गतिविधि का उद्देश्य: तन (Body) और मन (Mind) को उनकी क्रियाओं (actions) के आधार पर दो भिन्न वास्तविकताओं के रूप में पहचानना।
समय: कम से कम दो दिन बाकी शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं है।
शिक्षक के लिए नोट:
यदि हम अपने तन (body) और मन (mind) को इनकी क्रियाओं, आवश्यकताओं और ताकत के आधार पर देखें तो ये दोनों दो भिन्न वास्तविकताओं के रूप में दिखाई पड़ते हैं। इस गतिविधि के माध्यम से विद्यार्थियों को अपने बारे में जानने और अपनी विश्लेषण क्षमता को बढ़ाने का अवसर दिया गया है। यहाँ केवल तन और मन की क्रियाओं पर चर्चा की जाएगी। इनकी आवश्यकताओं और ताकत की चर्चा अन्य गतिविधियों में की गई है।
मन की सभी क्रियाएँ निरंतर (कभी न रुकने वाली/continuous) हैं। तन की सभी क्रियाएँ आवर्ती या रुक-रुककर होने वाली (repeated or continual) हैं, लेकिन निरंतर नहीं हैं। इस आधार पर दोनों को दो भिन्न वास्तविकताओं के रूप में देखा जा सकता है। जैसे-
1. केवल मन (Mind) से संबंधित क्रियाएँ: ध्यान देना, सोचना, मानना, जानना, समझना, कल्पना करना, अनुमान लगाना, विश्लेषण करना, निष्कर्ष निकालना, निर्णय लेना, संकल्प करना आदि। ये क्रियाएँ ऐच्छिक (voluntary) हैं। इन क्रियाओं को जानबूझ कर की जाने वाली क्रियाएँ भी कहते हैं।
2. केवल तन (Body) से संबंधित क्रियाएँ: हृदय का धड़कना, भोजन का पचना, रक्त का बहना, श्वास का चलना, पसीने आना, नाख़ून बढ़ना, बाल बढ़ना आदि। ये क्रियाएँ अनैच्छिक (involuntary) हैं अर्थात इन पर मन का नियंत्रण नहीं है। कुछ हद तक तन को प्रभावित कर इन्हें प्रभावित किया जा सकता है। जैसे; दौड़ने से श्वास व हृदय की गति बढ़ जाना, श्वास को धीमा या तेज़ करना। इन क्रियाओं को अपने आप होने वाली क्रियाएँ भी कहते हैं।
3. मन (Mind) और तन (Body) दोनों से संबंधित क्रियाएँ: देखना, बोलना, सुनना, सूँघना, खाना, छूना, चलना, बातें करना, नाख़ून काटना आदि। ये क्रियाएँ ऐच्छिक (voluntary) हैं अर्थात इन पर मन का नियंत्रण रहता है। इन क्रियाओं के लिए निर्णय मन में होता है और फिर तन के माध्यम से इन्हें किया जाता है। इन क्रियाओं को जानबूझ कर की जाने वाली क्रियाएँ भी कहते हैं।
पहला दिन:
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
दूसरा दिन:
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
आज सभी विद्यार्थी अपने-अपने समूह में चर्चा करके तीनों प्रकार की कुछ और क्रियाओं की सूची बनाएँगे और कक्षा में प्रस्तुत करेंगे।
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1. कौनसी क्रियाओं पर हमारी इच्छा का नियंत्रण होता है?
2. कौनसी क्रियाओं पर हमारी इच्छा का नियंत्रण नहीं होता है?
3. केवल मन (Mind) से संबंधित क्रियाओं की क्या विशेषताएँ हैं? (संकेत- ऐच्छिक होना, निरंतर होना, सभी व्यक्तियों में समान रूप से होना, इंद्रियों से न पहचान पाना, केवल समझना और महसूस कर पाना आदि।)
4. केवल मन (Mind) और केवल तन (Body) से संबंधित क्रियाओं में क्या अंतर है? (संकेत- लगातार Vs रुक-रुककर होना, ऐच्छिक Vs अनैच्छिक, जान-बूझकर Vs अपने आप होना आदि।)
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
क्या करें और क्या न करें:
समूह के निष्कर्षों की प्रस्तुति हर बार अलग–अलग विद्यार्थियों से कराई जाए।
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समय: कम से कम दो दिन बाकी शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं है।
शिक्षक के लिए नोट:
यदि हम अपने तन (body) और मन (mind) को इनकी क्रियाओं, आवश्यकताओं और ताकत के आधार पर देखें तो ये दोनों दो भिन्न वास्तविकताओं के रूप में दिखाई पड़ते हैं। इस गतिविधि के माध्यम से विद्यार्थियों को अपने बारे में जानने और अपनी विश्लेषण क्षमता को बढ़ाने का अवसर दिया गया है। यहाँ केवल तन और मन की क्रियाओं पर चर्चा की जाएगी। इनकी आवश्यकताओं और ताकत की चर्चा अन्य गतिविधियों में की गई है।
मन की सभी क्रियाएँ निरंतर (कभी न रुकने वाली/continuous) हैं। तन की सभी क्रियाएँ आवर्ती या रुक-रुककर होने वाली (repeated or continual) हैं, लेकिन निरंतर नहीं हैं। इस आधार पर दोनों को दो भिन्न वास्तविकताओं के रूप में देखा जा सकता है। जैसे-
