गतिविधि का उद्देश्य:
1. सम्बन्ध में मेरी अपेक्षा वस्तु/चीज़ों के साथ-साथ भाव की भी रहती हैं।
2. दूसरों की अपेक्षा भी मुझसे वस्तु/चीज़ों के साथ-साथ भाव की भी रहती हैं।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: कोई विशेष सामग्री नहीं
शिक्षक नोट:-
सम्बन्ध में अपेक्षाएं रहती हैं। हमें कई बार लगता है कि सम्बन्ध में हमारी अपेक्षा चीज़ों की ही ज्यादा रहती हैं और भाव (विश्वास, सम्मान, स्नेह आदि) की कम रहती है। ध्यान देकर देखे तो यह स्पष्ट होता है कि सही भाव के साथ ही ये चीज़ें/वस्तु हमें स्वीकार्य होती हैं। जैसे अगर कोई हमें हमारा मनपसंद भोजन दे, पर वह गुस्से में हो तो वह मनपसंद भोजन भी हमें अच्छा नहीं लगता। इसका मतलब हमें वस्तु भी चाहिए और उसके साथ सम्मान व विश्वास का भाव भी चाहिए।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए
गतिविधि के चरण:
चार या पांच छोटे समूह बनाकर निम्नलिखित प्रश्न पर्ची पर लिखकर हर एक समूह को दे दें और आपस में 5 मिनट चर्चा करने को कहे :-(हर समूह में एक टाइमकीपर बनाने को कहें जो समय सीमा का ध्यान भी रखेगा।)
अपनों से हमें निम्नलिखित में से कौन सी स्थिति स्वीकृत होती है ? उदाहरणों के साथ चर्चा करें कि ऐसा क्यों होता है?
गतिविधि हेतु प्रस्तावित प्रश्न:
------------------------
1. सम्बन्ध में मेरी अपेक्षा वस्तु/चीज़ों के साथ-साथ भाव की भी रहती हैं।
2. दूसरों की अपेक्षा भी मुझसे वस्तु/चीज़ों के साथ-साथ भाव की भी रहती हैं।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: कोई विशेष सामग्री नहीं
शिक्षक नोट:-
सम्बन्ध में अपेक्षाएं रहती हैं। हमें कई बार लगता है कि सम्बन्ध में हमारी अपेक्षा चीज़ों की ही ज्यादा रहती हैं और भाव (विश्वास, सम्मान, स्नेह आदि) की कम रहती है। ध्यान देकर देखे तो यह स्पष्ट होता है कि सही भाव के साथ ही ये चीज़ें/वस्तु हमें स्वीकार्य होती हैं। जैसे अगर कोई हमें हमारा मनपसंद भोजन दे, पर वह गुस्से में हो तो वह मनपसंद भोजन भी हमें अच्छा नहीं लगता। इसका मतलब हमें वस्तु भी चाहिए और उसके साथ सम्मान व विश्वास का भाव भी चाहिए।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए
गतिविधि के चरण:
चार या पांच छोटे समूह बनाकर निम्नलिखित प्रश्न पर्ची पर लिखकर हर एक समूह को दे दें और आपस में 5 मिनट चर्चा करने को कहे :-(हर समूह में एक टाइमकीपर बनाने को कहें जो समय सीमा का ध्यान भी रखेगा।)
अपनों से हमें निम्नलिखित में से कौन सी स्थिति स्वीकृत होती है ? उदाहरणों के साथ चर्चा करें कि ऐसा क्यों होता है?
- जब सामान मिले सम्मान न मिले
- जब सम्मान मिले सामान न मिले
- जब सामान भी मिले और सम्मान भी मिले
गतिविधि हेतु प्रस्तावित प्रश्न:
- आपके कोई संबंधी जैसे भाई/बहन आपको कोई वस्तु(सामान) दें पर सम्मान न दे तो आपको कैसा लगेगा?
- क्या केवल पैसा कमाना, बाज़ार से सामान लाना, खाना, पीना, अच्छे कपड़े पहनना पर्याप्त है या आपको इसके अतिरिक्त भी कुछ आवश्यकता होती है?वह आवश्यकता क्या है?
- दूसरे लोग भी आपसे वस्तु के साथ भाव की भी(विश्वास और सम्मान आदि) अपेक्षा रखते हैं। अपनी जिन्दगी से जुड़ा हुआ कोई उदाहरण दीजिये।
------------------------
- तेरे गुण और मेरे गुण
- गुणों की खान
- चेक-इन
- अच्छी बातें अच्छे काम
- ग्रेटीट्यूड वाल
- खुशी एक भाव है
- आओ खुशी को समझें
- ख़ुशी तो सभी को चाहिए
- सोचने की क्षमता अपार- असीमित
- जान-बूझ कर या अपने-आप
- शरीर और मन की आवश्यकताएं
- मेरी भूमिका
- अच्छा लगना कितनी देर
- अच्छा लगना - अच्छा होना
- सामान और सम्मान
- मूल्य और कीमत का अंतर
- मुझे हमेशा चाहिए
- भ्रम
- भाव/feelings एक समान
- शरीर और मन की ताकत
No comments:
Post a Comment