गतिविधि का उद्देश्य: यह समझ आएगा कि:
आवश्यक सामग्री: कोई विशेष सामग्री की जरूरत नहीं
शिक्षक नोट:-
सम्मान पाने के लिए हम विभिन्न प्रयास करते हैं और सम्मान हम सबको चाहिए। कभी हमें लगता है घर बड़ा होने से सम्मान होगा तो कभी लगता है कि कार बड़ी होने से सम्मान होगा अर्थात सम्मान पाने के लिए हम अलग-अलग तरह से प्रयास करते हैं, पर सम्मान चाहिए हम सबको। इसी प्रकार से अपने रूप के आधार पर, अपने धन या पद के आधार पर, या शरीर के बल के आधार पर सम्मान पाने के प्रयास में लगे रहते है। परन्तु सच्चाई यह है कि सामान की जरूरत शरीर को है न कि मन की। यह गतिविधि इस ओर बच्चों का ध्यानाकर्षण करेगी।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए
गतिविधि के चरण:
1. शिक्षक बोर्ड पर एक वाक्य लिखें - सामान (गाड़ी, कपड़ा, मकान आदि), से हमेशा सम्मान मिलता है।
2. विद्यार्थियों से पूछें - कितने इस वाक्य से सहमत हैं और कितने असहमत?
3. जितने सहमत है उनका एक ग्रुप बना दें और जितने असहमत हैं उनका एक ग्रुप बना दें।
4. अगर कुछ लोग इन दोनों में से कोई भी पक्ष नहीं ले पा रहें तो उनका एक तीसरा ग्रुप बना दें।
5. तीनों ग्रुप को 10 मिनट का समय दिया जाए जब वह अपनी सहमति/ असहमति/ संदेह के बारे में चर्चा करें।
6. चर्चा में वह अपनी बात को समझाने व् प्रस्तुत करने के लिए बिंदु सोचें/लिखें।
7. फिर प्रत्येक ग्रुप को अपनी प्रस्तुति के लिए 5 मिनट का समय दिया जाए। (संभव हो तो विद्यार्थी प्रस्तुति में चार्ट पेपर का प्रयोग करें। )
8. प्रस्तुति के पश्चात तीनों ग्रुप को एक दूसरे से प्रश्न करने का अवसर दिया जाये।
9. फिर पूछें - सभी बिंदुओं को सुनने के बाद किसी विद्यार्थी का मन बदला है और वह अपना ग्रुप बदलना चाहेगा?
10. शिक्षक ग्रुप बदलने का अवसर दें।
गतिविधि हेतु प्रस्तावित प्रश्न:
1. कौन कौन सी चीज़ें हैं जिनसे हमारा सम्मान बढ़ता है ?
2. सामान से सम्मान कितनी देर तक मिलता है, थोड़ी देर, थोडा अधिक देर या हमेशा ?
3. सम्मान हमें कितना चाहिए - कभी कभी या हमेशा ?
4. यदि सामान से सम्मान चाह रहें हैं तो सामान कितना चाहिये होगा?
