उद्देश्य: अपने से बड़े, जैसे- माता-पिता, गुरु, परिवार व आप-पड़ोस में बड़े-बुजुर्ग आदि की अपनी ज़िंदगी में भागीदारी देख पाना, उनके लिए कृतज्ञता महसूस करना और व्यक्त करना।
शिक्षक के संदर्भ के लिए नोट:
ज़िंदगी में आगे बढ़ने के लिए बहुत से लोग हमारा सहयोग करते हैं। जब हम मन से उस सहयोग को स्वीकार करते हैं तो हम उनके प्रति आभार (कृतज्ञता) महसूस करते हैं। इससे अपने अंदर एक स्थिरता (ठहराव/stability) आती है, जिसे हम ख़ुशी (happiness) के रूप में महसूस (feel) करते हैं।
जब हम किसी के प्रति कृतज्ञता के भाव के साथ होते हैं तो उसके प्रति हमारा व्यवहार ‘सौम्य’ (विनम्र/humble) रहता है और हम स्वयं में नियंत्रित (disciplined) रहते हैं।
यदि हमारे समक्ष किसी का व्यवहार अशोभनीय है तो इसकी बड़ी संभावना है कि उसकी उन्नति में या तो हमारा कोई योगदान नहीं रहा है या वह उस योगदान को पहचान नहीं पा रहा है।
जब भी हम ख़ुश होते हैं तो अपनी ख़ुशी अपनों के साथ साझा (share) करना चाहते हैं। इससे हम और ज़्यादा ख़ुशी महसूस करते हैं। कोई व्यक्ति जब परेशान होता है तो वह अकेला रहना चाहता है, लेकिन ख़ुशी के समय शायद ही कोई व्यक्ति अकेला रहना पसंद करे। हम जब भी किसी भाव के साथ होंगे तो उसे व्यक्त करना चाहेंगे ही। भाव को व्यक्त करने वाले को ही ‘व्यक्ति’ कहते हैं।
आज हम जितनी सुविधाओं (भोजन, कपड़े, मोबाइल, बस, ट्रेन आदि) का उपयोग कर रहे हैं, उनके लिए यदि हम उनकी खोज या आविष्कार से लेकर उनके परिष्कृत रूप में आने तक लोगों के योगदान और मेहनत को देखें तो स्वयं को ऋणी महसूस करेंगे। इस ऋण को चुकाया भी नहीं जा सकता है। किसी ऋण के साथ एक व्यक्ति ख़ुशहालीपूर्वक नहीं जी सकता है। प्रकृति में इस ऋण के भार को कम करने का एक ही तरीका है और वह है- कृतज्ञ होना। कृतज्ञ होने का मतलब केवल thanks, धन्यवाद या शुक्रिया कहना नहीं है। जब हम मन से किसी के योगदान को हमेशा के लिए स्वीकारते हैं तभी कृतज्ञता का भाव महसूस होता है। ऐसा होने पर एक व्यक्ति समाज के विकास के लिए अपना योगदान देना शुरू कर देता है। समाज में अपनी भागीदारी के साथ जीना ही हमारी ख़ुशी का सही रास्ता है और यही जीवन की सार्थकता भी है।
यदि प्रकृति की यह व्यवस्था समझ में आती है तो इसके नियमानुसार यहाँ योगदान देनेवाला ही ख़ुश रह सकता है जबकि अभी अधिकतर लोग यही मानकर दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं कि यहाँ अधिक से अधिक पाने से किसी दिन सुखी (happy) हो जाएँगे।
कृतज्ञता के भाव में विश्वास, सम्मान और स्नेह का भाव शामिल रहता है। कृतज्ञता को हम ग्रेटिट्यूड, आभार और एहसानमंदी के नाम से भी जानते हैं।
कृतज्ञता के भाव (feeling of gratitude) को पहचानने (to explore), महसूस करने (to experience) और व्यक्त करने (to express) के लिए निम्नलिखित सत्र (sessions) रखे गए हैं।
उद्देश्य: हमारी ख़ुशी और विकास के लिए परिवार के सदस्यों के द्वारा किए गए कार्यों की ओर बच्चों का ध्यान दिलाना।
समय (Time): कम से कम एक पीरियड अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
शिक्षक नोट: शिक्षक बच्चों का ध्यान इस तरफ ले कर जायेंगे की हमारे विकास और हमारी खुशी में परिवार के सदस्यों का बहुत योगदान होता है। बच्चे अपने परिवार के सदस्यों की भागीदारी अपनी जिंदगी में देख पाए। यदि परिवार के सदस्य हमारा सहयोग न करें तो हमारा जीवन सामान्य रूप से नहीं चल पाएगा।
