6. मेरे जीवन का लक्ष्य

गतिविधि का उद्देश्य: विद्यार्थियों का ध्यान इस ओर दिलाना कि हम सभी के जीवन का लक्ष्य एक ही है- निरंतर ख़ुशी।
समय: कम से कम दो दिन बाकी शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: किसी विशेष सामग्री की आवश्यकता नहीं है।

शिक्षक के लिए नोट:
अधिकतर लोगों का मानना है कि सभी लोगों के जीवन का लक्ष्य (goal) अलग-अलग होता है। इस गतिविधि में यह प्रस्तावित किया गया है कि सभी लोगों के जीवन का लक्ष्य ‘ख़ुशी’ है। अभी बिज़नैस, नौकरी, पैसा या नाम कमाना, समाज या देश सेवा करना, डॉक्टर-इंजीनियर बनना, परिवार के लिए कुछ करना आदि को लक्ष्य माना जाता है जबकि ये सभी अपनी-अपनी रुचि या मान्यता के अनुसार अपनाए जाने वाले माध्यम (medium) हैं जिनको करके हम ख़ुशी चाहते हैं। कुछ लोग इन माध्यमों को short term goal भी कहते हैं जबकि goal (लक्ष्य) वह होता है जिसके बाद और कुछ पाना शेष न रहे, बस उसी की निरंतरता बनी रहे।
सभी व्यक्तियों के सभी प्रयास केवल और केवल ख़ुशी (happiness) के लिए होते हैं। इसे जाँचने के लिए व्यक्ति के हर प्रयास या कार्य के लिए ‘क्यों’ लगाते जाएँ तो अंत में यही निकलता है। लक्ष्य के आधार पर सभी व्यक्ति एक समान हैं। समानता के इस आधार को समझने से व्यक्ति-व्यक्ति के बीच विश्वास का रास्ता निकलता है। आज व्यक्ति को व्यक्ति से ही सबसे ज्यादा भय है जिसे दूर किए बिना ख़ुश नहीं रहा जा सकता है। हम ख़ुशी को ही अच्छा लगना, संतुष्टि (satisfaction), सुख-शांति, अमन-चैन आदि शब्दों से व्यक्त करते हैं।

पहला दिन:

कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

गतिविधि के चरण:
  • शिक्षक कक्षा में विद्यार्थियों से पूछे कि सभी व्यक्तियों के जीवन का लक्ष्य (goal) एक समान है या अलग-अलग है।
  • पहले उन विद्यार्थियों से हाथ उठाने के लिए कहें जिनका मानना है कि सभी व्यक्तियों के जीवन का लक्ष्य अलग-अलग है। उनसे इन अलग-अलग लक्ष्यों के बारे में पूछा जाए।
  • इसके बाद उन विद्यार्थियों से हाथ उठाने के लिए कहें जिनका मानना है कि सभी व्यक्तियों के जीवन का लक्ष्य एक समान है। यदि ऐसा मानने वाले कोई विद्यार्थी हैं तो उनसे उस समान लक्ष्य के बारे में पूछा जाए।
  • अब किसी विद्यार्थी से पूछा जाए कि वह जीवन में जो भी बनना या करना चाहता है, वह क्यों चाहता है। उसके हर जवाब पर तब तक ‘क्यों’ लगाते जाएँ जब तक कि अंतिम जवाब ‘अच्छा लगता है, satisfaction/संतुष्टि के लिए, ख़ुशी के लिए आदि’ नहीं आ जाए। (जैसे-कोई विद्यार्थी कहता है मैं डॉक्टर बनना चाहता हूँ। उससे पूछें- डॉक्टर क्यों बनना चाहते हो? संभावित जवाब- बीमार लोगों की सेवा करना चाहता हूँ। फिर पूछें- तुम बीमार लोगों की सेवा क्यों करना चाहते हो? यदि इसके बाद विद्यार्थी कुछ नहीं बोल पाता है तो प्रश्न इस प्रकार स्पष्ट कर सकते हैं- बीमार लोगों की सेवा करने से तुम्हें क्या फ़ायदा होगा या इससे तुम्हें क्या मिलेगा? संभावित अंतिम जवाब- ख़ुशी/संतुष्टि)
  • इसी प्रकार 2-3 विद्यार्थियों से और पूछा जाए और उनके अंतिम जवाब (जो उपर्युक्त में से ही होंगे) बोर्ड पर लिखते रहें।
  • शिक्षक से भी कोई विद्यार्थी इसी प्रकार प्रश्न कर अंतिम जवाब निकलवाए।
  • अब विद्यार्थियों को जोड़े में एक-दूसरे से इसी तरह प्रश्न पूछने के लिए कहा जा सकता है।
  • अंत में बोर्ड पर लिखे ‘अच्छा लगता है, satisfaction/संतुष्टि के लिए, ख़ुशी के लिए आदि’ अंतिम जवाबों के लिए एक शब्द दे ‘Happiness’ और विद्यार्थियों से पूछें कि क्या आप हमारी चर्चा से निकले निष्कर्ष से सहमत हैं।
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
1. सभी व्यक्तियों के जीवन का लक्ष्य एक समान है या अलग-अलग है?
2. सभी व्यक्तियों के जीवन का लक्ष्य क्या है?
3. यह लक्ष्य मिलजुल कर रहने और एक-दूसरे की मदद करने से मिलेगा या आपस में लड़ाई-झगड़ा करने से मिलेगा?
4. इसके लिए आप दूसरों की क्या-क्या मदद कर सकते हैं?

कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

दूसरे दिन की गतिविधि के लिए विद्यार्थियों को इस निष्कर्ष (हम सबका लक्ष्य एक- ख़ुशी/Happiness) को अपने घर पर और दोस्तों से बात कर जाँचने के लिए कहा जाए। जाँचने के लिए विद्यार्थी उनसे निम्नलिखित दो प्रश्न पूछें।
1. आपके अनुसार सभी व्यक्तियों के जीवन का लक्ष्य एक समान है या अलग-अलग है?
2. हमारी हैप्पीनेस क्लास की चर्चा के अनुसार यह निष्कर्ष निकला है कि हर व्यक्ति जो भी करता है वह अपनी ख़ुशी के लिए करता है, इसलिए सभी व्यक्तियों के जीवन का लक्ष्य ‘ख़ुशी’ है। क्या आप इससे सहमत हैं? विद्यार्थी अपने सर्वे में प्राप्त जवाबों का विश्लेषण निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर करें:
1. कितने लोगों से प्रश्न पूछे?
2. कितने लोगों ने सभी के जीवन का लक्ष्य अलग-अलग बताया?
3. कितने लोगों ने सभी के जीवन का लक्ष्य समान बताया?
4. कितने लोग जीवन के लक्ष्य ‘ख़ुशी’ से सहमत हुए?
5. कितने लोग जीवन के लक्ष्य ‘ख़ुशी’ से सहमत नहीं हुए?)

दूसरा दिन:

कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

गतिविधि के चरण:
  • कक्षा को 10-10 विद्यार्थियों के समूह में बाँटा जाए।
  • प्रत्येक समूह जीवन के लक्ष्य के बारे में प्राप्त जवाबों को compile करें और कक्षा में प्रस्तुत करें।
    • 1. कितने लोगों से प्रश्न पूछे?
    • 2. कितने लोगों ने सभी के जीवन का लक्ष्य अलग-अलग बताया?
    • 3. कितने लोगों ने सभी के जीवन का लक्ष्य समान बताया?
    • 4. कितने लोग जीवन के लक्ष्य ‘ख़ुशी’ से सहमत हुए?
    • 5. कितने लोग जीवन के लक्ष्य ‘ख़ुशी’ से सहमत नहीं हुए?
  • शिक्षक group leaders की मदद से सभी समूहों के आँकड़ों को compile कर कक्षा में प्रस्तुत करे।
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न:
  • किस आधार पर कहा जा सकता है कि सभी व्यक्ति एक समान हैं?
  • क्या आप पहले सभी व्यक्तियों को किसी आधार पर एक समान मानते थे? कैसे?
  • सभी व्यक्तियों के जीवन का लक्ष्य एक समान है। इस बात के आधार पर अब आप दूसरे लोगों के बारे में क्या सोचते हैं?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

क्या करें और क्या न करें:
  • विद्यार्थियों को सीधा निष्कर्ष कभी न दिया जाए, बल्कि प्रश्नों के माध्यम से विद्यार्थियों से ही निष्कर्ष निकलवाया जाए।
  • विद्यार्थियों को हैप्पीनेस क्लास में हुई बातचीत को घर पर साझा करने के लिए प्रोत्साहित करें।
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  1. एक-दूजे को जानें
  2. यू आर यूनीक
  3. क्या कर रहे हो
  4. आओ ख़ुद को जानें
  5. बग़ीचे की सैर
  6. मेरे जीवन का लक्ष्य
  7. ख़ुशी के पल
  8. पैसा ही चाहिए या पैसा भी चाहिए
  9. किसका फ़ायदा
  10. आओ मन:स्थिति पहचानें
  11. मेरी परेशानी मेरे ही कारण
  12. अच्छा लगना, अच्छा होना
  13. मेरा रिमोट मेरे पास
  14. हम सब एक समान
  15. अपनी-अपनी पर्ची
  16. तन और मन
  17. मैं किसका सम्मान करता हूँ
  18. मैं कैसे पहचाना जाऊँ
  19. ख़ुश होना: किससे और कितनी देर
  20. कौन ख़ुश, कौन नाख़ुश

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