गतिविधि का उद्देश्य: विद्यार्थियों को अपनी आवश्यकताओं और उन्हें पूरा करने के स्रोतों व इसमें स्वयं की भूमिका से अवगत कराना।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: कॉपी और पेन
शिक्षक नोट:
हम रोजमर्रा की जरूरतों में बहुत सारी वस्तुओं का उपयोग करते हैं । क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि वे वस्तुएं कहाँ से आती हैं? उनका उत्पादन कैसे होता है ? आज अधिकतर लोग ऐसे पेशे का चुनाव करते हैं जिसमें उत्पादन गतिविधियाँ न के बराबर हो। यह गतिविधि इस पक्ष पर ध्यान दिलाने के लिए है कि उत्पादन अर्थात श्रम से जुड़े व्यवसाय भी गौरवान्वित करने वाले व्यवसाय हैं, व इनकी समाज में अहम भूमिका है। मान्यतावश इन्हे कम आँका जाता है।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए
गतिविधि के चरण :
1. ऐसे कौन से व्यवसाय है जिनसे वस्तुओं का निर्माण या उत्पादन होता है?
2. सेवाएं प्रदान करने वाले कौन कौन से व्यवसाय हैं?
3. यदि भविष्य में सभी बच्चे ऐसे व्यवसाय करेंगे जिनसे वस्तुओं का उत्पादन या निर्माण नहीं होता तो आवश्यक वस्तुएँ कहाँ से आएँगी? इससे क्या नुकसान होगा?
4. महँगाई, मिलावट और वस्तुओं के अभाव की समस्याओं को कैसे दूर किया जा सकता है?किस किस व्यवसाय में रहकर आप इन समस्याओं को दूर करने का कार्य कर पाएंगे।
क्या करें और क्या न करें :
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समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: कॉपी और पेन
शिक्षक नोट:
हम रोजमर्रा की जरूरतों में बहुत सारी वस्तुओं का उपयोग करते हैं । क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि वे वस्तुएं कहाँ से आती हैं? उनका उत्पादन कैसे होता है ? आज अधिकतर लोग ऐसे पेशे का चुनाव करते हैं जिसमें उत्पादन गतिविधियाँ न के बराबर हो। यह गतिविधि इस पक्ष पर ध्यान दिलाने के लिए है कि उत्पादन अर्थात श्रम से जुड़े व्यवसाय भी गौरवान्वित करने वाले व्यवसाय हैं, व इनकी समाज में अहम भूमिका है। मान्यतावश इन्हे कम आँका जाता है।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए
गतिविधि के चरण :
- कक्षा को 5-6 विद्यार्थियों के छोटे समूहों में बाँटा जाए।
- प्रत्येक समूह 5 मिनट में उन वस्तुओं एवं सेवाओं की सूची बनाएँ जिनको वे प्रतिदिन काम में लेते हैं और ये उन्हें खरीदना पड़ता है। शिक्षक बोर्ड पर बीच में लाइन खींचकर इसे दो भागों में बाँटे। एक तरफ बच्चों द्वारा लिखी गई सभी वस्तुओं के नाम लिखें ।
- अब एक एक विद्यार्थी को खड़ा करें और बारी-बारी से पूछें कि वे अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद क्या बनाना चाहेंगे या कौन सा व्यवसाय करना पसंद करेंगे।
- पहले विद्यार्थी द्वारा बताए गए व्यवसाय का नाम बोर्ड पर दूसरे भाग में लिखें और विद्यार्थियों से कहें कि जो भी यह बनना चाहते हैं या इस व्यवसाय को करना पसंद करते हैं वे सभी बैठ जाएँ। इसी प्रकार शेष विद्यार्थियों से भी पूछकर लिखते जाएँ और उन्हें बैठाते जाएँ। एक व्यवसाय को दो बार न लिखें।
- अब विद्यार्थियों से पूछें कि आपके द्वारा चाहे गए व्यवसायों से बोर्ड पर लिखी हमारी कौन-कौन सी आवश्यक वस्तुएँ उत्पादित या निर्मित होती हैं अथवा कोई सेवा मिलती है ।एक एक करके विद्यार्थी आएं और इन व्यवसायों पर गोला लगाते चलें।
- शेष बची वस्तुओं एवं सेवाओं की पूर्ति के लिए कुछ देर सोचने के लिए कहा जाए और निम्नलिखित प्रश्नों पर चर्चा करें।
1. ऐसे कौन से व्यवसाय है जिनसे वस्तुओं का निर्माण या उत्पादन होता है?
2. सेवाएं प्रदान करने वाले कौन कौन से व्यवसाय हैं?
3. यदि भविष्य में सभी बच्चे ऐसे व्यवसाय करेंगे जिनसे वस्तुओं का उत्पादन या निर्माण नहीं होता तो आवश्यक वस्तुएँ कहाँ से आएँगी? इससे क्या नुकसान होगा?
4. महँगाई, मिलावट और वस्तुओं के अभाव की समस्याओं को कैसे दूर किया जा सकता है?किस किस व्यवसाय में रहकर आप इन समस्याओं को दूर करने का कार्य कर पाएंगे।
क्या करें और क्या न करें :
- प्रत्येक विद्यार्थी की भावनाओं का सम्मान किया जाए। उनके द्वारा पसंद किए गए व्यवसायों पर किसी प्रकार की टिप्पणी न की जाए।
- विद्यार्थियों को स्वयं सोचने एवं निष्कर्ष निकालने के अवसर दें।
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- तेरे गुण और मेरे गुण
- गुणों की खान
- चेक-इन
- अच्छी बातें अच्छे काम
- ग्रेटीट्यूड वाल
- खुशी एक भाव है
- आओ खुशी को समझें
- ख़ुशी तो सभी को चाहिए
- सोचने की क्षमता अपार- असीमित
- जान-बूझ कर या अपने-आप
- शरीर और मन की आवश्यकताएं
- मेरी भूमिका
- अच्छा लगना कितनी देर
- अच्छा लगना - अच्छा होना
- सामान और सम्मान
- मूल्य और कीमत का अंतर
- मुझे हमेशा चाहिए
- भ्रम
- भाव/feelings एक समान
- शरीर और मन की ताकत
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