गतिविधि का उद्देश्य: विद्यार्थियों का ध्यान प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग की ओर जाए। वे पूरी व्यवस्था में अपनी उपयगिता को भी समझकर भागीदारी निभाएँ ।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं है
शिक्षक के लिए नोट: जब भी हमें भोजन/पानी या कोई अन्य प्राकृतिक संसाधन चाहिए होता है, तब वह आसानी से प्रकृति में उपलब्ध होता है। हमें जब भी उपयोग के लिए किसी भी वस्तु (पेंसिल, शैम्पू, साबुन या किसी भी सब्जी) की आवश्यकता होती है, तो वह बाजार में आसानी से उपलब्ध होता है। हमें यह जानकारी भी होती है कि कौन सी वस्तु कहाँ से मिलेगी। बच्चों का ध्यान इस ओर जाए कि हमारे रसोईघर / बाथरूम / शयनकक्ष की वस्तुएँ हमेशा उचित जगह में कैसे होती हैं? विभिन्न स्थानों पर यह व्यवस्था कैसे बनती है?बच्चे यह जान पाएँ कि इस व्यवस्था का क्या फायदा होता है। यदि ऐसा न हो तो वे कितने परेशान होंगे। इस व्यवस्था को बनाने में बच्चों का क्या योगदान है?
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
1) कक्षा को चार समूहों में विभाजित करें, हर समूह को एक विषय देकर उस पर चर्चा करने के लिए कहें।
विषय 1: घर पर व्यवस्था
छात्रों को बताएँ कि आपके घरों में आपके काम की चीज़ें बड़े आराम से मिल जाती हैं। उनसे पूछें कि इसकी व्यवस्था कौन करता है ? (हर चीज़ जगह पर होती है और पर्याप्त मात्रा में)
आप स्कूल में व्यवस्था कैसे देखते हैं?
1. घर और स्कूल को व्यवस्था में रखने में आपका क्या योगदान है ?
2. घर और स्कूल को व्यवस्थित रखने में कौन-कौन से लोग हमारी मदद करते हैं? कैसे?
3. क्या होगा यदि घर / स्कूल की वस्तुएँ व्यवस्था में न हों?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
दूसरा दिन
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
विषय 3 समाज में व्यवस्था
1. प्रकृति में पानी की व्यवस्था कैसे होती है?
2. प्रकृति को व्यवस्थित रखने में आपकी भूमिका क्या है?
3. हम प्रकृति से क्या-क्या प्राप्त करते हैं?
दूसरा दिन: चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न
1. समाज में व्यवस्था होना हमारे लिए क्यों आवश्यक है?
2. क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे रसोईघर / बाथरूम / शयनकक्ष की वस्तुएँ हमेशा बाजार में कैसे उपलब्ध होती हैं?
3. हमें भोजन / पानी या कोई अन्य प्राकृतिक संसाधन कहां से मिलता है? 4. क्या होगा यदि प्रकृति में वस्तुएँ व्यवस्था में न हों?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
क्या करें क्या न करें:
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं है
शिक्षक के लिए नोट: जब भी हमें भोजन/पानी या कोई अन्य प्राकृतिक संसाधन चाहिए होता है, तब वह आसानी से प्रकृति में उपलब्ध होता है। हमें जब भी उपयोग के लिए किसी भी वस्तु (पेंसिल, शैम्पू, साबुन या किसी भी सब्जी) की आवश्यकता होती है, तो वह बाजार में आसानी से उपलब्ध होता है। हमें यह जानकारी भी होती है कि कौन सी वस्तु कहाँ से मिलेगी। बच्चों का ध्यान इस ओर जाए कि हमारे रसोईघर / बाथरूम / शयनकक्ष की वस्तुएँ हमेशा उचित जगह में कैसे होती हैं? विभिन्न स्थानों पर यह व्यवस्था कैसे बनती है?बच्चे यह जान पाएँ कि इस व्यवस्था का क्या फायदा होता है। यदि ऐसा न हो तो वे कितने परेशान होंगे। इस व्यवस्था को बनाने में बच्चों का क्या योगदान है?
