1. आओ मिलकर आकार बनाएँ

गतिविधि का उद्देश्य: विद्यार्थियों की एक साथ मिलकर एवं सोचकर निर्णय लेने की क्षमता को विकसित करना और अपनी सामूहिक सोच को कार्यान्वित होते हुए उत्साह महसूस कराना।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: पेंसिल, रबड़,शार्पनर

शिक्षक के लिए नोट:
हर मानव के पास सोचने की असीम क्षमता है। इस गतिविधि द्वारा विद्यार्थी अपनी सोचने की क्षमता का प्रयोग कर अपनी पेंसिल,रबड़ तथा शार्पनर द्वारा अनेक प्रकार की रचनाओं को बना पाएँगे। विद्यार्थी इस गतिविधि द्वारा अकेले व दूसरे विद्यार्थियों के साथ मिलकर कार्य करने पर सुख का एहसास कर पाएँगे,साथ ही,उनका आत्मविश्वास तथा निर्णय क्षमता का विकास होगा।

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

गतिविधि के चरण:
  • कक्षा में सभी विद्यार्थियों को कहें कि वे अपने पेंसिल, रबड़,शार्पनर निकाल लें।
  • उन्हें अलग-अलग बैठने के लिए कहें।
  • प्रत्येक विद्यार्थी को अपने पास उपलब्ध सामग्री पेंसिल,रबड़,शार्पनर को जोड़-जोड़ कर विभिन्न आकार, टेबल पर रख कर बनाने को कहें। जैसे: चौकोर, तिकोना, फूल,पेड़ आदि।
  • इसके बाद सभी समूह, एक दूसरे के द्वारा बनाए गए आकारों को देखते हुए कक्षा का दौरा करें और फिर वापिस अपनी जगह पर आ जाएँ। इससे वह एक दूसरे के सामूहिक प्रयास की सराहना कर पाएँगे और दूसरों की रचनात्मकता (Creativity) को देख पाएँगे।
पहला दिन: चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न
1. आपने कौन सा आकार बनाया? आपने यह आकार क्यों चुना?
2. क्या आप अन्य कोई आकार भी बना सकते थे? साझा करें।
3. आपको इस कार्य को करने में क्या-क्या मुश्किलें आईं?
4. आप इन मुश्किलों से कैसे छुटकारा पा सके?

कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें

दूसरा दिन:

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

गतिविधि के चरण:
  • शिक्षक चार चार विद्यार्थियों के समूह बनाएँ ।
  • सभी विद्यार्थी अपने पेंसिल, रबड़,शार्पनर निकाल लें।
  • एक टेबल पर एक समूह को बैठाएँ ।
  • सभी विद्यार्थियों से पेंसिल, रबड़ और शार्पनर एक साथ समूह में इकट्ठा करवाएँ ।
  • प्रत्येक समूह को पेंसिल, रबड़ और शार्पनर को जोड़-जोड़ कर विभिन्न आकार बनाने को कहें। जैसे: चौकोर, तिकोना,घर,बस तथा अन्य आकार।
  • इसके बाद सभी समूह एक दूसरे के समूहों द्वारा बनाए गए आकारों को देखते हुए कक्षा का दौरा करें और फिर वापिस अपनी जगह पर आ जाएँ। (इससे वह एक दूसरे के सामूहिक प्रयास की सराहना कर पाएँगे)
दूसरा दिन: चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न
1. दूसरे समूहों का आकार देखकर आपको कैसा लगा?
2. उन्होंने कौन कौन से आकार बनाए थे? साझा करें।
3. यदि आपके समूह के विद्यार्थी आपका सहयोग नहीं करते तब आप क्या करते?
5. आपको आकार बनाते हुए कब अधिक खुशी हुई?अकेले में या समूह मेंI

कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें

क्या करें,क्या ना करें:
  • विद्यार्थियों को आकार बनाने का निर्णय पहले दिन स्वयं तथा दूसरे दिन समूह में लेने दें।
  • अपनी ओर से प्रस्ताव देने से बचें।
  • विद्यार्थियों को गतिविधि पूरा करने के लिए पर्याप्त समय दें।
  • बच्चों द्वारा बनाए गए आकारों के प्रति अच्छे,बुरे का निर्णय देने से बचें।
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  1. आओ मिलकर आकार बनाएँ
  2. चलो पिकनिक चलें
  3. देखो हम समान हैं
  4. धन्यवाद करें हम उनका
  5. मेरी पसंदीदा जगह
  6. मेरा हीरो कौन?
  7. मेरी सच्ची ख़ुशी
  8. मेरे सहयोगी
  9. मैं और प्रकृति
  10. मुझे ऐसा लगता है
  11. हैप्पीनेस वॉल
  12. ख़ुशी की रेखा
  13. मेरा भाव मेरी ख़ुशी
  14. प्रकृति की सैर
  15. आपका आभार
  16. मददगार
  17. गलती में अनेक सही में एक
  18. काला या सफेद
  19. सभी की भूमिका
  20. आवश्यकता तथा पसंद

1 comment:

  1. Please upload the english version of happiness books.

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