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
बच्चों द्वारा अभिव्यक्ति:
बच्चे अगले पूरे सप्ताह इस बात पर ध्यान देंगे की घर में कौन-कौन सदस्य उनके प्रतिदिन के कार्यों में सहयोग करता है। उनके योगदान को देखने का प्रयास करेंगे और अगले अभिव्यक्ति दिवस पर हम इस पर चर्चा करेंगें।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की अपनी अभिव्यक्ति के बारे में विचार करें।
उद्देश्य : अपनी ख़ुशी और विकास के लिए परिवार के सदस्यों द्वारा किए गए योगदान की ओर बच्चों का ध्यान दिलाना।
समय (Time): कम से कम एक पीरियड अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
शिक्षक के लिए नोट : घर पर माता पिता और कई अन्य लोग हमारे शरीर के पोषण का ध्यान रखते हैं। उनके योगदान पर ध्यान जाने से हम उस सम्बन्ध के महत्व को जान पाते हैं। यह कृतज्ञता का एहसास देता है और व्यवहार में सौम्यता आती है। इसी उद्देश्य से यह सत्र रखा गया है।
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
बच्चों द्वारा अभिव्यक्ति:
बच्चे पूरे सप्ताह इस बात पर ध्यान देंगे कि घर के अलावा भी क्या कोई उनको रोज़मर्रा के कार्यो में सहयोग देता है ?” (जैसे स्कूल में खाना परोस कर देना, सड़क पार करवाना, बाज़ार से सामान ला कर देना, पढ़ाना इत्यादि) बच्चे उनके योगदान को देखने का प्रयास करेंगे और अगले अभिव्यक्ति दिवस पर यही चर्चा का विषय रहेगा |
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की अपनी अभिव्यक्ति के बारे में विचार करें।
उद्देश्य: हमारे जीवन में आस पड़ोस के लोगों द्वारा किए गए सहयोग पर बच्चों का ध्यान आकर्षित करना ताकि विद्यार्थी उनके सहयोग को पहचान जाए।
समय (Time): कम से कम एक पीरियड अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
शिक्षक नोट: शिक्षक विद्यार्थयों का ध्यान इस ओर लेकर जाएंगे कि हमारा जीवन सुचारु रूप से चल पाए इस में हमारे आस-पड़ोस के बहुत से लोगों का योगदान होता है। उनके योगदान और सहयोग के प्रति हम कैसा भाव महसूस करते हैं उसे पहचान पाएँ।
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
बच्चों द्वारा अभिव्यक्ति :
“बच्चे पूरे सप्ताह इस बात पर ग़ौर करेंगे की आस पास में कौन कौन सदस्य उनके रोज़मर्रा के कार्यो में सहयोग देते हैं और उनके प्रति वो कैसा महसूस करते हैं। अगले अभिव्यक्ति दिवस पर हम चर्चा करेंगें।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की अपनी अभिव्यक्ति के बारे में विचार करें।
उद्देश्य: हमारे जीवन में आस पड़ोस के लोगों द्वारा किए गए सहयोग पर बच्चों का ध्यान आकर्षित करना और उनके प्रति विद्यार्थी कैसा महसूस करते हैं इस ओर उनका का ध्यान जाए।
समय (Time): कम से कम एक पीरियड अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
शिक्षक के लिए नोट : व्यक्ति स्वकेंद्रित या परिवार केन्द्रित होता जा रहा है। जबकि उसके शरीर के पोषण की ज़िम्मेदारी के भाव के साथ समाज के कई लोग लगे होते हैं। जब ध्यान उनके योगदान की ओर जाता है तो वह उन सभी के साथ अपनापन के भाव से प्रस्तुत होता है। इस सत्र में विद्यार्थियों का ध्यान इस ओर चला जाए कि वे कौन-से लोग हैं जो उनके पोषण में योगदान देते हैं।
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
बच्चों द्वारा अभिव्यक्ति :