शिक्षक कथन(if any):- सामान से सम्मान कुछ देर तक ही मिलता है अगर उससे हमें ज़्यादा सम्मान चाहिए तो सामान भी ज़्यादा चाहिए इसीलिये इस समय चारों तरफ सामान जुटाने की होड़ लगी है। परन्तु हमें तो सम्मान निरंतर चाहिए और सामान से निरंतर सम्मान मिल नहीं सकता है।
कक्षा के अंत में एक 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें
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- सामान की उपयोगिता शरीर के लिए है यह समझ में आ सकेगा।
- सम्मान शरीर की नहीं परन्तु मन(मेरी)की आवश्यकता है।
आवश्यक सामग्री: कोई विशेष सामग्री की जरूरत नहीं
शिक्षक नोट:-
सम्मान पाने के लिए हम विभिन्न प्रयास करते हैं और सम्मान हम सबको चाहिए। कभी हमें लगता है घर बड़ा होने से सम्मान होगा तो कभी लगता है कि कार बड़ी होने से सम्मान होगा अर्थात सम्मान पाने के लिए हम अलग-अलग तरह से प्रयास करते हैं, पर सम्मान चाहिए हम सबको। इसी प्रकार से अपने रूप के आधार पर, अपने धन या पद के आधार पर, या शरीर के बल के आधार पर सम्मान पाने के प्रयास में लगे रहते है। परन्तु सच्चाई यह है कि सामान की जरूरत शरीर को है न कि मन की। यह गतिविधि इस ओर बच्चों का ध्यानाकर्षण करेगी।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए
गतिविधि के चरण:
1. शिक्षक बोर्ड पर एक वाक्य लिखें - सामान (गाड़ी, कपड़ा, मकान आदि), से हमेशा सम्मान मिलता है।
2. विद्यार्थियों से पूछें - कितने इस वाक्य से सहमत हैं और कितने असहमत?
3. जितने सहमत है उनका एक ग्रुप बना दें और जितने असहमत हैं उनका एक ग्रुप बना दें।
4. अगर कुछ लोग इन दोनों में से कोई भी पक्ष नहीं ले पा रहें तो उनका एक तीसरा ग्रुप बना दें।
5. तीनों ग्रुप को 10 मिनट का समय दिया जाए जब वह अपनी सहमति/ असहमति/ संदेह के बारे में चर्चा करें।
6. चर्चा में वह अपनी बात को समझाने व् प्रस्तुत करने के लिए बिंदु सोचें/लिखें।
7. फिर प्रत्येक ग्रुप को अपनी प्रस्तुति के लिए 5 मिनट का समय दिया जाए। (संभव हो तो विद्यार्थी प्रस्तुति में चार्ट पेपर का प्रयोग करें। )
8. प्रस्तुति के पश्चात तीनों ग्रुप को एक दूसरे से प्रश्न करने का अवसर दिया जाये।
9. फिर पूछें - सभी बिंदुओं को सुनने के बाद किसी विद्यार्थी का मन बदला है और वह अपना ग्रुप बदलना चाहेगा?
10. शिक्षक ग्रुप बदलने का अवसर दें।
गतिविधि हेतु प्रस्तावित प्रश्न:
1. कौन कौन सी चीज़ें हैं जिनसे हमारा सम्मान बढ़ता है ?
2. सामान से सम्मान कितनी देर तक मिलता है, थोड़ी देर, थोडा अधिक देर या हमेशा ?
3. सम्मान हमें कितना चाहिए - कभी कभी या हमेशा ?
4. यदि सामान से सम्मान चाह रहें हैं तो सामान कितना चाहिये होगा?
शिक्षक कथन(if any):- सामान से सम्मान कुछ देर तक ही मिलता है अगर उससे हमें ज़्यादा सम्मान चाहिए तो सामान भी ज़्यादा चाहिए इसीलिये इस समय चारों तरफ सामान जुटाने की होड़ लगी है। परन्तु हमें तो सम्मान निरंतर चाहिए और सामान से निरंतर सम्मान मिल नहीं सकता है।
कक्षा के अंत में एक 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें
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- तेरे गुण और मेरे गुण
- गुणों की खान
- चेक-इन
- अच्छी बातें अच्छे काम
- ग्रेटीट्यूड वाल
- खुशी एक भाव है
- आओ खुशी को समझें
- ख़ुशी तो सभी को चाहिए
- सोचने की क्षमता अपार- असीमित
- जान-बूझ कर या अपने-आप
- शरीर और मन की आवश्यकताएं
- मेरी भूमिका
- अच्छा लगना कितनी देर
- अच्छा लगना - अच्छा होना
- सामान और सम्मान
- मूल्य और कीमत का अंतर
- मुझे हमेशा चाहिए
- भ्रम
- भाव/feelings एक समान
- शरीर और मन की ताकत
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