16. भाई है बोझ नहीं

उद्देश्य: विद्यार्थियों में पारिवारिक संबंधों मैं विश्वास रखने और उनके निर्वाह करने की क्षमता का विकास करना।
समय: कम से कम दो पीरियड अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक

कहानी:
 दो मित्र कई साल बाद एक दिन अचानक मिले। दोनों ने एक-दूसरे का सुख-दुख पूछा। पहले मित्र ने बताया कि सब कुछ ठीक चल रहा है। दूसरा मित्र थोड़ा दु:खी था। उसने कहा कि पिछले वर्ष उसके पिताजी गुज़र गए। उसके बाद से छोटे भाई की फ़ीस का बोझ उसके सर पर आ पड़ा है बाकी तो सब ठीक चल रहा है। तभी उन्होंने सामने देखा एक पहाड़ी लड़की जिसकी उम्र कोई नौ-दस साल की थी, वह अपने छोटे भाई को कंधे पर उठाकर ऊपर चढ़ रही थी। पसीने से लथपथ, लेकिन लगातार ऊपर की ओर बढ़ रही थी।
जब इन दोनों मित्रों के पास से वह गुज़री तो उन्होंने सहानुभूति के स्वर में उस लड़की से कहा,‘‘बेटा तुम्हें पसीना आ रहा है। तुम भाई के बोझ से थक गई होगी। थोड़ी देर के लिए हम तुम्हारे भाई को गोद में उठा लेते हैं। तुम्हें थोड़ा आराम मिल जाएगा।’’ लड़की ने उन दोनों मित्रों की तरफ़ देखा और कहा ‘‘यह कैसी बात है, अंकल? बोझ आपके लिए होगा। मेरा तो छोटा भाई है बोझ नहीं।’’
लड़की का जवाब सुनते ही दोनों मित्रों को एहसास हुआ कि थोड़ी देर पहले वह कैसी बातें कर रहे थे। यह लड़की अपने भाई से अपने संबंध को समझती है और जहाँ संबंध होता है वहाँ बोझ कैसे हो सकता है? मित्र को अपने भाई के लिए अपनी गलत सोच का एहसास हो गया था। छोटी-सी लड़की ने उसे समझा दिया कि भाई-भाई होता है, बोझ नहीं।

पहला दिन: 
चर्चा के लिए प्रश्न: 
1. पहाड़ी बच्ची ने अपने भाई को बोझ क्यों नहीं माना? आप कौन से संबंधों को बोझ नहीं मानते? क्यों?
2. जिन संबंधों को आप मन से स्वीकार कर लेते हैं वह आपको बोझ क्यों नहीं लगते?
3. बोझ और ज़िम्मेदारी में क्या अंतर है?
4. रिश्ते को बोझ मानकर निर्वाह करने के तरीके में और रिश्ते को ज़िम्मेदारी मानकर निर्वाह करने के तरीके में क्या अंतर होता होगा?

दूसरा दिन: 
  • पिछले दिन की कहानी की पुनरावृत्ति विद्यार्थियों द्वारा करवाई जाए। आवश्यकता पड़ने पर शिक्षक उसमें सहयोग कर सकते हैं। 
  • पिछले दिन के चर्चा के कुछ प्रश्नों का प्रयोग पुनर्विचार के लिए किया जाए। 
  • घर से मिले फीडबैक के आधार पर विद्यार्थी छोटे समूहों में बातचीत करें। उनके कुछ विचार पूरी कक्षा के सामने प्रस्तुत करवाए जा सकते हैं। 
चर्चा के लिए कुछ अन्य प्रश्न: 1. पारिवारिक संबंधों मैं मधुरता लाने के लिए आप क्या-क्या प्रयास कर सकते है? अपने जीवन से उदाहरण दीजिए। (अगर बच्चों की तरफ़ से कोई स्पष्ट उत्तर ना आए तो कुछ संभावित उत्तर इस तरह भी हो सकते हैं- सॉरी बोलना, बातचीत करना, उनके साथ हंसी-ख़ुशी समय बिताना आदि।) 2. आप अपने परिवार मैं कौन-कौनसी ज़िम्मेदारी निभाते हैं और क्यों?

क्या करें और क्या न करें: 
  • सभी को अभिव्यक्ति का अवसर दें और उनकी बात धैर्य से सुनें। 
  • शिक्षक यह देखें कि सभी विद्यार्थी चर्चा में भाग ले रहे हैं या नहीं। 
  • जो विद्यार्थी चर्चा में भाग लेने से संकोच कर रहे हैं उन्हें इसके लिए प्रेरित करे और उनका सहयोग करें। 

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