इस सप्ताह हम यह देखेंगे कि स्कूल में किस किस ने हमारे खाने पीने, सफाई या किसी और आवश्यकता का ध्यान रखा। अगले अभिव्यक्ति दिवस पर हम चर्चा करेंगे।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की अपनी अभिव्यक्ति के बारे में विचार करें।
उद्देश्य: विद्यालय में विभिन्न लोगो के द्वारा किए गए योगदान पर बच्चों का ध्यान आकर्षित करना और उनके प्रति कैसा भाव महसूस करते है उसे पहचान पाएँ।
समय (Time): कम से कम एक पीरियड अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
शिक्षक नोट: शिक्षक विद्यार्थयों का ध्यान इस ओर लेकर जाएंगे कि विद्यालय में हमारा जीवन सुचारु रूप से चल पाए इस में के बहुत से लोगों का योगदान और सहयोग होता है। उनके योगदान और सहयोग के बिना हमारे बहुत से काम सही ढंग से नहीं हो पाएंगे और सभी काम हम स्वयं नहीं कर सकते हमें दूसरों के सहयोग की आवश्यकता होती है।
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
बच्चों द्वारा अभिव्यक्ति:
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की अपनी अभिव्यक्ति के बारे में विचार करें।
उद्देश्य : सीखने में योगदान देने वालों की ओर विद्यार्थियों का ध्यान दिलाना।
समय (Time): कम से कम एक पीरियड अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
शिक्षक के लिए नोट : सीखना समझना अपने आप में एक सुखदाई कार्य है। साथ ही यह एक व्यक्ति के सुख-पूर्वक जीने में भी सहयोगी है। ऐसे में विद्यार्थी का ध्यान इस योगदान की ओर जाना संबंधों में जीने के लिए उसे तैयार करता है।
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
बच्चों द्वारा अभिव्यक्ति
1. विद्यालय में आपकी पढ़ने और सीखने में कौन मदद करता है?
2. आपके शिक्षक सीखने और समझने में कैसे मदद करते है?
3. जब आपको कोई कुछ सिखाता है तब आपको कैसा लगता है?
4. अगर आपको स्कूल में कोई कुछ भी न सिखाते तो आपको कैसा लगेगा क्यों?
5. सीखने और समझने के लिए किसी (शिक्षक) के सहयोग की क्यों आवश्यकता होती है?
6. अपने शिक्षक के प्रति आप कैसे महसूस करते हैं?
अगले अभिव्यक्ति दिवस के लिए कार्य: इस सप्ताह हम ध्यान देंगे कि अपने परिवार, पड़ोस या विद्यालय में जिन लोगों ने भी हमारे लिए जो कुछ भी किया उनका आभार हमने कैसे जताया।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की अपनी अभिव्यक्ति के बारे में विचार करें।
उद्देश्य : विद्यार्थियों को दूसरों के प्रति कृतज्ञता के भाव को व्यक्त करने के लिए प्रेरित करना।
समय (Time): कम से कम एक पीरियड अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
शिक्षक नोट: शिक्षक विद्यार्थयों का ध्यान इस ओर लेकर जाएंगे कि परिवार,आस-पड़ोस और विद्यालय में हमारे विकास, जीवन को सुचारु रूप से चल सके और सीखने और समझने में कई लोगों का योगदान और सहयोग होता है। उनके योगदान और सहयोग के लिए हम उनका आभार कैसे व्यक्त कर सकते हैं और आभार व्यक्त करने के क्या-क्या तरीके हो सकते हैं।
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
बच्चों द्वारा अभिव्यक्ति:
1. आप अपने परिवार के सदस्यों के आपके जीवन में योगदान के लिए आभार कैसे करते है ? परिवार में आभार दिखाने के क्या-क्या तरीके होते हैं?
2. अगर आपके आस-पड़ोस का कोई व्यक्ति आपकी सहायता करता है तो उसका आभार कैसे व्यक्त करते ?
3. हमारे सीखने और समझने में हमारे शिक्षकों का सहयोग होता हैं, उनका आभार कैसे व्यक्त कर सकते हैं?
