गतिविधि का उद्देश्य: बच्चों का ध्यान उनके भीतर आने वाले भावों की ओर ले जाना तथा उनके प्रति सजग करना।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: कोई विशेष सामग्री नहीं
शिक्षक के लिए नोट:
इस गतिविधि द्वारा बच्चों को इस बात का अनुभव होगा कि भाव सकारात्मक तथा नकारात्मक दोनों प्रकार के हो सकते हैं।सकारात्मक भाव जैसे उत्साह,स्नेह,प्यार,कृतज्ञता,ममता तथा सहयोग आदि। नकारात्मक भाव जैसे क्रोध,दु:ख,ईर्ष्या,प्रतिस्पर्धा आदि। बच्चे यह जान पाएँ कि वे किन भावों के साथ रहना पसंद करेंगे।बच्चे यह भी अनुभव कर सकें कि सकारात्मक भावों की स्वीकृति अथवा अपनी पसंद के भावों में रहना ही खुशी है।
बच्चे इन भावों के प्रति सजग हों तथा उन्हें पहचानकर उन्हें व्यक्त कर पाएँ।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
1. आपके कौन-कौन से भाव परेशान करने वाले थे?
2. कौन से भावों के साथ आप लंबे समय तक रहना चाहते हैं?
3. जब आप किसी भाव के साथ रहते हैं तो किसके साथ इन भावों को साझा करना चाहते हैं ?
4. आप अक्सर कौन से भाव महसूस करते हैं (ख़ुशी या दुःख वाले)?
5. आप हमेशा ख़ुशी चाहते हैं या दुःख?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें
दूसरा दिन:
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
1. इस गतिविधि में कौन-कौन से भाव आपको अच्छे लगे और कौन से भाव अच्छे नहीं लगे? अपने समूह में चर्चा करके साझा करें।
2. बच्चे अपने अपने समूह में चर्चा करें कि वे कब-कब इन भावों को महसूस करते हैं।
3. बच्चे समूह में चर्चा करें कि किन भावों के साथ वे लंबे समय तक रह सकते हैं?
4. समूह में चर्चा करें कि आपको कौन कौन से भाव में रहना पसंद है?
5. प्रत्येक कार्य को खुशी वाले से कैसे किया जा सकता है? चर्चा करें।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें
क्या करें, क्या न करें:
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: कोई विशेष सामग्री नहीं
शिक्षक के लिए नोट:
इस गतिविधि द्वारा बच्चों को इस बात का अनुभव होगा कि भाव सकारात्मक तथा नकारात्मक दोनों प्रकार के हो सकते हैं।सकारात्मक भाव जैसे उत्साह,स्नेह,प्यार,कृतज्ञता,ममता तथा सहयोग आदि। नकारात्मक भाव जैसे क्रोध,दु:ख,ईर्ष्या,प्रतिस्पर्धा आदि। बच्चे यह जान पाएँ कि वे किन भावों के साथ रहना पसंद करेंगे।बच्चे यह भी अनुभव कर सकें कि सकारात्मक भावों की स्वीकृति अथवा अपनी पसंद के भावों में रहना ही खुशी है।
बच्चे इन भावों के प्रति सजग हों तथा उन्हें पहचानकर उन्हें व्यक्त कर पाएँ।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
- शिक्षक 6-7 भाव (Feeling )जैसे उदासी,दुःख,गुस्सा,स्नेह/प्यार,ख़ुशी,सहयोग (cooperation)आदि को पर्ची में लिख कर 6 विद्यार्थियों को आगे बुलाकर अभिनय करने को कहें।
- अभिनय करते समय वे बोल नहीं सकते, केवल इशारों से समझाने का प्रयास कर सकते हैं।
- कक्षा के अन्य बच्चों को उन भावों का अनुमान लगाना हैं। अगर बच्चे भाव का अनुमान लगा लेते हैं पर उस भाव को किसी और शब्द से व्यक्त करते हैं तो भी उसे सही माना जाये जैसे - स्नेह की जगह पर प्यार बोला तो उसे सही मान लेना ठीक रहेगा।
- बच्चे अपने-अपने समूह में चर्चा करें कि वे कब कब इन भावों को महसूस करते हैं।
- बच्चे समूह में चर्चा करें कि किन भावों के साथ लंबे समय तक रहना चाहते हैं?
