8. मेरी पहचान


उद्देश्य: यह समझना कि हमारी पहचान हमारी वस्तुओं से नहीं, परंतु हम जैसे हैं, उससे होती है।
समय: कम से कम दो पीरियड अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक

कहानी:
फोर्ड एक बड़े उद्योगपति थे फिर भी अपने ऑफ़िस और फ़ैक्टरी में बिलकुल साधारण कपड़ों में आते-जाते थे। यह देखकर उनके सभी कर्मचारी बहुत आश्चर्य करते और आपस में बातें करते कि बॉस के पास इतना पैसा है फिर भी वे इतने साधारण कपड़ों में ऑफ़िस आ जाते हैं। एक दिन उनकी सेक्रेटरी ने हिम्मत कर उनसे कह दिया, “सर, आपके पास इतना पैसा है कि आप सारी दुनिया से, एक से बढ़कर एक कपड़े मँगवा सकते है फिर भी आप इतने सादा कपड़ों में ऑफ़िस क्यों आ जाते हैं? हेनरी फोर्ड मुस्करा दिए और बोले, “यहाँ सब जानतें हैं कि मैं कौन हूँ। मैं महँगे कपड़े पहनकर सबको यह दिखाने की चिंता क्यों करूँ कि मैं हेनरी फोर्ड हूँ। कुछ दिनों बाद हेनरी फोर्ड वर्ल्ड टूर पर गए। वे बहुत सी जगहों पर गए, लेकिन उन्होंने साधारण कपड़े ही पहन रखे थे। उनकी सेक्रेटरी ने उनसे कहा, “सर, आपको यहाँ कोई नहीं जानता है, इसीलिए आपको महँगे और अच्छे कपड़े पहनना चाहिए!” हेनरी फोर्ड फिर मुस्करा दिए और बोले, “मैं पहनावे की चिंता क्यों करूँ और वह भी उन लोगों के लिए जो मुझे जानते ही नहीं।"

चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न: 
1. क्या समाज में उन सभी लोगों की पहचान होती है जो अच्छे (महँगे, ब्रांडेड,वैरायटी)कपड़े पहनते हैं? चर्चा करें कि किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके अच्छे कपड़ों की मोहताज नहीं है।
2. किन-किन आधारों पर कोई व्यक्ति समाज में अपनी पहचान बना पाता है? आप अपनी पहचान बनाने के लिए क्या क्या प्रयत्न करेंगे?
3. कोई एक नाम बताओ जिसकी कोई पहचान है तथा जिनसे आप प्रभावित हैं। यह भी बताओ की उनकी पहचान की मुख्य वजह क्या है?

घर जाकर देखो, पूछो, समझो (विद्यार्थियों के लिए): 
अपने आस-पास मौजूद लोगों में यह देखने का प्रयास करें की आप जिन्हें पहचानते हैं उन्हें आप उनके पहनावे के कारण ही पहचानते है या उनकी कोई विशेषता के कारण पहचानते हैं। साथ ही यह भी ध्यान दें की जिन व्यक्तियों की आपके अनुसार पहचान है वह अपने पहनावे पर अधिक ध्यान देते हैं या व्यवहार पर।

दूसरा दिन अथवा आगे: 
पिछले दिन की कहानी पर एक बार पूरी तरह से कक्षा में पुनरावृत्ति की जाए। कहानी की पुनरावृत्ति विद्यार्थियों द्वारा की जाए, आवश्यकता होने पर शिक्षक उसमें सहयोग कर सकते हैं। घर से मिले फीडबैक के आधार पर पिछले दिन के चर्चा के प्रश्नों को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थी छोटे समूह में बातचीत करेंगे। पहले दिन के चिंतन के प्रश्नों का प्रयोग शेष विद्यार्थियों के लिए पुन: किया जा सकता है।

चर्चा के लिए कुछ अन्य प्रश्न: 
1. क्या आपके अच्छी तरह परिचित व्यक्ति के उसके खराब कपड़े पहनने से उसकी पहचान बदल जाएगी? कारण बताओ।
2. व्यक्ति की पहचान अच्छे और महँगे कपड़ों से है या व्यक्ति के गुणों से? कुछ प्रसिद्ध लोगों के उदाहरण देकर बताएँ, उनके कुछ गुण भी बताएँ। (शिक्षक महात्मा गांधी का उदाहरण शेयर कर सकते हैं यदि किसी विद्यार्थी से यह उदाहरण न आए।)
3. क्या किसी की पहचान का उसके कपड़ों से कोई लेना देना है? (यदि किसी डॉक्टर ने सफेद कोट नहीं पहना तो क्या वह डॉक्टर नहीं है या किसी के सफेद कोट पहनने से वह डॉक्टर हो जाएगा?

चर्चा की दिशा: हम अकसर दूसरों की नज़र में अच्छे दिखना चाहते हैं और इसके कई प्रयास करते है। जैसे- अच्छे कपड़े पहनना, नया पेन या पेंसिल लाना, कोई खिलौना लेकर आना आदि। हमें लगता है कि सामान से ही हमारी पहचान है। परंतु इस ओर ध्यान जाना आवश्यक है ही किसी व्यक्ति कि पहचान उसके पहनावे से समाप्त नहीं हो जाती। उदाहरण के लिए:एक नर्स बिना नर्स कि ड्रेस के भी नर्स ही रहेगी।

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  1. अलेक्जेंडर और डायोगनीज
  2. मन के अंदर महल
  3. राबिया की सूई
  4. क्या असली तो क्या नकली
  5. कितनी ज़मीन
  6. अहंकार का कमरा
  7. पगड़ी
  8. मेरी पहचान
  9. अरुणिमा सिन्हा
  10. सुकरात के तीन सवाल
  11. तीन मज़दूर तीन नज़रिए
  12. निर्मल पानी
  13. कौन बोल रहा है
  14. पतंग की डोर 
  15. बड़ा आदमी
  16. भाई है बोझ नहीं 
  17. मिल-जुलकर 
  18. दूध में चीनी

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