4. विद्यालय में बहुत से लोग हमारा सहयोग करते है, उनका आभार कैसे व्यक्त करोगे?
5. घर, आस पड़ोस और विद्यालय के अतिरिक्त, आपका जीवन सुचारु रूप से चल पाए इस में बहुत से लोगो का योगदान होता है, उनका आभार कैसे व्यक्त कर सकते हैं?
अगले अभिव्यक्ति दिवस के लिए कार्य: इस सप्ताह हम ध्यान देंगे कि जिन लोगों का हमारे जीवन में किसी भी प्रकार से योगदान रहता है हम किस प्रकार से उनका आभार प्रकट करते हैं।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की अपनी अभिव्यक्ति के बारे में विचार करें।
उद्देश्य : विद्यार्थियों को दूसरों के प्रति कृतज्ञता के भाव को व्यक्त करने के लिए प्रेरित करना।
समय (Time): कम से कम एक पीरियड अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
शिक्षक के लिए नोट : स्वयं के प्रति किसी के योगदान को देखने और महसूस करने के साथ साथ उससे पनपे कृतज्ञता की अभिव्यक्ति भी आवश्यक है। यह संबंधों में मधुरता लाते हुए साथ जीने के लिए तैयार करता है। विद्यार्थी उन पोषण, संरक्षण और सीखने में ज़िम्मेदारी के साथ प्रस्तुत लोगों के प्रति किन शब्दों और कार्य-व्यवहार से आभार जताते हैं, यह सत्र उन्हें आपस में यह साझा करने का अवसर देगा।
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
अभिव्यक्ति हेतु प्रश्न:
1. पिछले कुछ दिनों में आपका ध्यान घर से बाहर किन लोगों के योगदान की ओर गया? आपने उनके प्रति कैसा महसूस किया?
2. उनके प्रति आपने आभार कैसे जताया? वैसा करके आपको कैसा लगा?
3. इस सप्ताह आपने अपनी कक्षा/विद्यालय या पड़ोस में किसके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की और क्यों?
4. किसी एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताइए जिनका अपने जीवन में योगदान देखने के बाद उनके प्रति आपका व्यवहार बदल गया।
5. आभार व्यक्त करने के लिए अपने परिवार के किसी एक सदस्य के नाम पत्र लिखें और उन तक यह पत्र पहुँचाएँ या पढ़कर सुनाए।
अगले अभिव्यक्ति दिवस के लिए कार्य: इस सप्ताह हम ध्यान देंगे कि जिन लोगों का हमारे जीवन में किसी भी प्रकार से योगदान रहा, उनमें से किन लोगों से हम मिलकर धन्यवाद देने की इच्छा है।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की अपनी अभिव्यक्ति के बारे में विचार करें।
शिक्षक के संदर्भ के लिए नोट:
ज़िंदगी में आगे बढ़ने के लिए बहुत से लोग हमारा सहयोग करते हैं। जब हम मन से उस सहयोग को स्वीकार करते हैं तो हम उनके प्रति आभार (कृतज्ञता) महसूस करते हैं। इससे अपने अंदर एक स्थिरता (ठहराव/stability) आती है, जिसे हम ख़ुशी (happiness) के रूप में महसूस (feel) करते हैं।
जब हम किसी के प्रति कृतज्ञता के भाव के साथ होते हैं तो उसके प्रति हमारा व्यवहार ‘सौम्य’ (विनम्र/humble) रहता है और हम स्वयं में नियंत्रित (disciplined) रहते हैं।
यदि हमारे समक्ष किसी का व्यवहार अशोभनीय है तो इसकी बड़ी संभावना है कि उसकी उन्नति में या तो हमारा कोई योगदान नहीं रहा है या वह उस योगदान को पहचान नहीं पा रहा है।
जब भी हम ख़ुश होते हैं तो अपनी ख़ुशी अपनों के साथ साझा (share) करना चाहते हैं। इससे हम और ज़्यादा ख़ुशी महसूस करते हैं। कोई व्यक्ति जब परेशान होता है तो वह अकेला रहना चाहता है, लेकिन ख़ुशी के समय शायद ही कोई व्यक्ति अकेला रहना पसंद करे। हम जब भी किसी भाव के साथ होंगे तो उसे व्यक्त करना चाहेंगे ही। भाव को व्यक्त करने वाले को ही ‘व्यक्ति’ कहते हैं।
