10. जान-बूझ कर या अपने-आप

गतिविधि का उद्देश्य: 
  • शरीर (body) और मन (mind) दो अलग-अलग वास्तविकताएँ हैं | इस गतिविधि से उनमें होने वाली क्रियाओं (actions) के आधार पर मन और शरीर की पहचान होगी।
  • अपने आप होने वाली क्रियाएं शरीर में होती है और जिन क्रियाओं में हमारा निर्णय या ज़िम्मेदारी होती है अर्थात जानबूझ के होती हैं, वे मन में होती है|
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: कोई विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं है।

शिक्षक नोट:
हर मनुष्य में दो प्रकार की क्रियाएं चलती हैं, कुछ क्रियाएं अपने आप होती हैं और कुछ क्रियाएँ जानबूझकर अर्थात निर्णय पूर्वक होती हैं। जैसे भूख लगना अपने आप होने वाली क्रिया है पर कुछ खाना है कि नहीं यह निर्णय पूर्वक है। इसी प्रकार भूख लगने पर क्या खाना है यह भी निर्णय पूर्वक ही होता है।
इस गतिविधि के माध्यम से बच्चे इन क्रियाओं को पहचान पाएं व इनमें भेद कर पाएं। जो क्रियाएं जान बूझ कर होती हैं उन्हें मैं निर्णय पूर्वक करता हूँ इस बात पर भी बच्चों का ध्यान जाए यह प्रयास किया गया है।

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए

गतिविधि के चरण:
यह गतिविधि तीन कोने एक्टिविटी के माध्यम से करवाई जाएगी।
  • कक्षा में तीन कोने निश्चित कर दिए जाएं।
  • तीनो कोनों में क्रमवार तीन कार्ड रखे जाएं जिनपर लिखा हो:1अपने आप,2 जानबूझकर,3 पता नहीं
  • बच्चों को बताएं कि आप कुछ क्रियाएं बोलेंगे और उन्हें बताना है कि यह क्रिया अपने आप होती है, आप जानबूझकर करते हैं या आप को पता नहीं। अपने उत्तर के अनुसार एक कोना चुनलें और उसपर खड़े हो जाएं।
  • अब शिक्षक नीचे दी क्रियाओं में से कोई एक क्रिया बोले और बच्चों को समय दे कि वह अपना कोना चुनकर खड़े हों।
  • एक कोने में खड़े सभी विद्यार्थी आपस में अपने उत्तर के पक्ष में चर्चा कर लें।(थोड़ा समय दें कि विद्यार्थी अपना मत बदलना चाहें तो किसी दूसरे कोने में जा सकें।)
  • तीनों कोनों में से एक प्रतिनिधि आगे आकर बताए की वह ऐसा क्यों सोचते हैं।
    • नाखून काटना , नाखून बढ़ना , चलना, सोचना, हृदय का धड़कना, समझना, बातें करना, कल्पना करना, भोजन का पचना, सुनना, रक्त का बहना, साँस लेना।
अध्यापक के लिए प्रस्तुत स्पष्टीकरण:
जब कक्षा में मज़ा आ रहा होता है, तो घंटी बजने पर भी सुनाई नहीं देती। कान के परदे पर घंटी की आवाज़ पहुँचती है, पर हमारा उस पर ध्यान नहीं रहता। अर्थात सुनना निर्णय पूर्वक होता है। ऐसे ही देखना - यदि हमारा ध्यान कहीं और है तो हम कभी-कभी किसी दृश्य को वहां पर रहते हुए भी नहीं देख पाते हैं, अर्थात यह भी निर्णय पूर्वक होता है।)

गतिविधि हेतु प्रस्तावित प्रश्न :
1 कुछ क्रियाओं के उदाहरण दो जिन्हें हम निर्णय लेकर पूरा करते हैं।
किन क्रियायों में हमारी अपनी ज़िम्मेदारी रहती है? जैसे - कैसा भोजन करना है? (उत्तर - हमारे द्वारा की जाने वाली क्रियाएं)
2 भोजन में क्या व्यंजन खाना है यह कौन निर्णय करता है?
3 भोजन खाने के पश्चात पच जाना कौन करता है शरीर या मन।
4 जिस तरह भोजन के पचने में कोई निर्णय की आवश्यकता नहीं होती और भोजन स्वयं ही पच जाता है, इसी प्रकार अपने आप होने वाली अन्य क्रियाओं के उदाहरण दें।
5 ये क्रियाएँ हमारे शरीर के द्वारा होती है या इन्हें करने में किसी और का निर्णय रहता है??उदाहरण के साथ चर्चा करें कि किसका निर्णय रहता है।
6 भूख लगना कौन सी क्रिया है? चर्चा करें कि कैसे?
(उत्तर - अपने आप होने वाली)
7 भूख लगने पर भोजन करना है या नहीं करना है - यह निर्णय कौन लेता है - शरीर या मन? चर्चा करें कि कैसे?
(उत्तर - मन। जिस दिन उपवास रखते हैं, उस दिन हम भूख लगने पर भी खाते नहीं हैं। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि खाने का निर्णय मन लेता है। उसी प्रकार भूख मिट गयी हो और फिर भी खाना स्वादिष्ट लगता है तो हम ज़्यादा खाते हैं, इसका निर्णय मन लेता है।)
8 भोजन करते समय क्या और कितना खाना है, इस बात का निर्णय कौन लेता है ?

क्या करें और क्या न करें:
  • विद्यार्थियों द्वारा किसी प्रश्न का उत्तर सही न देने पर शिक्षक खोजपूर्ण प्रश्नों (probing questions) के माध्यम से विद्यार्थियों से ही सही उत्तर निकलवाए, लेकिन स्वयं उत्तर न बताए।
  • स्वयं में स्पष्टता हेतु पूर्व तैयारी आवश्यक है।
  • इन क्रियाओं के placards बनवा लें जो अगली गतिविधि में काम आएंगे।
  • List:
    • भोजन करना
    • सोना
    • बोलना
    • गाना सुनना
    • कपड़े पहनना
    • सम्मान करना
    • पढ़ना
    • सर्दी में हाथ सेंकना
    • पानी पीना
    • व्यायाम करना
    • खेल खेलना
    • प्रेम करना
    • साँस लेना
    • अनुमान लगाना
    • यह सूची और लंबी हो सकती है।
स्पष्टता हेतु नोट:
विद्यार्थियों की ओर से स्पष्टता हेतु निम्नलिखित क्रियाओं को भी चर्चा में शामिल किया जा सकता है - देखना, अनुमान लगाना, विश्लेषण करना, पसीना आना, बोलना, सूँघना, खाना, छूना, काँपना आदि।

कक्षा के अंत में एक 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें

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  1. तेरे गुण और मेरे गुण
  2. गुणों की खान
  3. चेक-इन
  4. अच्छी बातें अच्छे काम
  5. ग्रेटीट्यूड वाल
  6. खुशी एक भाव है
  7. आओ खुशी को समझें
  8. ख़ुशी तो सभी को चाहिए
  9. सोचने की क्षमता अपार- असीमित
  10. जान-बूझ कर या अपने-आप
  11. शरीर और मन की आवश्यकताएं
  12. मेरी भूमिका
  13. अच्छा लगना कितनी देर
  14. अच्छा लगना - अच्छा होना
  15. सामान और सम्मान
  16. मूल्य और कीमत का अंतर
  17. मुझे हमेशा चाहिए
  18. भ्रम
  19. भाव/feelings एक समान
  20. शरीर और मन की ताकत

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