12. अच्छा लगना, अच्छा होना

गतिविधि का उद्देश्य: अच्छा लगना और अच्छा होना में अंतर समझना।
समय: कम से कम दो दिन बाकी शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं है।

शिक्षक के लिए नोट:
‘अच्छा लगना’ और ‘अच्छा होना’ दो अलग-अलग बातें हैं। ‘अच्छा लगना’ कुछ समय के लिए होता है जबकि ‘अच्छा होना’ हमेशा के लिए होता है। यह बात समझ में आने से हमारा ध्यान ‘अच्छा होने’ पर बना रहता है। इसका मतलब यह भी नहीं है कि ‘अच्छा लगने’ वाली चीज़ें जरूरी नहीं हैं, पर इससे हमेशा ख़ुशी नहीं मिलेगी। (जैसे- जंक फ़ूड खाने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है।) इस गतिविधि में यही समझ विकसित करने का प्रयास किया गया है ताकि विद्यार्थी केवल अच्छा लगने तक ही सीमित न रहें। ‘अच्छा लगने’ में सभी लोग अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन ‘अच्छा होना’ सभी को एक जैसे ही स्वीकार्य होता है। (जैसे- अच्छे आहार-विहार से स्वास्थ्य ठीक रहता है, यह सभी को स्वीकार होता है।)
पहला दिन:

कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

गतिविधि के चरण:
  • सभी विद्यार्थियों को 5-7 मिनट में अपनी-अपनी नोटबुक में दो अलग–अलग सूची बनाने के लिए कहा जाए-
    • 1. आपको क्या-क्या अच्छा लगता है? (जैसे:- खेलना, आइसक्रीम आदि।)
    • 2. आपको क्या-क्या अच्छा नहीं लगता? (जैसे:- सर्दियों में नहाना, डाँट खाना आदि।)
  • विद्यार्थी अपनी-अपनी सूचियाँ कक्षा में साझा करें ताकि सभी एक-दूसरे की पसंद और नापसंद को जान पाएँ।
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1. सभी के लिए ‘अच्छा लगने’ और ‘अच्छा न लगने’ वाली चीजें एक समान हैं या अलग-अलग हैं?
2. सभी के लिए ‘अच्छा लगने’ और ‘अच्छा न लगने’ वाली चीजें अलग-अलग क्यों होती हैं?
(संकेत- शरीर की प्रकृति में भिन्नताएँ, अपनी-अपनी मान्यताओं व विचारों में भिन्नताएँ, जीने के अभ्यास व तरीकों में भिन्नताएँ आदि के कारण)

कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

दूसरा दिन:

कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
  • शिक्षक प्रत्येक विद्यार्थी से उसकी ‘अच्छा लगने’ वाली सूची में सबसे पहले लिखी हुई चीज़ को पूछकर बोर्ड पर लिखे।
  • अब कक्षा को 5-6 विद्यार्थियों के छोटे समूहों में बाँटा जाए।
  • प्रत्येक समूह को चर्चा करके बोर्ड पर लिखी चीज़ों को दो भागों में बाँटने के लिए कहें।
    • 1. अच्छा लगना 
    •  2. अच्छा होना
  • (जैसे:- अच्छा लगना- स्वादिष्ट खाना, नाचना, गाना, आइसक्रीम, सैर, चॉकलेट, घूमना, नई चीजें सीखना, समझना आदि। अच्छा होना- पौष्टिक खाना, चीज़ों को सँभालकर रखना, विश्वास पाना, सम्मान पाना, स्नेह, दोस्ती, श्रमपूर्वक कुछ चीज़ें उत्पादित करना, सफ़ाई रखना, पेड़ लगाना आदि।)
  • जो समूह सबसे पहले वर्गीकरण करता है उसे अपना वर्गीकरण बोर्ड पर लिखने का मौका दें।
  • यदि समूह ने किसी चीज़ को सही वर्गीकृत नहीं किया है तो अन्य समूह से उसे ठीक करने को कहें।
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1. अच्छा लगने वाली चीज़ें सबके लिए अलग-अलग क्यों हैं?
2. अच्छा होने वाली चीज़ें सबके लिए लगभग एक जैसी क्यों हैं?
3. अच्छा लगने और अच्छा होने वाली चीज़ों में क्या अंतर है?
{संकेत- अच्छा लगना-अच्छा होना में अंतर:
1. क्षणिक ख़ुशी (जैसे - चॉकलेट खाना)
लम्बे समय तक ख़ुशी (जैसे - संबंधों में अपनेपन के साथ जीना)
2. सबके लिए अलग-अलग (किसी को मीठा अच्छा लगता है तो किसी को नमकीन)
सबके लिए समान (पौष्टिक भोजन सबके लिए अच्छा होता है)
3. बदलता रहता है (कभी चॉकलेट तो कभी आइसक्रीम तो कभी गुलाब जामुन आदि। चॉकलेट खाने की ख़ुशी कुछ क्षण के लिए ही मिलती है, इसलिए फिर से ख़ुश महसूस करने के लिए कुछ और खाने को या करने को ढूँढते हैं।) स्थिर होता है (संबंधों में अपनेपन से ख़ुशी मिलती है - यह बात समय और स्थान के अनुसार स्थिर रहती है, बदलती नहीं रहती)}
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

