गतिविधि का उद्देश्य: अपनी प्रतिक्रियाओं (reactions) के प्रति सजग रहकर विद्यार्थियों को उत्तरदायी और ज़िम्मेदार बनने के लिए प्रेरित करना।
समय: कम से कम दो दिन बाकी शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं है।
शिक्षक के लिए नोट:
जब किसी स्थिति में हम बिना सोचे-समझे तुरंत ऐसा व्यवहार करते हैं जिससे सामान्यतया वह स्थिति और बिगड़ जाती है तो इसे Reactive mode या Auto pilot mode कहते हैं। ऐसे mode में हमारे व्यवहार का remote control स्थिति या दूसरे व्यक्ति के हाथ में होता है। ऐसी स्थिति में हमें दूसरा व्यक्ति या स्थिति चलाती है और हम उस स्थिति के अनुसार हो जाते हैं।
जब किसी स्थिति में हम सोच-समझकर ऐसा व्यवहार करते हैं जिससे वह स्थिति और नहीं बिगड़ती है तो इसे Responsive mode या Manual mode कहते हैं। ऐसे mode में हमारे व्यवहार का remote control हमारे पास होता है। ऐसी स्थिति में हम अपने अनुसार चलते हैं और स्थिति को अपने अनुसार कर लेते हैं।
इस गतिविधि में विद्यार्थियों को reactive से responsive होने के लिए प्रेरित किया गया है।
पहला दिन:
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
1. दूसरे के कपड़ों पर सब्ज़ी गिर जाना
2. बाइक का कार से टक्कर होना
3. ख़रीदा गया सामान नकली होना
4. घर पर कप गिरकर टूटना
5. अपनी ग़लती दूसरे पर थोपना
6. किसी की उधार ली गई पुस्तक खो देना
7. बॉल से खिड़की का शीशा टूटना
8. सब्जी में नमक ज़्यादा होना आदि।
दूसरा दिन:
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
अव्यवस्थित रूप में:
1. कोई उदाहरण देकर बताओ जब आपने बिना सोचे-समझे तुरंत कोई ऐसा व्यवहार (reaction) किया हो जिससे कि आपको ही नुकसान हुआ हो?
2. बिना सोचे-समझे तुरंत प्रतिक्रिया करने (Reactive mode) से क्या-क्या ख़तरे रहते हैं?
3. कोई उदाहरण देकर बताओ जब आपने गुस्से में कोई निर्णय लिया लेकिन थोड़ी देर बाद अपना निर्णय बदल दिया हो?
4. सोच-समझकर धैर्य से निर्णय लेने (Responsive mode) से क्या-क्या फ़ायदे रहते हैं?
5. गुस्से में लिए गए निर्णयों और शांत मन से लिए गए निर्णयों में क्या अंतर होता है? उदाहरण देकर बताओ।
6. तुरंत प्रतिक्रिया करने की बजाय आप सोच-समझकर कोई निर्णय ले सकें इसके लिए अपनी योग्यता कैसे बढ़ाएँगे?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
क्या करें और क्या न करें:
समय: कम से कम दो दिन बाकी शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं है।
शिक्षक के लिए नोट:
जब किसी स्थिति में हम बिना सोचे-समझे तुरंत ऐसा व्यवहार करते हैं जिससे सामान्यतया वह स्थिति और बिगड़ जाती है तो इसे Reactive mode या Auto pilot mode कहते हैं। ऐसे mode में हमारे व्यवहार का remote control स्थिति या दूसरे व्यक्ति के हाथ में होता है। ऐसी स्थिति में हमें दूसरा व्यक्ति या स्थिति चलाती है और हम उस स्थिति के अनुसार हो जाते हैं।
जब किसी स्थिति में हम सोच-समझकर ऐसा व्यवहार करते हैं जिससे वह स्थिति और नहीं बिगड़ती है तो इसे Responsive mode या Manual mode कहते हैं। ऐसे mode में हमारे व्यवहार का remote control हमारे पास होता है। ऐसी स्थिति में हम अपने अनुसार चलते हैं और स्थिति को अपने अनुसार कर लेते हैं।
इस गतिविधि में विद्यार्थियों को reactive से responsive होने के लिए प्रेरित किया गया है।
पहला दिन:
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
- कक्षा को 5-6 विद्यार्थियों के छोटे समूहों में बाँटा जाए।
