8. पैसा ही चाहिए या पैसा भी चाहिए

गतिविधि का उद्देश्य:
  • बच्चों का ध्यान इस ओर ले जाना की पैसा वस्तु नहीं है बल्कि वस्तु को प्राप्त करने का एक माध्यम मात्र है।
  • केवल पैसा रहे और वस्तु समाप्त हो जाए तो क्या हमारा धरती पर जीना संभव हो पाएगा?
समय: कम से कम दो दिन बाकी शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं है।

शिक्षक के लिए नोट:
वर्तमान समय में पैसे को बहुत ज़्यादा महत्त्व दिया जाता हैं। अधिकतर लोगों का जीवन पैसा कमाने और ख़र्च करने में ही गुजरता हुआ दिखाई पड़ता है। इस गतिविधि में विद्यार्थियों का ध्यान इस ओर जाए कि हमें सिर्फ़ पैसा चाहिए या पैसे से कुछ चाहिए? इसके अतिरिक्त इस ओर भी ध्यान जाए कि क्या हमारी सभी आवश्यकताएँ पैसे से पूरी होती हैं या कुछ ऐसी भी आवश्यकताएँ हैं जो पैसे से पूरी नहीं होती हैं।
पैसा केवल वस्तु (अपने ज़रूरत का सामान) पाने का माध्यम है न कि यह स्वयं में कोई वस्तु है अर्थात हम जब भी पैसे का उपयोग करेंगे तो उससे कोई वस्तु/सुविधा ही लाएँगे और उसका उपयोग करेंगे।
पैसे को अगर लक्ष्य मान लेते हैं तो हमारे रिश्तों और प्रकृति के संतुलन में व्यवधान आ जाता है। ऐसी स्थिति में बच्चों का ध्यान इस तरफ ले जाना कि केवल पैसा ही नहीं चाहिए बल्कि पैसा भी चाहिए जिससे धरती के संसाधन भी बचे रहें और हमारी आवश्यकताएँ भी पूरी हो जाएँ।

कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

गतिविधि के चरण:
1. बच्चों को 4 से 5 समूह में बैठाकर निम्न बिंदुओं पर आपस में चर्चा करने के लिए कहें। इसके लिए उन्हें 5 से 8 मिनट का समय दे सकते हैं-
  • पैसा क्या है?
  • पैसे का उपयोग क्या है?
  • हमारे दैनिक जीवन में सिर्फ़ पैसा चाहिए या पैसे से सामान चाहिए?
  • यदि मेरे पास पैसा तो हो, लेकिन मेरी ज़रूरत का सामान कहीं पर भी उपलब्ध न हो तो उस समय पैसे का क्या महत्त्व होगा? चर्चा करें।
  • हमारी ज़रूरत की चीज़ें सिर्फ़ पैसे होने से मिल जाएँगी या उन चीज़ों का उपलब्ध होना जरूरी है? (जैसे- यदि हमें आलू चाहिए तो पैसे से मिल जाएगा या पहले आलू का उत्पादन होना ज़रुरी है?)
  • चर्चा के उपरांत प्रत्येक समूह को अपने निष्कर्षों का प्रस्तुतीकरण कराया जाए। (प्रस्तुतीकरण के लिए 3-3 मिनट का समय दे सकते हैं।)
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1. आपको जीवन में पैसा ही चाहिए या पैसा भी चाहिए?
2. यदि पैसा भी चाहिए तो पैसे के अलावा और क्या-क्या चाहिए?
3. यदि पैसा ही चाहिए तो पैसे से क्या-क्या चाहिए?
3. चीज़ें पैसे से मिलती हैं या कोई उत्पादन करता है/बनाता है, इसलिए मिलती हैं?
5. पैसे से क्या-क्या चीज़ें नहीं मिल सकती है? (संकेत- विश्वास, प्यार, स्नेह, सम्मान आदि भाव।)
6. अगर हम पैसा कमाने के प्रयास में पर्यावरण को नुकसान करते रहे तो इसके क्या-क्या परिणाम हो सकते हैं?
7. यदि पर्यावरण ख़राब होने से हमें शुद्ध हवा और पानी नहीं मिलेगा तो पैसे का क्या करेंगे?

कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

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  1. एक-दूजे को जानें
  2. यू आर यूनीक
  3. क्या कर रहे हो
  4. आओ ख़ुद को जानें
  5. बग़ीचे की सैर
  6. मेरे जीवन का लक्ष्य
  7. ख़ुशी के पल
  8. पैसा ही चाहिए या पैसा भी चाहिए
  9. किसका फ़ायदा
  10. आओ मन:स्थिति पहचानें
  11. मेरी परेशानी मेरे ही कारण
  12. अच्छा लगना, अच्छा होना
  13. मेरा रिमोट मेरे पास
  14. हम सब एक समान
  15. अपनी-अपनी पर्ची
  16. तन और मन
  17. मैं किसका सम्मान करता हूँ
  18. मैं कैसे पहचाना जाऊँ
  19. ख़ुश होना: किससे और कितनी देर
  20. कौन ख़ुश, कौन नाख़ुश

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