सत्र 4 (Mindful Listening) I

समय वितरण
1. a. माइंडफुल चेक-इन (Mindful Check In): 3-5 मिनट
b. ध्यान देने की प्रक्रिया पर चर्चा: 10 मिनट
2. a. Mindful Listening I- शांति या शोर: 5 मिनट
b. Mindful Listening I- शांति या शोर पर चर्चा: 10 मिनट
3. साइलेंट चेक आउट (Silent Check Out): 1-2 मिनट

1 a) माइंडफुल चेक-इन (Mindful Check In): 3-5 मिनट

उद्देश्य: इस गतिविधि के माध्यम से शिक्षक विद्यार्थियों को ध्यान देने की कक्षा के लिए तैयार करेंगे।

गतिविधि के चरण
  • शिक्षक विद्यार्थियों को बताएँ कि इस गतिविधि के द्वारा विद्यार्थी अपना ध्यान पहले से कर रहे कार्य से हटाकर, वर्तमान में लेकर आते हैं। इसका अभ्यास विद्यार्थी कभी भी, कहीं भी कर सकते हैं।
  • शिक्षक सभी विद्यार्थियों से कहें कि वे आरामदायक स्थिति में बैठकर, चाहें तो कमर सीधी करके आँखें बंद कर लें। अगर किसी को आँखें बंद करने में मुश्किल महसूस हो रही हो तो वह नीचे की ओर देख सकता है।
  • विद्यार्थियों से कहें कि वे अपने हाथ डेस्क पर या अपने पैरों पर रख सकते हैं।
  • शिक्षक विद्यार्थियों से कहें कि हम शुरूआत माइंडफुल चेक इन गतिविधि से करेंगे। यह गतिविधि हम लगभग 3 मिनट तक करेंगे।
  • विद्यार्थियों से कहें कि वे अपना ध्यान पहले अपने आस-पास के वातावरण में उत्पन्न हो रही आवाज़ों पर ले जाएँ और उसके बाद अपनी साँसों की प्रक्रिया पर ले जाएँगे।
  • विद्यार्थियों को बताएँ कि ये आवाज़ें धीमी हो सकती हैं...या तेज़, रुक-रुककर आ सकती हैं...या लगातार।
(20 सेकंड रुकें)
  • विद्यार्थियों से कहें कि जैसी भी हों, इन आवाज़ों के प्रति सजग हो जाएँ। ध्यान दें कि ये आवाज़ें कहाँ से आ रही हैं।
(30 सेकंड रुकें)
  • विद्यार्थियों से कहें कि अब वे अपना ध्यान अपनी साँसों पर लेकर जाएँ। साँसों के आने और जाने पर ध्यान दें।
  • विद्यार्थियों को बताएँ कि वे साँसों को किसी प्रकार बदलने की कोशिश न करें। केवल अपनी साँसों के प्रति सजग हो जाएँ।
(10 सेकंड रुकें)
  • विद्यार्थियों से कहें कि वे ध्यान दें कि साँस कब अंदर आ रही है और कब बाहर जा रही है। अंदर आने और बाहर जाने वाली साँस में कोई अंतर है या नहीं। क्या ये साँसें ठंडी हैं या गरम...तेज़ी से आ रही हैं या आराम से….हल्की हैं या गहरी। 
  • विद्यार्थियों से कहें कि वे अपनी हर साँस के प्रति सजग हो जाएँ।
(20 सेकंड रुकें)
  • अब विद्यार्थियों से कहें कि वे धीरे-धीरे अपना ध्यान अपने बैठने की स्थिति पर ले आएँ और जब भी ठीक लगे, वे अपनी आँखें खोल सकते हैं।
क्या करें और क्या नहीं करें:
  • चेक इन शुरू करने के पहले विद्यार्थियों को अपनी जगह पर आराम से बैठने का वक़्त दें।
  • गतिविधि के दौरान यदि किसी विद्यार्थी का ध्यान आपको भटकता हुआ प्रतीत हो तो उसका नाम लिए बिना, पूरी कक्षा को ध्यान देने के लिए कहें।
1 b) ध्यान देने की प्रक्रिया पर चर्चा: 10 मिनट

उद्देश्य: माइंडफुलनेस की प्रक्रिया और उसके फ़ायदों पर विद्यार्थियों के अनुभव जानना।

