11. शरीर और मन की आवश्यकताएं

गतिविधि का उद्देश्य:
  1. Body (शरीर) और Mind (मन) को दो भिन्न वास्तविकताओं के रूप में उनकी आवश्यकताओं (needs) के आधार पर पहचानना।
  2. बच्चों में इनके पहचान के आधार की समझ स्थापित करना - जैसे एक संवेदना ( 5 इन्द्रियों) से समझ आती है, एक हमें महसूस होती है
  3. मन की सभी आवश्यकताएँ निरंतर (continuous) हैं और शरीर की सभी आवश्यकताएँ सीमित है और समय समय पर चाहिए होती है।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: कार्ड्स पर लिखी हुई विभिन्न आवश्यकताएं। (भोजन, कपड़े, घर, मोबाइल, टेलीविज़न, कार, पेन, कॉपी, विश्वास,सम्मान,प्रेम, स्नेह,)

शिक्षक नोट:-
अपनी दिन प्रतिदिन की आवश्यकताओं को हम दो भागों में बाँट सकते हैं । पहली, जैसे:- भोजन, कपडे,घर, मोबाइल, टेलीविज़न, कार, पेन, कॉपी इत्यादि । दूसरे प्रकार की आवश्यकता भाव है :- विश्वास, सम्मान, प्रेम, स्नेह इत्यादि । इनकी तृप्ति के लिए दोनों प्रकार की आवश्यकताओं की सही पहचान होना आवश्यक है। इस गतिविधि में इस ओर ध्यान ले जाने की कोशिश हुई है ।
1. मन की सभी आवश्यकताएँ निरंतर (continuous) और असीमित (unlimited) हैं। इन्हें मानसिक (mental),भावात्मक (emotional) या अभौतिक (non physical) आवश्यकताएँ कहते हैं। जैसे- ख़ुशी, सम्मान, पहचान, स्नेह, प्यार, समझ, शांति, संतोष आदि। ये सभी भाव (feelings) हैं।ज़िंदा रहने में इनका योगदान नहीं है।
2. शरीर की सभी आवश्यकताएँ आवर्ती (repeated) और सीमित (limited) हैं। इन्हें शारीरिक या भौतिक (physical) आवश्यकताएँ कहते हैं। जैसे- भोजन, पानी, कपड़ा, मकान, गाड़ी आदि इनकी पहचान शारीरिक संवेदना से होती है। ये ज़िंदा रहने के लिए ज़रूरी हैं।

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए

गतिविधि के चरण:
  • कक्षा में दो स्टेशन बना दिए जाएं जिनका नाम शरीर और मन रख सकते हैं।
  • कुछ विद्यार्थियों से स्वेच्छा से आगे आने के लिए कहें। सभी विद्यार्थी एक एक कार्ड ले लें।अब सभी एक लाइन में खड़े हो जाएं। एक विद्यार्थी गार्ड बन सकता है और कार्ड पकड़े हुए विद्यार्थी एक रेलगाड़ी कि तरह चलेंगे गार्ड उन्हें हरी झंडी दिखाता रहे।
  • कार्ड्स में लिखे कार्यों के अनुसार अपना स्टेशन चुनकर बच्चे गाड़ी से एक-एक कर उतर जाएंगे। ध्यान यह रखना है कि आपके कार्ड पर लिखा कार्य शरीर की आवश्यकता है या मन की।
  • (शारीरिक आवश्यकताएँ जो ‘Body’ (शरीर) के लिए हैं और इन्हें हम अपनी इंद्रियों से देखकर, सुनकर, सूँघकर, चखकर या छूकर पहचानते हैं। जैसे:- पानी, कपड़ा, पंखा आदि। दूसरी मानसिक आवश्यकताएँ जो ‘Mind’ (मन) के लिए हैं और इन्हें हम अपने मन से ही पहचानते हैं। इन्हें इंद्रियों से नहीं पहचाना जा सकता है। इन्हें केवल सोचकर, समझकर या अपने अंदर महसूस करके ही पहचानते हैं। जैसे:- सम्मान, स्नेह, संतोष आदि)
  • अब शिक्षक विद्यार्थियों द्वारा दो भागों में बाँटी गई इन आवश्यकताओं को बोर्ड पर अलग-अलग लिखे।
  • यदि किसी ने आवश्यकता की पहचान ठीक से नहीं की है तो इंद्रियों से पहचान के आधार पर पुनः चर्चा कर ठीक करने का अवसर दें।
  • अब दोनों स्टेशन को इन दोनों प्रकार की आवश्यकताओं के बारे में कुछ समय तक सोचने का मौका दें और फिर निम्नलिखित प्रश्नों पर चर्चा करें।
गतिविधि हेतु प्रस्तावित प्रश्न:
1. क्या शरीर की आवश्यकताएँ सभी लोगों के लिए एक ही प्रकार की होती हैं? चर्चा करें, जैसे- चश्मा
2. क्या मन की आवश्यकताएँ सभी लोगों के लिए एक ही प्रकार की होती हैं? चर्चा करें, जैसे- सम्मान
3. क्या शरीर की आवश्यकताओं की पूर्ति मन की आवश्यकताओं से की जा सकती है? चर्चा करें।(जैसे:यदि शरीर को भोजन की आवश्यकता है तो सम्मान देकर शरीर की भोजन सम्बन्धी भूख नहीं मिटाई जा सकती।)
4. क्या मन की आवश्यकताओं की पूर्ति शरीर की आवश्यकताओं से की जा सकती है? चर्चा करें। (जैसे: केवल भोजन खिलाकर यह सुनिश्चित नहीं किया जा सकता कि उन्हें सम्मानित कर दिया गया है।)

क्या करें और क्या न करें (Dos and Don’ts):
  • शिक्षक अपनी तरफ़ से सही उत्तर (solution) न बताकर विद्यार्थियों से सही प्रश्न करे ताकि वे स्वयं सही उत्तर तक पहुँच सकें।
  • विद्यार्थियों को सोचने का पर्याप्त मौका दें।
कक्षा के अंत में एक 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें

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  1. तेरे गुण और मेरे गुण
  2. गुणों की खान
  3. चेक-इन
  4. अच्छी बातें अच्छे काम
  5. ग्रेटीट्यूड वाल
  6. खुशी एक भाव है
  7. आओ खुशी को समझें
  8. ख़ुशी तो सभी को चाहिए
  9. सोचने की क्षमता अपार- असीमित
  10. जान-बूझ कर या अपने-आप
  11. शरीर और मन की आवश्यकताएं
  12. मेरी भूमिका
  13. अच्छा लगना कितनी देर
  14. अच्छा लगना - अच्छा होना
  15. सामान और सम्मान
  16. मूल्य और कीमत का अंतर
  17. मुझे हमेशा चाहिए
  18. भ्रम
  19. भाव/feelings एक समान
  20. शरीर और मन की ताकत

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