2. यू आर यूनीक

गतिविधि का उद्देश्य: शिक्षक और विद्यार्थियों के बीच संबंधों को मज़बूत बनाना।
समय: कम से कम दो दिन बाकी शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं है।

शिक्षक के लिए नोट:
सत्र के शुरूआत में कक्षा में कुछ नए विद्यार्थी भी आते हैं। अत: एक-दूसरे से परिचित होने, कक्षा में सहज होने और एक-दूसरे के प्रति स्वीकार्यता (acceptance) बढ़ाने के लिए इस गतिविधि को ‘Connect’ होने के उद्देश्य से रखा गया है। इस गतिविधि में विद्यार्थियों को अपनी सृजनात्मकता और अभिनय-कौशल को प्रदर्शित करने का अवसर भी मिलेगा।

कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

गतिविधि के चरण:
  • कक्षा को 7-8 विद्यार्थियों के समूह में विभाजित किया जाए।
  • अब सभी विद्यार्थी अपने-अपने समूह में रहते हुए घेरा बनाएँ।
  • एक विद्यार्थी यूनीक स्टाइल में चलकर घेरे के बीच में आएगा और अपना परिचय देगा जिसमें वह अपना नाम और जिस जगह से आता है, वह बताएगा। (जैसे- पक्षी के उड़ने की नकल करते हुए घेरे के बीच में आना और बोलना- मेरा नाम परमवीर है। मैं दरियागंज से आता हूँ।)
  • अब उस समूह के सभी प्रतिभागी एक साथ उसी चाल की नकल करते हुए, आगे बढ़कर परमवीर के नज़दीक आएँगे और कहेंगे- “परमवीर, यू आर यूनीक” इसके बाद सभी प्रतिभागी पुन: उसी चाल को चलते हुए वापस घेरे में आ जाएँगे। 
  • सभी विद्यार्थियों को एक-एक करके अपने-अपने समूह में ऐसा करने का अवसर दें।
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1. इस गतिविधि को और मज़ेदार कैसे बना सकते हैं?
2. आप अपने में कौनसी एक ख़ास बात देखते हैं जो सामान्यतया दूसरों में नहीं है?

कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

क्या करें और क्या न करें:
  • शिक्षक भी विद्यार्थियों के साथ किसी घेरे में अवश्य शामिल हो।
  • घेरे के बीच में खड़े विद्यार्थी के पास जाते समय मन में प्रशंसा का भाव हो।
  • कोशिश की जाए कि हर विद्यार्थी दूसरों से भिन्न चाल में चलकर यूनीकनेस (uniqueness) दिखाए।
  • कक्षा की सीमाओं के चलते एक बार में एक छोटे समूह को सामने बुलाकर बारी-बारी से भी इस गतिविधि को करवाया जा सकता है।
  • स्थान उपलब्ध होने की स्थिति में सभी समूह एक साथ भी यह गतिविधि कर सकते हैं।
  • कोई विद्यार्थी यूनीक स्टाइल में चलने में सहज महसूस न करे तो उसे ऐसा करने के लिए बाध्य न किया जाए। वह बोलने की स्टाइल या अन्य किसी माध्यम से अपनी यूनीकनेस (मौलिकता) प्रदर्शित कर सकता है।
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  1. एक-दूजे को जानें
  2. यू आर यूनीक
  3. क्या कर रहे हो
  4. आओ ख़ुद को जानें
  5. बग़ीचे की सैर
  6. मेरे जीवन का लक्ष्य
  7. ख़ुशी के पल
  8. पैसा ही चाहिए या पैसा भी चाहिए
  9. किसका फ़ायदा
  10. आओ मन:स्थिति पहचानें
  11. मेरी परेशानी मेरे ही कारण
  12. अच्छा लगना, अच्छा होना
  13. मेरा रिमोट मेरे पास
  14. हम सब एक समान
  15. अपनी-अपनी पर्ची
  16. तन और मन
  17. मैं किसका सम्मान करता हूँ
  18. मैं कैसे पहचाना जाऊँ
  19. ख़ुश होना: किससे और कितनी देर
  20. कौन ख़ुश, कौन नाख़ुश

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