चर्चा के लिए प्रस्तावित बिंदु:
  • शिक्षक विद्यार्थियों से चर्चा कर सकते हैं कि माइंडफुलनेस सीखने से विद्यार्थी अपने जीवन में क्या सुधार महसूस कर रहे हैं।
    • मन के अंदर तनाव की कमी
    • क्लास में ध्यान देने में मदद
    • इस बात का एहसास होना कि मेरे अंदर क्या चल रहा है (सुख, दुःख, क्रोध आदि)
  • विद्यार्थियों से कहें कि वे अपने विचार अपनी नोटबुक में लिख सकते हैं। इसके बाद कुछ विद्यार्थियों को अपने विचार साझा करने के लिए कहें।
  • इस दौरान माइंडफुलनेस गतिविधि से संबंधित विद्यार्थियों के विशेष अनुभव, चुनौतियों या प्रश्नों पर भी चर्चा की जा सकती है।
क्या करें और क्या नहीं करें:
  • सभी विद्यार्थियों को उत्तर देने के लिए प्रेरित करें।
  • शिक्षक सभी विद्यार्थियों के उत्तर स्वीकार करें।
  • विद्यार्थियों द्वारा दिए गए उत्तर पर कोई नकारात्मक टिप्पणी न करें।
2a. Mindful Listening I- शांति या शोर: : 5 मिनट

उद्देश्य: विद्यार्थी अपने वातावरण से आने वाली आवाज़ों के प्रति सजग होकर ध्यान देने लग जाएँ।

गतिविधि के चरण
  • शिक्षक ब्लैकबोर्ड को दो हिस्सों में बाँटें और प्रत्येक हिस्से में एक एक स्थिति लिखकर बच्चों से पूछें:
  • " क्या आप बता सकते हैं कि निम्न में से कौन कौन सी स्थितियों में बहुत शोर होता है कौन कौन सी स्थितियों में शांति होती है?"
स्थितियाँ
शांति
शोर
ट्रैफिक


कक्षा में बात करते हुए बच्चे


गार्डन में बैठते वक़्त


मार्किट में खरीदारी करते वक़्त


स्कूल में छुट्टी होते वक़्त


अपने घर में अकेले बैठे वक़्त


कक्षा में माइंडफुलनेस करते हुए



शिक्षक कुछ विद्यार्थियों से यह प्रश्न पूछें:
  • जब आप शोर वाली स्थिति में होते हैं तो कैसा महसूस करते हैं ?
  • जब आप शांत स्थिति में होते हैं तब आप कैसा महसूस करते हैं ?
  • शिक्षक विद्यार्थियों को कहें कि वे सभी अपनी आँखें बंद करके एक आरामदायक स्थिति में बैठें और कक्षा में आने वाली विभिन्न आवाज़ों को सुनें। ये आवाज़ें पंखे की, ट्रैफिक की, बाहर किसी के बात करने की, कक्षा में विद्यार्थियों के हँसने की इत्यादि हो सकती हैं।
  • अगर शिक्षक को यह महसूस होता है कि विद्यार्थियों का ध्यान आवाज़ों से कहीं और भटक गया है, तो सहज भाव से उन्हें सचेत करते हुए वापस आवाज़ों की तरफ़ ले जाया जाए।
(30 सेकेण्ड तक विद्यार्थियों को उन आवाज़ों को सुनने दें। तत्पश्चात उनकी आँखें खुलवाकर चर्चा के लिए दिए प्रश्न पूछें।)

2b. Mindful ListeningI I- शांति या शोर पर चर्चा: 10 मिनट
  • आप कौन-कौन सी आवाज़ें सुन पा रहे थे?
  • आवाज़ें किस ओर से आ रही थीं?
  • क्या आपका ध्यान इधर-उधर जा रहा था? क्या आप इसके बारे में सजग हो पाए ?
  • इस गतिविधि से आपको क्या लाभ हो सकता है? ( जब भी हम शांत होकर अपना ध्यान आवाज़ों पर ले जाते हैं तो हम सामान्यतः सुनाई देने वाली आवाज़ों से ज़्यादा सुन पाते हैं।)
क्या करें और क्या करें:
शिक्षक ध्यान रखें कि विद्यार्थियों द्वारा दिए गए सभी उत्तर स्वीकार्य हैं और उन्हें सही या गलत होने की टिप्पणी न दें।

3. साइलेंट चेक आउट (Silent Check Out): 1-2 मिनट 

उद्देश्य: इस गतिविधि का उद्देश्य है कि विद्यार्थी हैप्पीनेस कक्षा में आज की गई गतिविधियों से उत्पन्न हुए विचारों और भावनाओं पर मनन (reflection) कर पाएँ।

गतिविधि के चरण:
  • ध्यान की कक्षा का अंत शांत बैठकर किया जाए। 
  • इस दौरान विद्यार्थी आज की गई गतिविधियों से उत्पन्न विचारों और भावनाओं पर मनन (reflection) करें।
  • इस दौरान विद्यार्थियों को कोई अन्य निर्देश न दिया जाए।
  • विद्यार्थी आँखें बंद रखें या खुली रखकर नीचे की ओर देखें, यह उनकी इच्छा पर छोड़ दें। 
क्या करें और क्या नहीं करें: 
  • साइलेंट चेक आउट के बाद शिक्षक कोई भी प्रश्न न पूछें।
  • अगर कोई विद्यार्थी अपना अनुभव साझा करना चाहता है तो शिक्षक उसे मौका दे सकते हैं।
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1 comment:

  1. Good activities that will relax the students and help in building concentration. It will also encourage students to be more participative and share their thoughts gradually.

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