सत्र 5 (Mindful Listening)-I

1. ध्यान दे कर सुनना (Mindful Listening): 15 मिनट

उद्देश्य: बच्चे अपने आसपास की आवाज़ों के प्रति सजग होकर ध्यान देने लग जाएँ।

क्या करें, क्या न करें: शिक्षक ध्यान दें कि सभी बच्चे गतिविधि में हिस्सा ले रहे हैं।

गतिविधि के चरण:
  • इस गतिविधि में शिक्षक विद्यार्थियों से पूछें की ऐसी कौन-कौन सी जगह हैं जहाँ बहुत शोर होता है और कौन कौन सी जगह हैं जो एकदम शांत होती हैं।
  • शिक्षक यह उदाहरण दे सकते हैं:
जगह जहाँ शोर होता है
जगह जो शांत होती हैं
ट्रैफिक की आवाज़
गार्डन में शांत बैठे वक़्त
मार्किट में लोगो की आवाज़
कमरे में अकेले बैठे हुए
स्कूल में छुट्टी के वक्त
लाइब्रेरी (Library) में
  • शिक्षक अब विद्यार्थियों को बताएँ कि हम अब अलग-अलग आवाज़ें पहचानने और सुनने के लिए एक गतिविधि करेंगे।
  • शिक्षक अब कुछ विद्यार्थियों को कक्षा में सामने बुलाकर अलग-अलग प्रकार की आवाज़ें निकालने के लिए कह सकते हैं और बाकी कक्षा के बच्चे उस आवाज़ पर ध्यान देकर पहचानने का प्रयास करेंगे । (जैसे बिल्ली की आवाज़, शेर के दहाड़ने की आवाज़, रेलगाड़ी की आवाज़, कार की आवाज़, दौड़ने की आवाज़ इत्यादि)
  • जब बच्चे आवाज़ों की पहचान कर लें, शिक्षक यही गतिविधि विद्यार्थियों की आँखें बंद करके करवाएं और विद्यार्थियों से यह पहचान करने को कहें कि कौन से बच्चे ने कौन सी आवाज़ निकाली थी। 
  • इस गतिविधि को करवाने के लिए 4-5 विद्यार्थियों को आगे बुलाया जा सकता है।
गतिविधि में चर्चा हेतु प्रस्तावित बिंदु : (शिक्षक अपनी तरफ से भी प्रश्न पूछ सकते हैं जिससे विद्यार्थियों को उस गतिविधि के उद्देश्य तक पहुँचाया जा सके। )
  • हम रोज़ किस-किस प्रकार की आवाज़ें सुनते हैं?
  • क्या यह सभी आवाज़ें एक प्रकार की होती हैं या एक दूसरे से भिन्न होती हैं?
  • क्या शोर वाली जगहों पर आवाज़ सुनना आसान होता है या शांत जगह पर?
  • आपको यह गतिविधि कैसी लगी?
  • अपनी आस पास की आवाज़ें ध्यान से सुनने से क्या फ़ायदा हो सकता है?

No comments:

Post a Comment