16. सिक्के का दूसरा पहलू

गतिविधि का उद्देश्य: छात्र समस्याओं का सामना करने के लिए किसी भी स्थिति को तय मानसिकता (Fixed mindset) से नहीं बल्कि विकास की मानसिकता से (Growth mindset) देख पाएँगे ।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री:किसी भी सामग्री की आवश्यकता नहीं है।

शिक्षक के लिए नोट: रोज़मर्रा की ज़िंदगी में हम बहुत सारी समस्याओं से गुज़रतें हैं।इन समस्याओं को निराशा नहीं बल्कि अवसर की दृष्टि से देखकर हम जीवन में ज़्यादा देर तक ख़ुश रह सकते हैं। यह दृष्टि समस्याओं के उपायों की ओर लेकर जाती है। इस गतिविधि से विद्यार्थियों का ध्यान विकास की मानसिकता (Growth mindset) की ओर जायगा।

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

गतिविधि के चरण :
  • शिक्षक कक्षा को 5 समूहों में बाँट दें। 
  •  शिक्षक एक एक समूह को एक स्थिति देंगे और फिर समूह उस स्थिति का समाधान बताएँगे । 
  • यदि विद्यार्थी शुरू में समाधान नहीं बता पाते, तो शिक्षक एक स्थिति एवं उसका समाधान बताएँ । 
  • शिक्षक सभी स्थितियों के समाधान विद्यार्थियों को न बताएँ, बल्कि टर्न एँ ड टॉक विधि (विद्यार्थी अपने साथी मित्र की ओर मुँह करके चर्चा करें। बैठे मित्र की ओर मुंह करके चर्चा करें) से विद्यार्थियों को स्थितियों के समाधान बताने को कहें । 
समूह संख्या
स्थिति
उदाहरणार्थ समाधान
1)
आज मुझे अपना प्रोजेक्ट स्कूल लेकर जाना है, लेकिन देखो  कितनी बारिश  हो रही है! आज तो पक्का फ़ेल हो जाऊँगी! आज तो मैं यह स्कूल ले ही नहीं जा पाऊँगी
आज मुझे अपना प्रोजेक्ट स्कूल लेकर जाना है, लेकिन देखो तो कितनी बारिश हो रही है। जल्दी से अपना प्रोजेक्ट प्लास्टिक बैग से बाँध देती हूँ। प्रोजेक्ट सूखा रहेगा और मैम मेरा काम भी देख पाएँगी
2)
मम्मी ने कहा है कि रोज़ दो घंटे पढ़ना है,मगर मेरे पास तो समय है ही नहीं। मैं तो दो घंटे नहीं पढ़ पाउँगा  
मम्मी ने कहा है कि रोज़ दो घंटे पढ़ना है,मगर मेरे पास समय नहीं है, तो मैं टीवी देखने और पार्क में खेलने से थोड़ा थोड़ा समय निकाल लूँ, तो समय निकल आएगा
3)
नल टपक रहा है और वैसे ही पानी की कमी है। छोड़ो , इसका कुछ नहीं हो सकता।
नल टपक रहा है और वैसे ही पानी की कमी है।चलो मैं एक पॉलीथीन  इस पर बाँध देती हूँ, पानी नहीं टपकेगा और बच भी जाएगा।
4)
मैं बाल्टी लेकर पानी भरने आया हूँ लेकिन ये क्या! बाल्टी में तो छेद है! लो जी, आज तो बिना नहाए ही काम चलाना पड़ेगा
मैं बाल्टी लेकर पानी भरने आया हूँ लेकिन यह क्या! बाल्टी में तो छेद है।चलो दो लकड़ी के टुकड़े इसमें फँसा दूँ। पानी रुक जाएगा और आज नहाकर स्कूल जाऊँगा।
5)
जब मेरा भाई मुझे तंग करता है तब मैं उस पर  ग़ुस्सा होता हूँ और हमारी लड़ाई हो जाती है।
जब मेरा भाई मुझे तंग करता है, मैं उसे पार्क में खेल खिलाने ले जाता हूँ, इससे उसका मन बहल जाता है और वह शांत हो जाता है

 * और अधिक बेहतर तरीक़े से समझाने के लिए कुछ अन्य समस्याओं और उनके सकारात्मक पक्ष का उदाहरण दिया जा सकता है।

पहला दिन: चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न
1. क्या आपको हर समस्या के लिए एक जैसा समाधान मिल सकता है?
2. क्या आपको हर समस्या के लिए समाधान मिल सकता है?
3. क्या आप कभी ऐसी समस्या के बारे में सोच सकते हैं जिसे हल नहीं किया जा सकता है?
4. क्या आप कभी ऐसी समस्याओं से भागने की कोशिश करते हैं?
5. निम्न परिस्थितियों में से हम कब खुश होते हैं?
a. जब हमारे पास समस्या का समाधान नहीं होता।
b. तब खुश होते हैं जब समस्या का समाधान होता है।

कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

क्या करें क्या न करें 
  • शिक्षक ध्यान दें कि सभी विद्यार्थी गतिविधि में भाग लें । 
  • शिक्षक विद्यार्थी को उत्तर ना दें बल्कि केवल प्रश्न पूछकर उन्हें सही दिशा में ले जाएँ ।
  • शिक्षक स्वयं भी गतिविधि में भाग लें ।  
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  1. अपनी ख़ुशी के हम निर्माता
  2. कितने दोस्त
  3. खुशी देर तक या कम समय तक
  4. खुशी या खुशी पाने के तरीके
  5. खेतों से मेज़ तक
  6. तुम्हारे गुण मैं बताऊं
  7. नाम और इशारा
  8. मेरी विशेषताएँ
  9. मेरे अच्छे काम
  10. मैं आपको जानता हूँ
  11. स्वास्थ्य व स्वच्छता के स्टेशन
  12. थम्स अप, थम्स डाउन
  13. व्यवस्था में मेरी भागीदारी
  14. मेरे आस-पास
  15. मेरी भावनाएँ
  16. सिक्के का दूसरा पहलू
  17. संबंधों में ख़ुशी
  18. अदृश्य सितारे
  19. अच्छा है या नहीं
  20. यू आर स्पेशल

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