आज हम जितनी सुविधाओं (भोजन, कपड़े, मोबाइल, बस, ट्रेन आदि) का उपयोग कर रहे हैं, उनके लिए यदि हम उनकी खोज या आविष्कार से लेकर उनके परिष्कृत रूप में आने तक लोगों के योगदान और मेहनत को देखें तो स्वयं को ऋणी महसूस करेंगे। इस ऋण को चुकाया भी नहीं जा सकता है। किसी ऋण के साथ एक व्यक्ति ख़ुशहालीपूर्वक नहीं जी सकता है। प्रकृति में इस ऋण के भार को कम करने का एक ही तरीका है और वह है- कृतज्ञ होना। कृतज्ञ होने का मतलब केवल thanks, धन्यवाद या शुक्रिया कहना नहीं है। जब हम मन से किसी के योगदान को हमेशा के लिए स्वीकारते हैं तभी कृतज्ञता का भाव महसूस होता है। ऐसा होने पर एक व्यक्ति समाज के विकास के लिए अपना योगदान देना शुरू कर देता है। समाज में अपनी भागीदारी के साथ जीना ही हमारी ख़ुशी का सही रास्ता है और यही जीवन की सार्थकता भी है।
यदि प्रकृति की यह व्यवस्था समझ में आती है तो इसके नियमानुसार यहाँ योगदान देनेवाला ही ख़ुश रह सकता है जबकि अभी अधिकतर लोग यही मानकर दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं कि यहाँ अधिक से अधिक पाने से किसी दिन सुखी (happy) हो जाएँगे।
कृतज्ञता के भाव में विश्वास, सम्मान और स्नेह का भाव शामिल रहता है। कृतज्ञता को हम ग्रेटिट्यूड, आभार और एहसानमंदी के नाम से भी जानते हैं।
कृतज्ञता के भाव (feeling of gratitude) को पहचानने (to explore), महसूस करने (to experience) और व्यक्त करने (to express) के लिए निम्नलिखित सत्र (sessions) रखे गए हैं।
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सत्र: 1
उद्देश्य: हमारी ख़ुशी और विकास के लिए परिवार के सदस्यों के द्वारा किए गए कार्यों की ओर बच्चों का ध्यान दिलाना।
समय (Time): कम से कम एक पीरियड अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
शिक्षक नोट: शिक्षक बच्चों का ध्यान इस तरफ ले कर जायेंगे की हमारे विकास और हमारी खुशी में परिवार के सदस्यों का बहुत योगदान होता है। बच्चे अपने परिवार के सदस्यों की भागीदारी अपनी जिंदगी में देख पाए। यदि परिवार के सदस्य हमारा सहयोग न करें तो हमारा जीवन सामान्य रूप से नहीं चल पाएगा।
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
बच्चों द्वारा अभिव्यक्ति:
- आपको सुबह कौन उठता है और कैसे?
- आपको सुबह उठाने और तैयार होने में कौन-कौन आपकी मदद करता है? और किस प्रकार?
- आपके स्कूल के कामों में घर पर कौन आपकी मदद करता है? और किस प्रकार?
- आपकी पढ़ाई का सामान कौन ख़रीद ले कर आता है?
- आपके नए कपड़े लाने में कौन मदद करता है? और किस प्रकार से? कोई एक घटना साझा करें?
- क्या आपके मम्मी पापा ने कभी आपको कुछ खाने-पीने की चीज़ खाने के लिए मना किया वो चीज़े कौन सी थीं? उन्होंने आपको क्यों मना किया होगा? (जैसे ice cream खाने से जब आपको बुखार हुआ था)
बच्चे अगले पूरे सप्ताह इस बात पर ध्यान देंगे की घर में कौन-कौन सदस्य उनके प्रतिदिन के कार्यों में सहयोग करता है। उनके योगदान को देखने का प्रयास करेंगे और अगले अभिव्यक्ति दिवस पर हम इस पर चर्चा करेंगें।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की अपनी अभिव्यक्ति के बारे में विचार करें।
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सत्र:2
उद्देश्य : अपनी ख़ुशी और विकास के लिए परिवार के सदस्यों द्वारा किए गए योगदान की ओर बच्चों का ध्यान दिलाना।
समय (Time): कम से कम एक पीरियड अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
शिक्षक के लिए नोट : घर पर माता पिता और कई अन्य लोग हमारे शरीर के पोषण का ध्यान रखते हैं। उनके योगदान पर ध्यान जाने से हम उस सम्बन्ध के महत्व को जान पाते हैं। यह कृतज्ञता का एहसास देता है और व्यवहार में सौम्यता आती है। इसी उद्देश्य से यह सत्र रखा गया है।
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
बच्चों द्वारा अभिव्यक्ति:
- आप परिवार में किन-किन की बात मानते है ? और क्यों?