तीसरा दिन:

कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
  • कक्षा को छोटे समूहों में बाँटा जाए और अलग-अलग समूह नीचे दिए गए किसी एक भाग पर चर्चा करके 8-10 मिनट में उस भाग से संबंधित चीज़ों के नाम लिखे।
    • 1. अच्छा लगना और अच्छा होना
    • जैसे- संबंधों में एक दूसरे को ख़ुश कर पाना अच्छा लगता भी है और अच्छा होता भी है।
    • 2. अच्छा लगना, लेकिन अच्छा नहीं होना
    • जैसे- आइसक्रीम अच्छी लगती है, लेकिन बुख़ार में या सर्दी के मौसम में अच्छी नहीं होती है।
    • 3. अच्छा होना, लेकिन अच्छा नहीं लगना
    • जैसे- बीमारी में कड़वी दवा लेना; करेले की सब्जी कुछ लोगों को अच्छी नहीं लगती है, लेकिन स्वास्थ्य की दृष्टि से करेले की सब्जी पौष्टिक होती है; कुछ बच्चों को पढ़ाई करना अच्छा नहीं लगता जबकि पढ़ाई करना और चीज़ों को समझना अच्छी बात है।
    • 4. अच्छा नहीं होना और अच्छा नहीं लगना
    • जैसे:- आसपास गंदगी करना, एक दूसरे को दुखी करना।
  • अब प्रत्येक समूह अपनी-अपनी सूची को कक्षा में साझा करें।
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1. ‘अच्छा लगने’ वाली चीज़ों से ख़ुशी ज़्यादा देर तक मिलती है या ‘अच्छा होने’ वाली चीज़ों से ख़ुशी ज़्यादा देर तक मिलती है? (उत्तर - अच्छा होने वाली चीज़ों में। जैसे- अपने दोस्तों पर भरोसा करना)
2. अच्छा लगने में हम अलग-अलग होते हैं या समान? (उत्तर- अलग-अलग)
3. अच्छा होने में हम अलग-अलग होते हैं या समान? (उत्तर - समान)
4. क्या हम दूसरे के जैसा ‘अच्छा लगना’ के दबाव में आ जाते हैं? (शिक्षक विद्यार्थियों को खुलकर बात रखने के लिए प्रेरित करे।)
5. जब हम कपड़े खरीदने जाते हैं तो हम अकसर किस आधार पर खरीदते हैं - अच्छा होने (जैसे- कपड़े का material) या अच्छा लगने (जैसे- कपड़े का brand आदि) के आधार पर?

कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

क्या करें और क्या न करें:
  • शिक्षक विद्यार्थियों को सहजता से उत्तर देने के लिए प्रेरित करें, न कि क्या सही है और क्या ग़लत है इस पर बल दिया जाए।
  • जिन विद्यार्थियों को लिखने का अभी ठीक से अभ्यास नहीं है उन्हें भी वाक्य के बजाय एक या दो शब्दों में अपना जवाब लिखने के लिए प्रेरित करें।
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  1. एक-दूजे को जानें
  2. यू आर यूनीक
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  4. आओ ख़ुद को जानें
  5. बग़ीचे की सैर
  6. मेरे जीवन का लक्ष्य
  7. ख़ुशी के पल
  8. पैसा ही चाहिए या पैसा भी चाहिए
  9. किसका फ़ायदा
  10. आओ मन:स्थिति पहचानें
  11. मेरी परेशानी मेरे ही कारण
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  13. मेरा रिमोट मेरे पास
  14. हम सब एक समान
  15. अपनी-अपनी पर्ची
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  17. मैं किसका सम्मान करता हूँ
  18. मैं कैसे पहचाना जाऊँ
  19. ख़ुश होना: किससे और कितनी देर
  20. कौन ख़ुश, कौन नाख़ुश

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