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
1) कक्षा को चार समूहों में विभाजित करें, हर समूह को एक विषय देकर उस पर चर्चा करने के लिए कहें।
विषय 1: घर पर व्यवस्था
छात्रों को बताएँ कि आपके घरों में आपके काम की चीज़ें बड़े आराम से मिल जाती हैं। उनसे पूछें कि इसकी व्यवस्था कौन करता है ? (हर चीज़ जगह पर होती है और पर्याप्त मात्रा में)
- वस्तुओं को बाथरूम में अपनी उचित जगह पर कौन तथा क्यों रखता है?
- बिस्तर को उचित स्थान पर कौन तथा क्यों रखता है?
- रसोईघर की चीजों को उचित स्थान पर रखने का क्या फायदा है?
- जूते / चप्पल को उनके उचित स्थान पर रखने का क्या फायदा है?
- वस्तुओं को व्यवस्थित रखने में आपका क्या योगदान है? विद्यार्थियों से अब कुछ अन्य स्थानों के बारे में पूछें जहाँ वे वस्तुओं को व्यवस्थित देखते हैं, जहां सब कुछ जगह पर है और पर्याप्त मात्रा में है। उदाहरण: स्कूल, अस्पताल, पार्क, सड़कें आदि।
आप स्कूल में व्यवस्था कैसे देखते हैं?
- स्कूल में कक्षाओं को कौन साफ करता है?
- डेस्क/कुर्सियां को क्रम में क्यों रखा जाता है?
- चॉक और डस्टर की व्यवस्था करने का क्या फायदा है?
- स्कूल में पानी का प्रबंधन न करने से क्या क्या हो सकता है?
- स्कूल को व्यवस्थित बनाए रखने में आपका क्या योगदान है?
1. घर और स्कूल को व्यवस्था में रखने में आपका क्या योगदान है ?
2. घर और स्कूल को व्यवस्थित रखने में कौन-कौन से लोग हमारी मदद करते हैं? कैसे?
3. क्या होगा यदि घर / स्कूल की वस्तुएँ व्यवस्था में न हों?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
दूसरा दिन
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
विषय 3 समाज में व्यवस्था
- समाज में आप व्यवस्था कैसे देखते हैं?(सड़कें, बिजली, भोजन)
- क्या आपने कभी सोचा है कि हमें जब भी उपयोग (पेंसिल, शैम्पू, साबुन या किसी भी सब्जी) के लिए किसी भी वस्तु की आवश्यकता होती है, तब दुकानदार बहुत सारी वस्तुओं में से हमारे द्वारा मांगी जाने वाली वस्तु को आसानी से ढूंढ लेता है? कैसे?
- क्या आप जानते हैं कि आपके काम की किसी वस्तु को कहां से खरीदा जाए?
1. प्रकृति में पानी की व्यवस्था कैसे होती है?
2. प्रकृति को व्यवस्थित रखने में आपकी भूमिका क्या है?
3. हम प्रकृति से क्या-क्या प्राप्त करते हैं?
दूसरा दिन: चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न
1. समाज में व्यवस्था होना हमारे लिए क्यों आवश्यक है?
2. क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे रसोईघर / बाथरूम / शयनकक्ष की वस्तुएँ हमेशा बाजार में कैसे उपलब्ध होती हैं?
3. हमें भोजन / पानी या कोई अन्य प्राकृतिक संसाधन कहां से मिलता है? 4. क्या होगा यदि प्रकृति में वस्तुएँ व्यवस्था में न हों?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
क्या करें क्या न करें:
- ध्यान दें कि सभी विद्यार्थी गतिविधि में भाग लें ।
- विद्यार्थी को अपने निष्कर्ष न दें बल्कि केवल प्रश्न पूछकर उन्हें सही दिशा में ले जाएँ ।
- स्वयं भी गतिविधि में भाग लें ।
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- अपनी ख़ुशी के हम निर्माता
- कितने दोस्त
- खुशी देर तक या कम समय तक
- खुशी या खुशी पाने के तरीके
- खेतों से मेज़ तक
- तुम्हारे गुण मैं बताऊं
- नाम और इशारा
- मेरी विशेषताएँ
- मेरे अच्छे काम
- मैं आपको जानता हूँ
- स्वास्थ्य व स्वच्छता के स्टेशन
- थम्स अप, थम्स डाउन
- व्यवस्था में मेरी भागीदारी
- मेरे आस-पास
- मेरी भावनाएँ
- सिक्के का दूसरा पहलू
- संबंधों में ख़ुशी
- अदृश्य सितारे
- अच्छा है या नहीं
- यू आर स्पेशल
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