- आपको परिवार मे कौन कौन आपको अच्छी बातें बताते है ? एक ऐसी अच्छी बात साझा करें।
- आपकी ग़लतियाँ/कमियाँ सुधारने के लिए घर के सदस्य क्या क्या करते है | बच्चे आपस में व्यक्त करेंगे |
- रोज़मर्रा के सारे कार्य क्या आप अपने आप कर सकते हैं ? यदि नहीं तो क्यों?
बच्चे पूरे सप्ताह इस बात पर ध्यान देंगे कि घर के अलावा भी क्या कोई उनको रोज़मर्रा के कार्यो में सहयोग देता है ?” (जैसे स्कूल में खाना परोस कर देना, सड़क पार करवाना, बाज़ार से सामान ला कर देना, पढ़ाना इत्यादि) बच्चे उनके योगदान को देखने का प्रयास करेंगे और अगले अभिव्यक्ति दिवस पर यही चर्चा का विषय रहेगा |
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की अपनी अभिव्यक्ति के बारे में विचार करें।
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सत्र:3
उद्देश्य: हमारे जीवन में आस पड़ोस के लोगों द्वारा किए गए सहयोग पर बच्चों का ध्यान आकर्षित करना ताकि विद्यार्थी उनके सहयोग को पहचान जाए।
समय (Time): कम से कम एक पीरियड अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
शिक्षक नोट: शिक्षक विद्यार्थयों का ध्यान इस ओर लेकर जाएंगे कि हमारा जीवन सुचारु रूप से चल पाए इस में हमारे आस-पड़ोस के बहुत से लोगों का योगदान होता है। उनके योगदान और सहयोग के प्रति हम कैसा भाव महसूस करते हैं उसे पहचान पाएँ।
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
बच्चों द्वारा अभिव्यक्ति :
- आपके आस-पड़ोस की सफाई कौन करता है?
- अगर आपके आस-पड़ोस की सफाई में वह लोग न करें तो का क्या होगा?
- दीवाली के बाद मौहल्ले की सफाई अगर कोई न करे तो आस पास का क्या हाल होगा?
- क्या आपके आस पड़ोस या रिश्तेदारों में भी किसी ने आपका ध्यान रखा? वे कौन थे? उन्होंने ऐसा क्यों किया होगा?
- आपको क्या लगता है कि हमारा जीवन अच्छे से चल पाए इस में आस-पड़ोस के किन लोगों का सहयोग होता है?
“बच्चे पूरे सप्ताह इस बात पर ग़ौर करेंगे की आस पास में कौन कौन सदस्य उनके रोज़मर्रा के कार्यो में सहयोग देते हैं और उनके प्रति वो कैसा महसूस करते हैं। अगले अभिव्यक्ति दिवस पर हम चर्चा करेंगें।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की अपनी अभिव्यक्ति के बारे में विचार करें।
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सत्र:4
उद्देश्य: हमारे जीवन में आस पड़ोस के लोगों द्वारा किए गए सहयोग पर बच्चों का ध्यान आकर्षित करना और उनके प्रति विद्यार्थी कैसा महसूस करते हैं इस ओर उनका का ध्यान जाए।
समय (Time): कम से कम एक पीरियड अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
शिक्षक के लिए नोट : व्यक्ति स्वकेंद्रित या परिवार केन्द्रित होता जा रहा है। जबकि उसके शरीर के पोषण की ज़िम्मेदारी के भाव के साथ समाज के कई लोग लगे होते हैं। जब ध्यान उनके योगदान की ओर जाता है तो वह उन सभी के साथ अपनापन के भाव से प्रस्तुत होता है। इस सत्र में विद्यार्थियों का ध्यान इस ओर चला जाए कि वे कौन-से लोग हैं जो उनके पोषण में योगदान देते हैं।
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
बच्चों द्वारा अभिव्यक्ति :
- क्या आपके आस पड़ोस में भी किसी ने आपके खाने पीने का ध्यान रखा? वे कौन लोग थे? उन्होंने वैसा क्यों किया होगा?