1. केवल मन (Mind) से संबंधित क्रियाएँ: ध्यान देना, सोचना, मानना, जानना, समझना, कल्पना करना, अनुमान लगाना, विश्लेषण करना, निष्कर्ष निकालना, निर्णय लेना, संकल्प करना आदि। ये क्रियाएँ ऐच्छिक (voluntary) हैं। इन क्रियाओं को जानबूझ कर की जाने वाली क्रियाएँ भी कहते हैं।
2. केवल तन (Body) से संबंधित क्रियाएँ: हृदय का धड़कना, भोजन का पचना, रक्त का बहना, श्वास का चलना, पसीने आना, नाख़ून बढ़ना, बाल बढ़ना आदि। ये क्रियाएँ अनैच्छिक (involuntary) हैं अर्थात इन पर मन का नियंत्रण नहीं है। कुछ हद तक तन को प्रभावित कर इन्हें प्रभावित किया जा सकता है। जैसे; दौड़ने से श्वास व हृदय की गति बढ़ जाना, श्वास को धीमा या तेज़ करना। इन क्रियाओं को अपने आप होने वाली क्रियाएँ भी कहते हैं।
3. मन (Mind) और तन (Body) दोनों से संबंधित क्रियाएँ: देखना, बोलना, सुनना, सूँघना, खाना, छूना, चलना, बातें करना, नाख़ून काटना आदि। ये क्रियाएँ ऐच्छिक (voluntary) हैं अर्थात इन पर मन का नियंत्रण रहता है। इन क्रियाओं के लिए निर्णय मन में होता है और फिर तन के माध्यम से इन्हें किया जाता है। इन क्रियाओं को जानबूझ कर की जाने वाली क्रियाएँ भी कहते हैं।
पहला दिन:
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
- कक्षा को 5-6 विद्यार्थियों के छोटे समूहों में बाँटा जाए।
- शिक्षक द्वारा निम्नलिखित प्रस्तावित दस क्रियाओं को बोर्ड पर लिखा जाए।
- चलना, सोचना, हृदय का धड़कना, समझना, बातें करना, कल्पना करना, भोजन का पचना, देखना, रक्त का बहना।
- विद्यार्थियों को अपने-अपने समूह में 5-7 मिनट चर्चा कर इन सभी क्रियाओं को निम्नलिखित तीन भागों में बाँटने के लिए कहा जाए। विद्यार्थियों की मदद के लिए एक–एक उदाहरण भी दिया जा सकता है।
- 1. केवल मन (Mind) से संबंधित क्रियाएँ। जैसे- ख़ुश होना।
- 2. केवल तन (Body) से संबंधित क्रियाएँ। जैसे- नाख़ून बढ़ना।
- 3. मन (Mind) और तन (Body) दोनों से संबंधित क्रियाएँ। जैसे- नाख़ून काटना।
- समूह में कोई एक विद्यार्थी क्रियाओं के वर्गीकरण को अपनी नोटबुक में लिख सकता है।
- प्रत्येक समूह द्वारा किए गए वर्गीकरण को कक्षा में प्रस्तुत कराएँ।
- समूह की प्रस्तुति के साथ-साथ तीनों प्रकार की क्रियाओं के वर्गीकरण को बोर्ड पर लिखा जाए। यदि विद्यार्थियों द्वारा किसी क्रिया का सही वर्गीकरण नहीं किया गया है तो उन्हें चर्चा कर सही करने का अवसर दिया जाए।
दूसरा दिन:
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
आज सभी विद्यार्थी अपने-अपने समूह में चर्चा करके तीनों प्रकार की कुछ और क्रियाओं की सूची बनाएँगे और कक्षा में प्रस्तुत करेंगे।
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1. कौनसी क्रियाओं पर हमारी इच्छा का नियंत्रण होता है?
2. कौनसी क्रियाओं पर हमारी इच्छा का नियंत्रण नहीं होता है?
3. केवल मन (Mind) से संबंधित क्रियाओं की क्या विशेषताएँ हैं? (संकेत- ऐच्छिक होना, निरंतर होना, सभी व्यक्तियों में समान रूप से होना, इंद्रियों से न पहचान पाना, केवल समझना और महसूस कर पाना आदि।)
4. केवल मन (Mind) और केवल तन (Body) से संबंधित क्रियाओं में क्या अंतर है? (संकेत- लगातार Vs रुक-रुककर होना, ऐच्छिक Vs अनैच्छिक, जान-बूझकर Vs अपने आप होना आदि।)
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
क्या करें और क्या न करें:
समूह के निष्कर्षों की प्रस्तुति हर बार अलग–अलग विद्यार्थियों से कराई जाए।
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- एक-दूजे को जानें
- यू आर यूनीक
- क्या कर रहे हो
- आओ ख़ुद को जानें
- बग़ीचे की सैर
- मेरे जीवन का लक्ष्य
- ख़ुशी के पल
- पैसा ही चाहिए या पैसा भी चाहिए
- किसका फ़ायदा
- आओ मन:स्थिति पहचानें
- मेरी परेशानी मेरे ही कारण
- अच्छा लगना, अच्छा होना
- मेरा रिमोट मेरे पास
- हम सब एक समान
- अपनी-अपनी पर्ची
- तन और मन
- मैं किसका सम्मान करता हूँ
- मैं कैसे पहचाना जाऊँ
- ख़ुश होना: किससे और कितनी देर
- कौन ख़ुश, कौन नाख़ुश
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