंडफुलनेस सीखने से विद्यार्थी अपने जीवन में क्या सुधार महसूस कर रहे हैं।
    • मन के अंदर तनाव की कमी
    • क्लास में ध्यान देने में मदद
    • इस बात का एहसास होना कि मेरे अंदर क्या चल रहा है (सुख, दुःख, क्रोध आदि)
  • विद्यार्थियों से कहें कि वे अपने विचार अपनी नोटबुक में लिख सकते हैं। इसके बाद कुछ विद्यार्थियों को अपने विचार साझा करने के लिए कहें।
  • इस दौरान माइंडफुलनेस गतिविधि से संबंधित विद्यार्थियों के विशेष अनुभव, चुनौतियों या प्रश्नों पर भी चर्चा की जा सकती है।
क्या करें और क्या नहीं करें:
  • सभी विद्यार्थियों को उत्तर देने के लिए प्रेरित करें।
  • शिक्षक सभी विद्यार्थियों के उत्तर स्वीकार करें।
  • विद्यार्थियों द्वारा दिए गए उत्तर पर कोई नकारात्मक टिप्पणी न करें।
2. a.Mindful Walking: 5 मिनट

उद्देश्य- विद्यार्थियों का ध्यान चलने की प्रक्रिया पर लाना।

क्या करें और क्या न करें
इस गतिविधि के लिए शिक्षक विद्यार्थियों को बाहर मैदान में भी लेकर जा सकते हैं।

गतिविधि के चरण:
  • शिक्षक विद्यार्थियों को बताएँ कि “अब हम सब ध्यान देकर चलने की प्रक्रिया का अभ्यास करेंगे।
  • शिक्षक विद्यार्थियों को अपनी डेस्क से बाहर आकर एक आरामदायक स्थिति में खड़े होने के लिए कहें। सभी विद्यार्थियों को कहें कि वे अपने हाथ, पैर और कंधो को ढीला छोड़ दें और अपना ध्यान अपनी साँसों की गति की ओर ले जाएँ। 2 -3 लम्बी गहरी साँस लें और मुँह से छोड़ दें।
  • उन्हें कहें कि वे अगली साँस के साथ अपना ध्यान अपने खड़े होने की स्थिति पर ले जाएँ। विद्यार्थियों को कहें कि वे ध्यान अपने पैरों की ओर ले जाएँ और देखें वह किस प्रकार जूतों को छू रहे हैं।
  • शिक्षक विद्यार्थियों से पूछें कि आपके पैरों में क्या कोई संवेदना महसूस हो रही है? इस बारे में सजग हो जाये |
  • अब विद्यार्थियों को कहें कि एक लम्बी गहरी साँस के साथ, धीरे धीरे, एक कदम आगे बढ़ाएं। जब वे ऐसा कर रहे हैं तो उन्हें कहें कि वे अपने कदम पर ध्यान दे और ज़मीन से इस कदम को उठाने से ले कर सामने रखने तक महसूस करें। अब इस समय अपने शरीर की स्थिति की ओर अपना ध्यान ले जाएँ कि । आप किस प्रकार से खड़े हैं।
  • अब विद्यार्थियों को कहें कि वे सभी अपना दूसरा कदम आगे बढ़ाएं और अपना ध्यान अपने दूसरे पैर की ओर ले जाएँ। अब उन्हें कहें कि वे सभी धीरे धीरे ऐसे ही अपने कदमों पर ध्यान देते हुए चलना शुरू करें और अपने सभी कदमों को एक एक करके महसूस करें।
(शिक्षक 30 सेकंड के लिए रुकें और बच्चों को यह गतिविधि करने दें)
  • जब विद्यार्थी इस प्रकार से चल रहे हैं तो उन्हें अपने शरीर में होने वाले परिवर्तनों पर भी अपना ध्यान ले जाने को कहें । विद्यार्थियों को कहें कि इस समय उनकी साँसें कैसी है? क्या किसी और अंग से आपके शरीर में आपको कोई बदलाव महसूस हो रहा है।"
(शिक्षक 30 सेकंड के लिए रुकें और बच्चों को यह गतिविधि करने दें)
  • “अगर आपको लगता हैं की आपका ध्यान इधर उधर जा रहा है तो आप फिर से अपना ध्यान अपनी चलने की स्थिति के ऊपर ले आएं।
  • अब आप सभी एक लम्बी गहरी साँस लें और जब भी आप अच्छा महसूस करें तो आप धीरे धीरे अपनी वापस अपनी जगह पर जाकर बैठ सकते हैं।"
  • 1 मिनट तक विद्यार्थियों को अपनी जगह पर आने के लिए समय दें ।
गतिविधि के चर्चा हेतु प्रस्तावित बिंदु: (शिक्षक अपनी तरफ़ से भी प्रश्न पूछ सकते हैं जिससे इस गतिविधि के उद्देश्य प्राप्त किए जा सकें।)
  • आप कैसा महसूस कर रहे हैं?
  • क्या आपने पहले कभी इस तरह से अपने चलने के ऊपर ध्यान दिया है?
  • क्या कोई अपना अनुभव साझारना चाहेगा?
  • जब आप अपनी चलने की प्रक्रिया पर ध्यान दे रहे थे तो क्या आपके विचार इधर उधर जा रहे थे?
  • क्या आप अपने चलने पर अपना ध्यान लाने में सक्षम थे?
शिक्षक के लिए नोट- शिक्षक यह भी ध्यान रखें कि बच्चों द्वारा दिए गए सभी उत्तर स्वीकार्य हैं और उन्हं् सही या गलत होने की टिप्पणी न दें।

3. साइलेंट चेक आउट (Silent Check Out): 1-2 मिनट 

उद्देश्य: इस गतिविधि का उद्देश्य है कि विद्यार्थी हैप्पीनेस कक्षा में आज की गई गतिविधियों से उत्पन्न हुए विचारों और भावनाओं पर मनन (reflection) कर पाएँ।

गतिविधि के चरण:
  • ध्यान की कक्षा का अंत शांत बैठकर किया जाए। 
  • इस दौरान विद्यार्थी आज की गई गतिविधियों से उत्पन्न विचारों और भावनाओं पर मनन (reflection) करें।
  • इस दौरान विद्यार्थियों को कोई अन्य निर्देश न दिया जाए।
  • विद्यार्थी आँखें बंद रखें या खुली रखकर नीचे की ओर देखें, यह उनकी इच्छा पर छोड़ दें। 
क्या करें और क्या नहीं करें: 
  • साइलेंट चेक आउट के बाद शिक्षक कोई भी प्रश्न न पूछें।
  • अगर कोई विद्यार्थी अपना अनुभव साझा करना चाहता है तो शिक्षक उसे मौका दे सकते हैं।
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