- आप जब किसी रिश्तेदार के यहां गए वहां आपके खाने-पीने का ध्यान किसने रखा? उन्होंने ऐसा क्यों किया होगा ?
- घर से बाहर खेलते समय आपको जब कभी चोट लगी, उस समय क्या किसी ने आपका मदद की ? और कैसे?
इस सप्ताह हम यह देखेंगे कि स्कूल में किस किस ने हमारे खाने पीने, सफाई या किसी और आवश्यकता का ध्यान रखा। अगले अभिव्यक्ति दिवस पर हम चर्चा करेंगे।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की अपनी अभिव्यक्ति के बारे में विचार करें।
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सत्र:5
उद्देश्य: विद्यालय में विभिन्न लोगो के द्वारा किए गए योगदान पर बच्चों का ध्यान आकर्षित करना और उनके प्रति कैसा भाव महसूस करते है उसे पहचान पाएँ।
समय (Time): कम से कम एक पीरियड अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
शिक्षक नोट: शिक्षक विद्यार्थयों का ध्यान इस ओर लेकर जाएंगे कि विद्यालय में हमारा जीवन सुचारु रूप से चल पाए इस में के बहुत से लोगों का योगदान और सहयोग होता है। उनके योगदान और सहयोग के बिना हमारे बहुत से काम सही ढंग से नहीं हो पाएंगे और सभी काम हम स्वयं नहीं कर सकते हमें दूसरों के सहयोग की आवश्यकता होती है।
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
बच्चों द्वारा अभिव्यक्ति:
- विद्यालय में आपके लिए भोजन (मिडडे मील) कौन लेकर आता है?
- विद्यालय में आपके लिए भोजन (मिडडे मील) कौन परोसता है?
- अगर ये लोग भोजन (मिडडे मील) न लाए और आपको न परोसें तो क्या होगा?
- विद्यालय की और आपकी कक्षा की सफाई कौन करता है? क्या आप उनका नाम जानते हो?
- अगर वो विद्यालय की और आपकी कक्षा सफाई न करें तो क्या होगा?
- जब आप स्कूल आते हो तो गेट पर आपका ध्यान कौन रखता है?
- इन सभी लोगों के प्रति आपके मन में कैसा भाव आता है ? साझा करें।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की अपनी अभिव्यक्ति के बारे में विचार करें।
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सत्र:6
उद्देश्य : सीखने में योगदान देने वालों की ओर विद्यार्थियों का ध्यान दिलाना।
समय (Time): कम से कम एक पीरियड अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
शिक्षक के लिए नोट : सीखना समझना अपने आप में एक सुखदाई कार्य है। साथ ही यह एक व्यक्ति के सुख-पूर्वक जीने में भी सहयोगी है। ऐसे में विद्यार्थी का ध्यान इस योगदान की ओर जाना संबंधों में जीने के लिए उसे तैयार करता है।
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
बच्चों द्वारा अभिव्यक्ति
1. विद्यालय में आपकी पढ़ने और सीखने में कौन मदद करता है?
2. आपके शिक्षक सीखने और समझने में कैसे मदद करते है?
3. जब आपको कोई कुछ सिखाता है तब आपको कैसा लगता है?
4. अगर आपको स्कूल में कोई कुछ भी न सिखाते तो आपको कैसा लगेगा क्यों?
5. सीखने और समझने के लिए किसी (शिक्षक) के सहयोग की क्यों आवश्यकता होती है?
6. अपने शिक्षक के प्रति आप कैसे महसूस करते हैं?
