गतिविधि का उद्देश्य: विद्यार्थियों को शरीर और मन की ताकत के भेद से अवगत कराना। समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं है।
शिक्षक के लिए नोट:
अक्सर यह देखने में आता है कि कुछ लोग शारीरिक ताकत कम होने के बावज़ूद भी अपने मन की ताकत से बड़ी उपलब्धियाँ हासिल कर लेते हैं। वहीं कुछ लोग शारीरिक ताकत अधिक होने पर भी प्रतिकूल परिस्थितियों में बहुत अधिक चिंतित हो जाते हैं। ऐसे लोग अपनी क्षमताओं से अवगत नहीं होते हैं। जबकि प्रत्येक व्यक्ति में सोचने-समझने की असीम ताकत होती है।
इस गतिविधि और प्रश्नों के माध्यम से विद्यार्थियों का ध्यान मन की ताकत की ओर दिलाने का प्रयास किया गया है। इससे प्रत्येक विद्यार्थी में यह भरोसा जगेगा कि वे अपने मन की ताकत से जीवन में बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकते हैं, फ़िर चाहे शारीरिक ताकत कम ही क्यों न हो।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए
पहला दिन:
गतिविधि के चरण:
1. कौन सा काम आप शारीरिक ताकत होने के बावज़ूद किसी डर की वजह से नहीं कर पाए? अपने जिंदगी से जुड़ा उदाहरण साझा करिए।
2. कौन सा काम आप शारीरिक ताकत न होने पर भी मन में ठान लेने के कारण कर पाए? कैसे?
3. आप अपने आसपास किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो शारीरिक रूप से अधिक ताकतवर न होने के बावज़ूद अपने साथ-साथ दूसरों की मदद कर रहा हो? कैसे?
दूसरा दिन:
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1. आप कैसे पहचानते हैं कि आपके पास मन की ताकत है?
2. स्वयं के द्वारा किए जाने वाले किन कामों में केवल मन की ताकत की आवश्यकता होती है? सूची बनाए।
3. शरीर की ताकत को कैसे बढ़ाया जा सकता है? इसे बढ़ाने की आवश्यकता क्यों है?
4. मन की ताकत को कैसे बढ़ाया जा सकता है? इसे बढ़ाने की आवश्यकता क्यों है?
कक्षा के अंत में एक 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें
------------------------
आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं है।
शिक्षक के लिए नोट:
अक्सर यह देखने में आता है कि कुछ लोग शारीरिक ताकत कम होने के बावज़ूद भी अपने मन की ताकत से बड़ी उपलब्धियाँ हासिल कर लेते हैं। वहीं कुछ लोग शारीरिक ताकत अधिक होने पर भी प्रतिकूल परिस्थितियों में बहुत अधिक चिंतित हो जाते हैं। ऐसे लोग अपनी क्षमताओं से अवगत नहीं होते हैं। जबकि प्रत्येक व्यक्ति में सोचने-समझने की असीम ताकत होती है।
इस गतिविधि और प्रश्नों के माध्यम से विद्यार्थियों का ध्यान मन की ताकत की ओर दिलाने का प्रयास किया गया है। इससे प्रत्येक विद्यार्थी में यह भरोसा जगेगा कि वे अपने मन की ताकत से जीवन में बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकते हैं, फ़िर चाहे शारीरिक ताकत कम ही क्यों न हो।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए
पहला दिन:
गतिविधि के चरण:
- विद्यार्थियों को छोटे समूहों में बाँटा जाए।
- प्रत्येक समूह 5-7 मिनट चर्चा करके निम्नलिखित तीन तरह की ताकत से किए जाने वाले कुछ कामों की सूची बनाएँ।
- 1. शरीर की ताकत
- 2. मन की ताकत
- 3. शरीर और मन दोनों की ताकत
- अब प्रत्येक समूह अपनी सूचियों को कक्षा में प्रस्तुत करें।
- जिस किसी काम को लेकर स्पष्टता न होने की स्थिति में जिस ताकत की प्रधानता हो उस सूची में रखा जाए।
1. कौन सा काम आप शारीरिक ताकत होने के बावज़ूद किसी डर की वजह से नहीं कर पाए? अपने जिंदगी से जुड़ा उदाहरण साझा करिए।
2. कौन सा काम आप शारीरिक ताकत न होने पर भी मन में ठान लेने के कारण कर पाए? कैसे?
3. आप अपने आसपास किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो शारीरिक रूप से अधिक ताकतवर न होने के बावज़ूद अपने साथ-साथ दूसरों की मदद कर रहा हो? कैसे?
दूसरा दिन:
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1. आप कैसे पहचानते हैं कि आपके पास मन की ताकत है?
2. स्वयं के द्वारा किए जाने वाले किन कामों में केवल मन की ताकत की आवश्यकता होती है? सूची बनाए।
3. शरीर की ताकत को कैसे बढ़ाया जा सकता है? इसे बढ़ाने की आवश्यकता क्यों है?
4. मन की ताकत को कैसे बढ़ाया जा सकता है? इसे बढ़ाने की आवश्यकता क्यों है?
कक्षा के अंत में एक 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें
------------------------
- तेरे गुण और मेरे गुण
- गुणों की खान
- चेक-इन
- अच्छी बातें अच्छे काम
- ग्रेटीट्यूड वाल
- खुशी एक भाव है
- आओ खुशी को समझें
- ख़ुशी तो सभी को चाहिए
- सोचने की क्षमता अपार- असीमित
- जान-बूझ कर या अपने-आप
- शरीर और मन की आवश्यकताएं
- मेरी भूमिका
- अच्छा लगना कितनी देर
- अच्छा लगना - अच्छा होना
- सामान और सम्मान
- मूल्य और कीमत का अंतर
- मुझे हमेशा चाहिए
- भ्रम
- भाव/feelings एक समान
- शरीर और मन की ताकत
No comments:
Post a Comment