11. स्वास्थ्य व स्वच्छता के स्टेशन

गतिविधि का उद्देश्य: यह समझना कि "शरीर का स्वास्थ्य व स्वच्छता ही सुंदरता है"।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: चार अलग रंगों के कुछ काग़ज़।

शिक्षक के लिए नोट: हमारे दिनचर्या के कार्यक्रम का शरीर ही माध्यम है। अगर हमारा शरीर ही स्वस्थ नहीं होगा तो हमारे दिनचर्या के कामों में बाधा आएगी। कोई भी काम करते समय हमारा ध्यान शरीर के स्वास्थ्य पर ही जाएगा जिससे हमारी ख़ुशी प्रभावित होगी। शरीर स्वस्थ रखने के लिए अपने शरीर की स्वच्छता बहुत अनिवार्य है।

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

गतिविधि के चरण:
  • कक्षा के कुछ विद्यार्थियों को उनके गुणों के आधार पर अलग अलग स्टेशन मास्टर बना दें। जैसे, स्वच्छ दांत स्टेशन (जिनके दांत साफ हो), स्वच्छ बाल स्टेशन (जिनके बाल साफ हो), स्वच्छ कपड़े स्टेशन (जिनके कपड़े साफ हो), स्वच्छ नाखून स्टेशन (जिनके नाखून साफ हो), आदि।
  • इन सभी विद्यार्थियों को कहें कि वे अपने निर्धारित स्टेशन के अनुसार चार अलग रंगों के कागज़ के कुछ स्टार या फूल बना लें। 
  • अब बारी बारी से सभी विद्यार्थी इन स्टेशनों पर जाएँ , स्टेशन अपने नाम के अनुसार उनके दाँत, बाल, नाखून व कपड़ों की जाँच करें और जिस स्टेशन के अनुसार वह स्वच्छता के बिंदुओं पर खरा उतरे उसे स्टार या फूल दे दें। यदि नहीं, तो फूल या स्टार न दें। 
  • सभी स्टेशनों से जांच पूरी हो जाने के बाद विद्यार्थी अपनी सीट पर बैठ जाएँ । 
  • विद्यार्थियों को जितने फूल मिलते हैं उनके अनुसार विद्यार्थी स्वयं निर्णय लें कि उन्हें कहाँ सुधार की आवश्यकता है। 
  • प्रत्येक विद्यार्थी को अधिकाधिक स्टार/फूल प्राप्त करने की प्रेरणा दें। 
पहला दिन: चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न 
1. स्वस्थ रहना क्यों आवश्यक है? चर्चा करें।
2. शरीर का स्वास्थ्य, शरीर की साफ़ सफ़ाई से जुड़ा है। कैसे? चर्चा करें।
3. स्वस्थ और स्वच्छ रहने के लिए आप क्या क्या करते हैं? क्या इन आदतों के बिना भी आपका शरीर सुंदर/साफ़ हो सकता है?
4. अधिक स्टार/फूल प्राप्त करने पर अच्छा क्यों लगता है?
 5. यदि आपको स्टार/फूल न दिए जाएँ , तो भी आप इनमें से कौनसी बातों का आगे भी ध्यान रखेंगे?

कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

क्या करें क्या न करें:
  • समूह चर्चा के समय शिक्षक समूहों में जाकर चर्चा की दिशा को बनाये रखने में मदद करें। 
  • शिक्षक “शरीर के स्वास्थ्य व स्वच्छता” से जुड़ा हुआ स्वयं से संबंधित कोई उदाहरण कक्षा में रखने का प्रयास करें।
  • स्टेशन बने सभी विद्यार्थिओं की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। 
  •  प्रेरक विद्यार्थियों को ही स्टेशन मास्टर बनाएँ । 
  • इस गतिविधि को साप्ताहिक, मासिक अथवा कई बार करवा सकते हैं।
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  1. अपनी ख़ुशी के हम निर्माता
  2. कितने दोस्त
  3. खुशी देर तक या कम समय तक
  4. खुशी या खुशी पाने के तरीके
  5. खेतों से मेज़ तक
  6. तुम्हारे गुण मैं बताऊं
  7. नाम और इशारा
  8. मेरी विशेषताएँ
  9. मेरे अच्छे काम
  10. मैं आपको जानता हूँ
  11. स्वास्थ्य व स्वच्छता के स्टेशन
  12. थम्स अप, थम्स डाउन
  13. व्यवस्था में मेरी भागीदारी
  14. मेरे आस-पास
  15. मेरी भावनाएँ
  16. सिक्के का दूसरा पहलू
  17. संबंधों में ख़ुशी
  18. अदृश्य सितारे
  19. अच्छा है या नहीं
  20. यू आर स्पेशल

1 comment:

  1. बहुत ही अच्छी जानकारी साझा किया है, आप ने धन्यवाद
    ब्रम्हचर्य का महत्व जाने

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