10. मेरा नया दोस्त

उद्देश्य: कुछ भी एक्शन लेने से पहले माने हुए को जान लेना आवश्यक है।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक

कक्षा की शुरुआत दो-तीन मिनट ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए

कहानी
विकास और अर्जुन दोनों पास पास रहते थे, एक ही कक्षा में पढते थे। दोनो पढ़ने लिखने में अच्छे थे और विद्यालय के नियमों का पालन करते। कक्षा में सभी से दोस्ती भी थी। अर्जुन चुलबुले स्वभाव का था, सभी से हंस कर बात करता। जबकि विकास शांत स्वभाव का था और कम बोलता था।
रोज़ शाम जब सभी अपने घर से खेलने के लिए निकलते, विकास दूसरी गली से कहीं निकल जाया करता। रोज वह कहां जाता है खेलने क्यों नहीं आता । एक दिन यही पता लगाने के लिए अर्जुन उसके पीछे पीछे चल दिया।
अर्जुन ने देखा विकास एक ऐसी बस्ती की तरफ जा रहा था जो कि नई बसी थी।जहां अधिक बसावट भी नहीं थी। अर्जुन ने सोचा कि कहीं विकास किसी गलत संगत में तो नहीं पड़ गया ।
बस्ती में पहुंच कर विकास वहीं एक चबूतरे पर बैठ गया। बस्ती के बच्चे भी वहीं पर आ गए। और विकास लगा उन्हें पढ़ाने। पढ़ाने के बाद खूब चर्चा भी चलती रही।बच्चे खूब खुलकर विकास से बातें कर रहे थे।तभी अर्जुन ने पास से गुजरते हुए एक बूढ़े आदमी से पूछा तो पता चला कि रोज़ विकास आकर इन बच्चों को पढ़ाता है उनके साथ खूब समय बिताता है। भला हो विकास बेटे का जो इतना समय दे कर बच्चों को कुछ सीखा रहा है।
ऐसा सुनकर अर्जुन भी शामिल हो गया विकास के इस कार्यक्रम में। उसे विकास के साथ खूब मजा आने लगा।
अब अर्जुन गर्व से कहने लगा,"क्या खूब है मेरा नया दोस्त”।

चर्चा की दिशा:
अक्सर हम किसी व्यक्ति को बिना जाने ही उसके लिए कुछ धारणा बना लेते हैं जिसके कारण हम संबंधों का निर्वाहन सही तरीके से नहीं कर पाते। कितना अच्छा हो यदि हम आगे बढ़ कर सब कुछ जान परखकर कुछ निर्णय लें ताकि संबंध मधुर बन सके।
कुछ भी बिना जाने मान लेने से गलतफहमियां हो सकती हैं।

चर्चा के प्रश्न:
1. क्या कभी आपके साथ भी अर्जुन जैसी स्थिति आई है कि आपको अपने मित्र के विषय में कोई गलतफहमी हो गई हो। उदाहरण देकर बताएं।आपकी गलतफहमी कैसे दूर हो पाई?
2. विकास की समाज के लिए उपयोगिता ने अर्जुन को बहुत प्रभावित किया ।आप अपने जीवन से कोई ऐसा उदाहरण दें जब जब आप समाज या परिवार के लिए उपयोगी सिद्ध हुए हों।

घर जाकर देखो, पूछो समझो (विद्यार्थियों के लिए)
आपके घर में ऐसे कौन कौन से सदस्य है जिनके प्रति आपने कोई धारणा बना रखी है और उनके बारे में जानने की आवश्यकता है।परिवार के सदस्यों, आस पड़ोस के लोगों से जानकारी लेने का प्रयास करें कि कब उन्होंने किसी व्यक्ति के विषय में गलतफहमी को दूर किया और उनके सम्बन्धों में सुधार आया।

कक्षा के अंत में एक 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें

दूसरा दिन

कक्षा की शुरुआत दो-तीन मिनट ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए
  • कहानी की पुनरावृत्ति विद्यार्थियों द्वारा करवाई जाए। पुनरावृत्ति के लिए एक या कई विद्यार्थियों से कहानी सुनना, रोल प्ले करना, जोड़े में एक-दूसरे को सुनाना आदि विविध तरीके अपनाए जा सकते हैं।
  • घर से मिले फीडबैक को विद्यार्थी छोटे समूहों में साझा कर सकते हैं। कुछ विद्यार्थियों को घर के अनुभव कक्षा में साझा करने के अवसर दिए जाएँ।
पहले दिन के चिंतन के प्रश्नों का प्रयोग शेष विद्यार्थियों के लिए पुनः किया जा सकता है।

चर्चा के प्रश्न:
1. ऐसी घटनाओं को साझा करें जिसके कारण किसी के प्रति आपने कोई धारणा बना ली हो। (छोटे समूहों में चर्चा करने का अवसर दें)
2. आपने किस मित्र अथवा प्रियजन के प्रति कोई धारणा बना रखी है परंतु अब आप उसके विषय में और जानकारी लेना चाहेंगे। आप ऐसा क्यों करना चाहते हैं? (सभी के लिए प्रश्न)

कक्षा के अंत में एक 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें

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  1. हाथी की रस्सी
  2. भूल जाना बेहतर है
  3. राष्ट्रपति
  4. शिकायतों का बोझ
  5. शहर की ओर /किसका फैसला
  6. शरीर का घमंड
  7. पिकासो की पेंटिग
  8. पार्क
  9. वर्कशॉप
  10. मेरा नया दोस्त
  11. व्यर्थ क्या
  12. कौन: पेन या मित्र?
  13. जीत किसकी
  14. दो दिन बाद
  15. मेरी गलती/नेपोलियन
  16. सही दर्पण
  17. तीन मज़दूर तीन नज़रिये
  18. बैंडेड
  19. चाँद तारे
  20. कहानी एक बीज की

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