10. तीन तरह के चित्र

कहानी का उद्देश्य: विद्यार्थियों को ‘अच्छा दिखने’’ की बजाय ‘अच्छा होने’ के लिए प्रेरित करना।
समय: कम से कम दो दिन बाकी शिक्षक के संतुष्ट होने तक

Check In: कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

कहानी:
मोहित के घर के पास एक बहुत मशहूर चित्रकार रहता था। उससे अपनी तस्वीर बनवाने के लिए लोग दूर-दूर से आते थे। एक दिन अपनी माँ के साथ स्कूल से वापस आते वक़्त मोहित ने भी उस चित्रकार से अपनी तस्वीर बनवाने की ज़िद की। जब मोहित और उसकी माँ चित्रकार के दरवाज़े पर पहुँचे तो उन्होंने देखा कि दरवाज़े के बाहर एक तख़्ती पर तस्वीर बनवाने की कीमतें लिखी हुई थीं। जो इस प्रकार से थी:
1. यदि आप जैसे हैं, वैसा ही चित्र बनवाना चाहते हैं तो चित्र मुफ्त में बनाया जाएगा।
2. यदि आप जैसा लोगों को दिखाई पड़ते हैं, वैसा चित्र बनवाना चाहते हैं तो दाम- 100 रुपया।
3. यदि आप जैसा लोगों को दिखना चाहते हैं, वैसा चित्र बनवाना चाहते हैं तो दाम- 200 रुपया।
उस तख़्ती को देखकर मोहित सोच में पड़ गया। अंदर जाकर उसने चित्रकार से पूछा, “भैया, हमारे तीन तरह के चित्र कैसे हो सकते हैं? मुझे तो लगता था कि हमारा बस एक ही तरह का चित्र हो सकता है जैसे हम हैं।”
मोहित को देखकर चित्रकार मुस्कराया और बोला, “तुम पहले ग्राहक हो जो ऐसा सोचते हो वरना तो कुछ लोग दूसरे प्रकार का और अधिकतर लोग तीसरे प्रकार का ही चित्र बनवाने के लिए आते हैं। कोई वैसा चित्र नहीं बनवाना चाहता है जैसा वह है।” चित्रकार का यह उत्तर सुनकर मोहित सोच में पड़ गया और बिना चित्र बनवाए ही अपनी माँ के साथ वापस घर आ गया।

चर्चा की दिशा:
एक व्यक्ति का अच्छे स्वभाव, विचार और व्यवहार से ‘अच्छा होना’ होता है। उसके रंग-रूप, पहनावे आदि से ‘अच्छा दिखना’ होता है। जिन लोगों को यह महसूस होता है कि दूसरे लोग उन्हें अच्छा नहीं समझते हैं तो वे ‘अच्छा दिखने’ का प्रयास करने लगते है और अच्छा दिखने के लिए अपना अधिकतर समय और साधन लगाते हैं। अच्छा दिखने के प्रयास से कोई व्यक्ति अच्छा हो नहीं जाता है।
इस कहानी और प्रश्नों के माध्यम से विद्यार्थियों को ‘अच्छा दिखने’ के बजाय ‘अच्छा होने’ के लिए प्रेरित करने का प्रयास किया गया है। ‘अच्छा होने’ में ‘अच्छा दिखना’ समाया ही रहता है। इसके लिए अलग से कोई प्रयास नहीं करना पड़ता है।

पहला दिन:

चर्चा के लिए प्रश्न:
1. क्या अपने भी कभी ऐसा देखा है कि कुछ लोग जैसे 'दिखने' का प्रयास करते हैं वास्तव में वे वैसे होते नहीं हैं? ऐसा करने के क्या कारण हो सकते हैं?
2. क्या आप भी कभी 'अच्छा दिखने' का प्रयास करते हैं? क्यों?
3. यदि किसी व्यक्ति का व्यवहार और विचार आपको ठीक नहीं लगते हैं, लेकिन वह व्यक्ति अच्छा दिखने का बहुत प्रयास करता है तो क्या वह आपको अच्छा लगने लगता है? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
4. हम अपना अधिकतर समय और साधन अच्छा दिखने के लिए लगाते हैं या अच्छा होने के लिए लगाते हैं? क्यों?

घर जाकर देखो, पूछो, समझो (विद्यार्थियों के लिए):
  • अपने आसपास यह देखें कि लोग अच्छा 'दिखने' के लिए क्या-क्या प्रयास करते हैं। 
  • घर जाकर इस कहानी को अपने परिवार में सुनाएँ और इस पर परिवार के सदस्यों के विचार व अनुभव जानें। 
Check out: कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

दूसरा दिन:

Check In: कक्षा की शुरूआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
  • कहानी की पुनरावृत्ति विद्यार्थियों द्वारा करवाई जाए। पुनरावृत्ति के लिए एक या कई विद्यार्थियों से कहानी सुनना, कहानी का रोल प्ले करना, जोड़े में एक-दूसरे को कहानी सुनाना आदि विविध तरीके अपनाए जा सकते हैं। 
  • कहानी पर घर से मिले फीडबैक को विद्यार्थी छोटे समूहों में साझा कर सकते हैं। कुछ विद्यार्थियों को घर के अनुभव कक्षा में साझा करने के अवसर दिए जाएँ। 
  • पहले दिन के चर्चा के लिए प्रश्नों का प्रयोग उन विद्यार्थियों के लिए पुन: किया जा सकता है जो रह गए थे या अनुपस्थित थे।
चर्चा के लिए कुछ अन्य प्रश्न:
1. लोग अच्छा दिखने के लिए क्या-क्या प्रयास करते हैं?
2. आप अच्छा दिखने के लिए क्या-क्या प्रयास करते हो?
3. ‘अच्छा दिखने’ और ‘अच्छा होने’ में क्या अंतर हैं?
4. जो लोग अच्छे होते हैं क्या उनको ‘अच्छा दिखने’ के लिए अलग से कोई प्रयास करना पड़ता है? यदि नहीं तो क्यों नहीं?
5. आप अच्छा होने के लिए क्या प्रयास कर सकते हैं?

Check out: कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

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