1. आपके कौन-कौन से भाव परेशान करने वाले थे?
2. कौन से भावों के साथ आप लंबे समय तक रहना चाहते हैं?
3. जब आप किसी भाव के साथ रहते हैं तो किसके साथ इन भावों को साझा करना चाहते हैं ?
4. आप अक्सर कौन से भाव महसूस करते हैं (ख़ुशी या दुःख वाले)?
5. आप हमेशा ख़ुशी चाहते हैं या दुःख?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें
दूसरा दिन:
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
- शिक्षक कक्षा के विद्यार्थियों को 6 समूहों में बांटे।
- प्रत्येक समूह अपने अपने समूह का एक प्रतिनिधि चुन ले।
- शिक्षक 6 भाव जैसे डर,सम्मान,विश्वास,दुःख,नाराज़,परेशान को पर्ची में लिख कर प्रत्येक समूह के प्रतिनिधि को आगे बुलाएँ।
- पूरे समूह को एक ऐसी घटना का अभिनय करने को कहें जिसमें उनके द्वारा चुने गए भाव हो।
- अभिनय करते समय वे बोल नहीं सकते, केवल इशारों से समझाने का प्रयास कर सकते हैं।
- कक्षा के अन्य विद्यार्थियों को उन भावों का एक-एक करके अनुमान लगाना हैं। अगर कक्षा भाव का अनुमान लगा लेती है पर उस भाव को किसी और शब्द से व्यक्त करती है तो भी उसे सही माना जाये जैसे - स्नेह की जगह पर प्यार बोला तो उसे सही मान लेना ठीक रहेगा।
1. इस गतिविधि में कौन-कौन से भाव आपको अच्छे लगे और कौन से भाव अच्छे नहीं लगे? अपने समूह में चर्चा करके साझा करें।
2. बच्चे अपने अपने समूह में चर्चा करें कि वे कब-कब इन भावों को महसूस करते हैं।
3. बच्चे समूह में चर्चा करें कि किन भावों के साथ वे लंबे समय तक रह सकते हैं?
4. समूह में चर्चा करें कि आपको कौन कौन से भाव में रहना पसंद है?
5. प्रत्येक कार्य को खुशी वाले से कैसे किया जा सकता है? चर्चा करें।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें
क्या करें, क्या न करें:
- विद्यार्थी जब हाव-भाव बना रहे हों तो एक दूसरे का मज़ाक न उड़ाएँ यह ध्यान रखना होगा।
- शिक्षक भी कुछ हाव-भाव बनाकर उदाहरण दें।
- शिक्षक भी गतिविधि में स्वयं की भागीदारी अवश्य करें।
- चर्चा करते समय सभी समूहों में जाएँ और देखें चर्चा सही दिशा में जा रही हो।
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- आओ मिलकर आकार बनाएँ
- चलो पिकनिक चलें
- देखो हम समान हैं
- धन्यवाद करें हम उनका
- मेरी पसंदीदा जगह
- मेरा हीरो कौन?
- मेरी सच्ची ख़ुशी
- मेरे सहयोगी
- मैं और प्रकृति
- मुझे ऐसा लगता है
- हैप्पीनेस वॉल
- ख़ुशी की रेखा
- मेरा भाव मेरी ख़ुशी
- प्रकृति की सैर
- आपका आभार
- मददगार
- गलती में अनेक सही में एक
- काला या सफेद
- सभी की भूमिका
- आवश्यकता तथा पसंद
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