गतिविधि का उद्देश्य: विद्यार्थियों का ध्यान प्रकृति की चार अवस्थाओं की ओर ले जाना !
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं है
शिक्षक के लिए नोट: प्रकृति की सभी वस्तुएँ साधारण रूप से चार तरह से बाँटी जा सकती हैं ।
1. मिट्टी,रेत,पत्थर,धातु आदि का समूह
2. छोटे बड़े सभी तरह के पौधे
3. जीव अवस्था सभी जंतु
4. मानव ये सभी अवस्थाएँ एक दूसरे की पूरक होती हैं। एक के बिना दूसरे के अस्तित्व की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
- कक्षा के सभी विद्यार्थियों को जोड़े बनाने को कहें।
- छात्रों को प्रकृति में उपलब्ध सभी वस्तुओं के नाम लिखने को कहें।
- उन वस्तुओं के नाम एक दूसरे से जोड़े में साझा करने को कहें।
- दोनों विद्यार्थी मिलकर एक ही सूची बनाएँ। उदाहरण:चिड़िया , कुत्ता , घास , झाड़ू, आदमी, स्त्री , चूहा, पत्थर , मक्खी , बच्चा ,पानी, डेस्क ,चाक ,खाना, अध्यापक , इत्यादि !
- विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई सूची को अध्यापक ब्लैक बोर्ड पर लिखते रहें। (ध्यान दें कि सूची जितनी बड़ी बने उतना अच्छा है।)
- जब तक विद्यार्थी वस्तुओं के नाम बताते रहें तब तक उन्हें जोड़ते रहें । सूची के द्वारा प्राप्त शब्दों को अध्यापक अपने पास अगले दिन की गतिविधि के लिए संभालकर रख लें।
पहला दिन: चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न
1. क्या किन्हीं वस्तुओं में कुछ समानता है? आपको किस किस वस्तु में समानता दिखती है?
2. ये वस्तुएँ एक दूसरे के लिए कैसे भिन्न हैं?
3. क्या प्रकृति में उपलब्ध इन वस्तुओं का वर्गीकरण संभव है?इन्हें किन आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
क्या करें क्या न करें :
- अच्छा हो यदि आप इस गतिविधि के लिए विद्यार्थियों को खुले मैदान में ले जाएँ ।
- शिक्षक विद्यार्थियों का ध्यान प्रकृति की विभिन्न वस्तुओं की ओर ले जाएँ।
- शिक्षक सभी विद्यार्थियों को प्रकृति में मौजूद विभिन्न वस्तुओं की तरह एक दूसरे के लिए पूरक होने के लिए प्रोत्साहित करेंगे ।
दूसरा दिन
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
- छात्रों के चार समूह बनाएँ I
- शिक्षक पिछले दिन विद्यार्थियों द्वारा बताई गई वस्तुओं के नाम श्यामपट्ट पर लिख दें तथा इनका वर्गीकरण करें।
- प्रत्येक समूह को कहें कि श्यामपट्ट पर लिखी गई जिन वस्तुओं को वे अपने समूह से संबंधित समझते हैं उन्हें वे अपने समूह में रख लें।
- मुख्य रूप से निम्न चार समूह हमें प्रकृति में दिखाई देते हैं।
- मिटटी ,पत्थर,धातु,हवा , (सभी पदार्थ निर्जीव)
- पेड़-पौधों का समूह (सभी पेड़ पौधे ,)
- शेर,बकरी ,गाय,चूहा, चिड़िया आदि का समूह (सभी जीव जंतु)
- मानव का समूह
- शिक्षक इन चारों समूहों के लिए श्यामपट्ट पर निम्न तालिका बना लेंI
- शिक्षक बच्चों के समूहों से आई वस्तुओं के नाम तालिका में लिख लें।
वस्तु का नाम
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मिट्टी, पत्थर, धातु, हवा, प्रकाश आदि
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पेड़, पौधे आदि
|
शेर, बकरी, गाय, चूहा, चिड़िया आदि
|
मानव
|
- सभी बच्चों को एक मौका दें कि वे देख लें कि क्या सभी वस्तुएँ सही जगह पर रखी गई हैं
दूसरा दिन: चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न
1. चारों समूहों में वस्तुओं को किन गुणों के कारण रखा गया है। समूह की वस्तुओं में क्या क्या समानताएँ हैं। चर्चा करें।
2. इनमें चारों समूहों मेंकौन-कौन से अंतर है?चर्चा करें।
3. इनमें से कौन -कौन सी वस्तुएँ हमारे लिए उपयोगी होती हैं?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
क्या करें क्या न करें:
- तालिका बनाने के बाद सभी वस्तुओं के नाम ध्यान से देख लें कि क्या सभी वस्तुएँ ठीक समूह में आईं हैं।
- विद्यार्थियों के सभी समूहों को अभिव्यक्ति का अवसर दें।
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- अपनी ख़ुशी के हम निर्माता
- कितने दोस्त
- खुशी देर तक या कम समय तक
- खुशी या खुशी पाने के तरीके
- खेतों से मेज़ तक
- तुम्हारे गुण मैं बताऊं
- नाम और इशारा
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