गतिविधि का उद्देश्य: विद्यार्थियों को इस बात से अवगत कराना कि व्यक्ति की उन्नति या अवनति में उसकी आदतों की एक महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
समय: कम से कम दो दिन बाकी शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं है।
शिक्षक के लिए नोट:
कुछ लोग गलत संगत या किसी लालच में आकर गलत आदतों के शिकार हो जाते हैं। बाद में उन आदतों से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। इस प्रकार नासमझी में बहुत से लोग ख़ुद ही अपनी परेशानी के कारण बने रहते हैं।
इस गतिविधि में इस बात पर ध्यान दिलाने की कोशिश की गई है कि हम स्वयं के प्रति कैसे जागरूक रहें जिससे कि इस प्रकार की आदतों से बचा जा सके। साथ ही विद्यार्थियों को यह विश्वास दिलाना कि अगर कोई ग़लत आदत पड़ भी जाए तो उसे छोड़ना संभव है।
पहला दिन:
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
दूसरा दिन:
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
शिक्षक व कुछ विद्यार्थी स्वेच्छा से अपनी उस आदत (जो स्वयं को नापसंद है।) और उसके सुधार के लिए किए जाने वाले प्रयासों को कक्षा में साझा करें।
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1. क्या ग़लत आदतों के रहते हुए हम ख़ुश रह सकते हैं? क्यों नहीं रह सकते हैं?
2. ग़लत आदतों से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं?
3. कुछ लोग ग़लत आदतों के शिकार कैसे हो जाते हैं?
4. कुछ लोग स्वयं को ही परेशान करने वाली अपनी आदतों को छोड़ते क्यों नहीं हैं?
5. ग़लत आदतों को छोड़ने के लिए क्या प्रयास किए जा सकते हैं?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
क्या करें और क्या न करें:
समय: कम से कम दो दिन बाकी शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं है।
शिक्षक के लिए नोट:
कुछ लोग गलत संगत या किसी लालच में आकर गलत आदतों के शिकार हो जाते हैं। बाद में उन आदतों से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। इस प्रकार नासमझी में बहुत से लोग ख़ुद ही अपनी परेशानी के कारण बने रहते हैं।
इस गतिविधि में इस बात पर ध्यान दिलाने की कोशिश की गई है कि हम स्वयं के प्रति कैसे जागरूक रहें जिससे कि इस प्रकार की आदतों से बचा जा सके। साथ ही विद्यार्थियों को यह विश्वास दिलाना कि अगर कोई ग़लत आदत पड़ भी जाए तो उसे छोड़ना संभव है।
पहला दिन:
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
- सभी विद्यार्थी शांत मन से कुछ देर तक अपने मित्रों, परिवार के सदस्यों और अन्य संबंधियों के विषय में सोचें और उनकी उन आदतों की सूची बनाएँ जो उन्हें (विद्यार्थियों को) अच्छी नहीं लगती हैं।
- विद्यार्थियों के साथ-साथ शिक्षक भी अपनी ऐसी सूची बनाए।
- अब इस सूची में उन आदतों पर गोला लगाएँ जो स्वयं के व्यवहार में भी हैं। यदि इस सूची में ऐसी कोई आदत नहीं है तो अपनी उन आदतों को भी लिखें जो आपको स्वयं पसंद नहीं हैं।
- इनमें से अपनी किसी एक आदत को लेकर उसके सुधार के लिए किए जा सकने वाले प्रयासों को अपने साथी के साथ साझा करें।
दूसरा दिन:
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
शिक्षक व कुछ विद्यार्थी स्वेच्छा से अपनी उस आदत (जो स्वयं को नापसंद है।) और उसके सुधार के लिए किए जाने वाले प्रयासों को कक्षा में साझा करें।
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1. क्या ग़लत आदतों के रहते हुए हम ख़ुश रह सकते हैं? क्यों नहीं रह सकते हैं?
2. ग़लत आदतों से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं?
3. कुछ लोग ग़लत आदतों के शिकार कैसे हो जाते हैं?
4. कुछ लोग स्वयं को ही परेशान करने वाली अपनी आदतों को छोड़ते क्यों नहीं हैं?
5. ग़लत आदतों को छोड़ने के लिए क्या प्रयास किए जा सकते हैं?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
क्या करें और क्या न करें:
- पहले शिक्षक स्वयं अपनी बात साझा करें जिससे विद्यार्थी भी अपनी बात साझा करने के लिए प्रेरित हो सकें।
- सुधार की बात को सामूहिक रूप से साझा करने वाले विद्यार्थियों की सराहना की जाए।
- विद्यार्थियों को घर पर अपनी व्यक्तिगत डायरी में स्वयं को परेशान करने वाली अपनी आदतों और उन्हें छोड़ने के लिए किए जाने वाले प्रयास लिखकर उन पर काम करने हेतु प्रोत्साहित किया जाए।
-----------------------------
- एक-दूजे को जानें
- यू आर यूनीक
- क्या कर रहे हो
- आओ ख़ुद को जानें
- बग़ीचे की सैर
- मेरे जीवन का लक्ष्य
- ख़ुशी के पल
- पैसा ही चाहिए या पैसा भी चाहिए
- किसका फ़ायदा
- आओ मन:स्थिति पहचानें
- मेरी परेशानी मेरे ही कारण
- अच्छा लगना, अच्छा होना
- मेरा रिमोट मेरे पास
- हम सब एक समान
- अपनी-अपनी पर्ची
- तन और मन
- मैं किसका सम्मान करता हूँ
- मैं कैसे पहचाना जाऊँ
- ख़ुश होना: किससे और कितनी देर
- कौन ख़ुश, कौन नाख़ुश
No comments:
Post a Comment