गतिविधि का उद्देश्य: आपसी विश्वास को सुदृढ़ करते हुए अच्छाई को बढ़ावा देना ।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं है। पर यदि चार्ट पेपर/A4 शीट और डबल टेप/सेलो टेप/गोंद उपलब्ध हो तो गतिविधि का रूप थोड़ा भिन्न हो जाएगा।
शिक्षक के लिए नोट: जब हमारा ध्यान दूसरों के अच्छे कार्यों की ओर जाता है तो यह विश्वास बनता है, कि हर व्यक्ति कुछ न कुछ अच्छा करता है। जब हम अच्छी बात देखने को प्राथमिकता में लाते हैं तब गलतियों से प्रभावित होना ख़त्म होता है। साथ ही, दूसरे व्यक्ति को उसकी अच्छी बात बताने से उसका आत्म-विश्वास बढ़ता है।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
1. आप लोगों को एक दूसरे के बारे में जानकर कैसा लगा?
2. किन बातों से आप बहुत प्रभावित हुए? तथा क्यों?
3. कब-कब आपको ऐसा लगा कि ऐसा तो मैं भी करता हूँ?
4. किन बातों से आपको लगा कि वैसा आपने किया तो नहीं है पर अवसर मिलने पर करेंगे?
5. क्या आपकी कभी अपने घर के बड़ों से इस तरह की चर्चा हुई है ,जब उनसे आपने जाना हो कि कब और कैसे उन्होंने अच्छे काम किए हैं? (इन प्रश्नों से विद्यार्थियों को घर जाकर अपने बड़ों से बात करने का विषय मिल चुका होगा। अगले दिन की चर्चा के लिए इसे आधार बनाकर बढ़ा जा सकता है।)
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
क्या करें क्या न करें:
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं है। पर यदि चार्ट पेपर/A4 शीट और डबल टेप/सेलो टेप/गोंद उपलब्ध हो तो गतिविधि का रूप थोड़ा भिन्न हो जाएगा।
शिक्षक के लिए नोट: जब हमारा ध्यान दूसरों के अच्छे कार्यों की ओर जाता है तो यह विश्वास बनता है, कि हर व्यक्ति कुछ न कुछ अच्छा करता है। जब हम अच्छी बात देखने को प्राथमिकता में लाते हैं तब गलतियों से प्रभावित होना ख़त्म होता है। साथ ही, दूसरे व्यक्ति को उसकी अच्छी बात बताने से उसका आत्म-विश्वास बढ़ता है।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
- विद्यार्थियों को 5-6 के छोटे छोटे समूहों में बैठाया जाए।
- अपने अपने समूह में वे बताएँ कि पिछले कुछ दिनों में उन्होंने कौन सा अच्छा काम किया था।
- समूह में से एक विद्यार्थी अपने समूह के विद्यार्थियों के उन कार्यों को एक कागज़ पर लिख ले।
- चर्चा करने और लिखने के लिए 10 मिनट देने के बाद उनके कागजों को कक्षा के अलग अलग स्थानों पर चिपका दें/रख दें।
- अब प्रत्येक समूह अन्य समूह के कार्यों को जाकर पढ़े। इस कार्य के लिए लगभग 10 मिनट दिए जा सकते हैं।
- अब विद्यार्थी वापस अपने स्थान पर आकर बैठें और पूरी कक्षा निम्नलिखित प्रश्नों के आधार पर एक साथ चर्चा में शामिल हो।
- प्रत्येक समूह की प्रस्तुति करवाएँ ।
1. आप लोगों को एक दूसरे के बारे में जानकर कैसा लगा?
2. किन बातों से आप बहुत प्रभावित हुए? तथा क्यों?
3. कब-कब आपको ऐसा लगा कि ऐसा तो मैं भी करता हूँ?
4. किन बातों से आपको लगा कि वैसा आपने किया तो नहीं है पर अवसर मिलने पर करेंगे?
5. क्या आपकी कभी अपने घर के बड़ों से इस तरह की चर्चा हुई है ,जब उनसे आपने जाना हो कि कब और कैसे उन्होंने अच्छे काम किए हैं? (इन प्रश्नों से विद्यार्थियों को घर जाकर अपने बड़ों से बात करने का विषय मिल चुका होगा। अगले दिन की चर्चा के लिए इसे आधार बनाकर बढ़ा जा सकता है।)
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
क्या करें क्या न करें:
- चर्चा में शिक्षक स्वयं भी अपने अच्छे काम साझा करें तो अच्छा होगा।
- जब विद्यार्थी चर्चा कर रहे हों तो उन्हें पूरा वक़्त दें।
- समय सीमा में बाँधने का अधिक प्रयास न करें।
- यदि गतिविधि और समय की माँग करती है तो एक और दिन भी दिया जा सकता है।
- अपनी ख़ुशी के हम निर्माता
- कितने दोस्त
- खुशी देर तक या कम समय तक
- खुशी या खुशी पाने के तरीके
- खेतों से मेज़ तक
- तुम्हारे गुण मैं बताऊं
- नाम और इशारा
- मेरी विशेषताएँ
- मेरे अच्छे काम
- मैं आपको जानता हूँ
- स्वास्थ्य व स्वच्छता के स्टेशन
- थम्स अप, थम्स डाउन
- व्यवस्था में मेरी भागीदारी
- मेरे आस-पास
- मेरी भावनाएँ
- सिक्के का दूसरा पहलू
- संबंधों में ख़ुशी
- अदृश्य सितारे
- अच्छा है या नहीं
- यू आर स्पेशल
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