- प्रत्येक समूह को नीचे दी गई स्थितियों (situations) में से एक-एक स्थिति दी जाए। समूह 5-7 मिनट चर्चा करके बताए कि ऐसी स्थिति में सामान्यतया लोग कैसा व्यवहार करते हैं जिससे वह स्थिति और बिगड़ जाती है। साथ ही यह भी बताएँ कि इसके स्थान पर और क्या-क्या किया जा सकता है जिससे कि वह स्थिति और न बिगड़े।
- इसके लिए समूह का कोई एक विद्यार्थी अपनी नोटबुक में दो कॉलम बनाकर एक तरफ़ सामान्यतया की जाने वाली प्रतिक्रिया (reaction) और दूसरी तरफ़ बेहतर रिस्पॉन्स (response) लिख सकता है।
1. दूसरे के कपड़ों पर सब्ज़ी गिर जाना
2. बाइक का कार से टक्कर होना
3. ख़रीदा गया सामान नकली होना
4. घर पर कप गिरकर टूटना
5. अपनी ग़लती दूसरे पर थोपना
6. किसी की उधार ली गई पुस्तक खो देना
7. बॉल से खिड़की का शीशा टूटना
8. सब्जी में नमक ज़्यादा होना आदि।
- समूह में कोई एक विद्यार्थी चर्चा से निकले बिंदुओं को अपनी कॉपी में लिखे। निर्धारित समय पूरा होने के बाद प्रत्येक समूह बारी-बारी से 1-2 मिनट में इसे कक्षा में प्रस्तुत करे।
- किसी समूह की प्रस्तुति के बाद किसी अन्य समूह के विद्यार्थी को भी उस स्थिति के लिए कोई बेहतर सुझाव देने का अवसर दिया जा सकता है।
दूसरा दिन:
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
- अगले दिन बचे हुए समूहों की प्रस्तुति कराएँ।
- शिक्षक भी किसी एक स्थिति को लेकर अपने बिंदुओं को कक्षा में साझा करें।
- अब शिक्षक बोर्ड पर नीचे दिए गए Reaction के कुछ संभावित चरणों को अव्यवस्थित रूप में लिखे और सभी समूहों को इन्हें 2-3 मिनट में इनके घटित होने के सही क्रम में रखने को कहे।
अव्यवस्थित रूप में:
- झगड़ना और लड़ना
- दूसरे के Intention पर शंका करना
- क्रोधित होना
- उत्तेजित या क्षुब्ध होना
- दूसरे के Intention पर शंका करना
- उत्तेजित या क्षुब्ध होना
- क्रोधित होना
- झगड़ना और लड़ना
1. कोई उदाहरण देकर बताओ जब आपने बिना सोचे-समझे तुरंत कोई ऐसा व्यवहार (reaction) किया हो जिससे कि आपको ही नुकसान हुआ हो?
2. बिना सोचे-समझे तुरंत प्रतिक्रिया करने (Reactive mode) से क्या-क्या ख़तरे रहते हैं?
3. कोई उदाहरण देकर बताओ जब आपने गुस्से में कोई निर्णय लिया लेकिन थोड़ी देर बाद अपना निर्णय बदल दिया हो?
4. सोच-समझकर धैर्य से निर्णय लेने (Responsive mode) से क्या-क्या फ़ायदे रहते हैं?
5. गुस्से में लिए गए निर्णयों और शांत मन से लिए गए निर्णयों में क्या अंतर होता है? उदाहरण देकर बताओ।
6. तुरंत प्रतिक्रिया करने की बजाय आप सोच-समझकर कोई निर्णय ले सकें इसके लिए अपनी योग्यता कैसे बढ़ाएँगे?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
क्या करें और क्या न करें:
- विद्यार्थियों के समक्ष शिक्षक स्वयं रिस्पोंसिव (responsive) रहकर प्रेरणादायी बने।
- विद्यार्थियों को अपनी व्यक्तिगत डायरी में reactive से responsive होने के लिए किए जाने वाले प्रयास लिखने और उनका अभ्यास करने के किए प्रोत्साहित करें।
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- एक-दूजे को जानें
- यू आर यूनीक
- क्या कर रहे हो
- आओ ख़ुद को जानें
- बग़ीचे की सैर
- मेरे जीवन का लक्ष्य
- ख़ुशी के पल
- पैसा ही चाहिए या पैसा भी चाहिए
- किसका फ़ायदा
- आओ मन:स्थिति पहचानें
- मेरी परेशानी मेरे ही कारण
- अच्छा लगना, अच्छा होना
- मेरा रिमोट मेरे पास
- हम सब एक समान
- अपनी-अपनी पर्ची
- तन और मन
- मैं किसका सम्मान करता हूँ
- मैं कैसे पहचाना जाऊँ
- ख़ुश होना: किससे और कितनी देर
- कौन ख़ुश, कौन नाख़ुश
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