गतिविधि का उद्देश्य: विद्यार्थियों को स्वयं की छवि के प्रति जागरूक करना।
समय: कम से कम दो दिन बाकी शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं हैं।
शिक्षक के लिए नोट:
हम अकसर दूसरे लोगों के बारे में तो बातें करते हैं कि कौन-कैसा है, लेकिन अपने बारे में शायद ही सोचते हैं कि मैं कैसा/कैसी हूँ। इस गतिविधि के माध्यम से स्वयं के बारे में सोचने का अवसर मिलता है, साथ ही यह भी जानने का अवसर मिलता है कि जिन लोगों के साथ हम रहते हैं वे हमारे बारे में क्या सोचते हैं।
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
1. अपने बारे में लिखी बातों को जानकर कैसा महसूस हुआ? क्यों?
2. कौनसी बातें ऐसी हैं जो दूसरों ने आपके बारे में लिखीं हैं, लेकिन आपने ख़ुद उनके बारे में कभी नहीं सोचा? कुछ विद्यार्थी स्वेच्छा से कक्षा में साझा करें।
3. आपमें से किस-किसने पहले भी कभी अपने बारे में सोचा था? क्या सोचा था?
4. यदि अपने बारे में हम ख़ुद सोचते रहें तो इससे हमें क्या फ़ायदा होगा?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
क्या करें और क्या न करें:
समय: कम से कम दो दिन बाकी शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं हैं।
शिक्षक के लिए नोट:
हम अकसर दूसरे लोगों के बारे में तो बातें करते हैं कि कौन-कैसा है, लेकिन अपने बारे में शायद ही सोचते हैं कि मैं कैसा/कैसी हूँ। इस गतिविधि के माध्यम से स्वयं के बारे में सोचने का अवसर मिलता है, साथ ही यह भी जानने का अवसर मिलता है कि जिन लोगों के साथ हम रहते हैं वे हमारे बारे में क्या सोचते हैं।
कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
- कक्षा के सभी विद्यार्थियों को समूहों (groups) में बैठने को कहें। एक समूह में 10 से 15 विद्यार्थी गोल घेरे या पास की दो पंक्तियों के रूप में बैठ सकते हैं।
- सभी विद्यार्थी बिना बातचीत किए कुछ देर अपने बारे में सोचें और अपनी कुछ ख़ूबियाँ/ अच्छी बातें अपनी नोटबुक में लिखें। जैसे- मददगार/helpful, मिलनसार/amiable आदि।
- अब सभी विद्यार्थी अपनी नोटबुक से एक खाली पेज़ लेकर उसमें ऊपर सिर्फ़ अपना नाम लिखें और इसे अपनी दायीं तरफ़ (right side) बैठे विद्यार्थी की ओर बढ़ा दें।
- जिस विद्यार्थी के पास पेज़ आता है वह उस पेज़ पर जिस विद्यार्थी का नाम लिखा है उसके बारे में एक अच्छी बात लिखें जो वह उस विद्यार्थी में देखता है। अच्छी बात लिखने वाला अपना नाम न लिखे।
- सभी के पेज़ इस तरह बढ़ाते रहें ताकि समूह के सभी विद्यार्थी सभी के बारे में एक-एक अच्छी बात लिख पाएँ।
- शिक्षक भी इस गतिविधि में शामिल हों और जाने कि विद्यार्थी उनके बारे में कैसा सोचते हैं।
- सभी विद्यार्थी अपने-अपने पेज़ पर अपने बारे में लिखी बातों को पढ़ें और एक या दो ख़ूबियाँ कक्षा में साझा करें।
1. अपने बारे में लिखी बातों को जानकर कैसा महसूस हुआ? क्यों?
2. कौनसी बातें ऐसी हैं जो दूसरों ने आपके बारे में लिखीं हैं, लेकिन आपने ख़ुद उनके बारे में कभी नहीं सोचा? कुछ विद्यार्थी स्वेच्छा से कक्षा में साझा करें।
3. आपमें से किस-किसने पहले भी कभी अपने बारे में सोचा था? क्या सोचा था?
4. यदि अपने बारे में हम ख़ुद सोचते रहें तो इससे हमें क्या फ़ायदा होगा?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
क्या करें और क्या न करें:
- यदि कक्षा में गोल घेरा बनाकर बैठने की व्यवस्था न हो सके तो इस गतिविधि को सीधी पंक्तियों में बैठकर भी किया जा सकता है। दो पंक्तियों के समूह में प्रत्येक विद्यार्थी अपना-अपना पेज़ इस प्रकार आगे बढ़ाते जाएँ कि दूसरी पंक्ति से घूमकर सभी के पेज़ आख़िर में अपने-अपने पास वापस आ जाएँ।
- प्रत्येक विद्यार्थी के बारे में अच्छी बात ही लिखें। कोई नकारात्मक बात न लिखें।
- जो विद्यार्थी अपने बारे में लिखी बातों को कक्षा में साझा करने में सहज महसूस न करें उन्हें साझा करने के लिए बाध्य न किया जाए।
- शिक्षक या अन्य विद्यार्थी किसी भी विद्यार्थी की बातों पर कोई नकारात्मक टिप्पणी न करें।
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