अगले अभिव्यक्ति दिवस के लिए कार्य: इस सप्ताह हम ध्यान देंगे कि अपने परिवार, पड़ोस या विद्यालय में जिन लोगों ने भी हमारे लिए जो कुछ भी किया उनका आभार हमने कैसे जताया।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की अपनी अभिव्यक्ति के बारे में विचार करें।
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सत्र:7
उद्देश्य : विद्यार्थियों को दूसरों के प्रति कृतज्ञता के भाव को व्यक्त करने के लिए प्रेरित करना।
समय (Time): कम से कम एक पीरियड अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
शिक्षक नोट: शिक्षक विद्यार्थयों का ध्यान इस ओर लेकर जाएंगे कि परिवार,आस-पड़ोस और विद्यालय में हमारे विकास, जीवन को सुचारु रूप से चल सके और सीखने और समझने में कई लोगों का योगदान और सहयोग होता है। उनके योगदान और सहयोग के लिए हम उनका आभार कैसे व्यक्त कर सकते हैं और आभार व्यक्त करने के क्या-क्या तरीके हो सकते हैं।
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
बच्चों द्वारा अभिव्यक्ति:
1. आप अपने परिवार के सदस्यों के आपके जीवन में योगदान के लिए आभार कैसे करते है ? परिवार में आभार दिखाने के क्या-क्या तरीके होते हैं?
2. अगर आपके आस-पड़ोस का कोई व्यक्ति आपकी सहायता करता है तो उसका आभार कैसे व्यक्त करते ?
3. हमारे सीखने और समझने में हमारे शिक्षकों का सहयोग होता हैं, उनका आभार कैसे व्यक्त कर सकते हैं?
4. विद्यालय में बहुत से लोग हमारा सहयोग करते है, उनका आभार कैसे व्यक्त करोगे?
5. घर, आस पड़ोस और विद्यालय के अतिरिक्त, आपका जीवन सुचारु रूप से चल पाए इस में बहुत से लोगो का योगदान होता है, उनका आभार कैसे व्यक्त कर सकते हैं?
अगले अभिव्यक्ति दिवस के लिए कार्य: इस सप्ताह हम ध्यान देंगे कि जिन लोगों का हमारे जीवन में किसी भी प्रकार से योगदान रहता है हम किस प्रकार से उनका आभार प्रकट करते हैं।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की अपनी अभिव्यक्ति के बारे में विचार करें।
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सत्र:8
उद्देश्य : विद्यार्थियों को दूसरों के प्रति कृतज्ञता के भाव को व्यक्त करने के लिए प्रेरित करना।
समय (Time): कम से कम एक पीरियड अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
शिक्षक के लिए नोट : स्वयं के प्रति किसी के योगदान को देखने और महसूस करने के साथ साथ उससे पनपे कृतज्ञता की अभिव्यक्ति भी आवश्यक है। यह संबंधों में मधुरता लाते हुए साथ जीने के लिए तैयार करता है। विद्यार्थी उन पोषण, संरक्षण और सीखने में ज़िम्मेदारी के साथ प्रस्तुत लोगों के प्रति किन शब्दों और कार्य-व्यवहार से आभार जताते हैं, यह सत्र उन्हें आपस में यह साझा करने का अवसर देगा।
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
अभिव्यक्ति हेतु प्रश्न:
1. पिछले कुछ दिनों में आपका ध्यान घर से बाहर किन लोगों के योगदान की ओर गया? आपने उनके प्रति कैसा महसूस किया?
2. उनके प्रति आपने आभार कैसे जताया? वैसा करके आपको कैसा लगा?
3. इस सप्ताह आपने अपनी कक्षा/विद्यालय या पड़ोस में किसके प्रति कृतज्ञता व्यक्त की और क्यों?
4. किसी एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताइए जिनका अपने जीवन में योगदान देखने के बाद उनके प्रति आपका व्यवहार बदल गया।
5. आभार व्यक्त करने के लिए अपने परिवार के किसी एक सदस्य के नाम पत्र लिखें और उन तक यह पत्र पहुँचाएँ या पढ़कर सुनाए।
अगले अभिव्यक्ति दिवस के लिए कार्य: इस सप्ताह हम ध्यान देंगे कि जिन लोगों का हमारे जीवन में किसी भी प्रकार से योगदान रहा, उनमें से किन लोगों से हम मिलकर धन्यवाद देने की इच्छा है।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की अपनी अभिव्यक्ति के बारे में विचार करें।
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