19. चाँद तारे

उद्देश्य: विद्यार्थियों को जीवन में सभी कार्यों को सजगता से करने के लिए प्रेरित करना।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक

कक्षा की शुरुआत दो-तीन मिनट ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए

कहानी
गांव में सुदर्शन नाम का एक आदमी था जो कि खगोल शास्त्र में बहुत पारंगत था | एक रात वह आकाश में निकले चाँद तारों की ओर बड़ी तन्मयता से देखता हुआ अपने गाँव के पास के जंगल से गुज़र रहा था | वह आकाश के चाँद तारों को देखने में इतना मग्न था कि उसे गड्ढा दिखाई न दिया और वह उस गड्ढे में गिर गया |वह मदद के लिए चिल्लाने लगा लेकिन आस पास कोई भी नहीं था। कुछ देर बाद वहां से गुजरते हुए एक आदमी ने उसकी आवाज सुनी और उसे बाहर निकाल दिया | बाहर निकलने पर सुदर्शन ने उसको धन्यवाद दिया और बोला, “ तुम इस समय इस घने जंगल में क्या कर रहे हो? उस आदमी ने कहा, "मै रास्ता भटक गया हूं "। तभी सुदर्शन बोला कि मैं एक खगोलशास्त्री हूँ और अभी मैं तुम्हें चाँद तारें देखकर रास्ता बता देता हूं।
यह सुनकर उस आदमी ने कहा, “ तुम मुझे क्या रास्ता बताओगे तुम्हें तो खुद सामने जमीन का गड्ढा भी दिखाई नहीं दिया ।सुदर्शन सोचने लगा कि यह आदमी सही कह रहा है मैं इतना भी सजग नहीं था कि मुझे सामने का गड्ढा भी नजर नहीं आया।

चर्चा की दिशा
अपने कार्य सजगता पूर्वक करने से हम उन्हें अच्छी तरह कर पाते हैं। उनमें गलती होने की संभावना भी कम रहती है। बच्चों का ध्यान इस ओर दिलाना कि कार्य को अच्छी तरह करने से हमें खुशी का अनुभव भी होता है।

चर्चा के प्रश्न:
1 क्या आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है कि आपका ध्यान भटकने या असजगता के कारण आपका कुछ नुक्सान हुआ हो ? साझा करें ।
2 दैनिक कार्यों को सजगता और ध्यान से करने के क्या संभव फायदे हो सकते हैं ?
3 हम रोजमर्रा के जीवन में अपनी सजगता बढ़ाने के लिए क्या प्रयास करते हैं ? साझा करें।

घर जाकर देखो, पूछो, समझो ( विद्यार्थियों के लिए)
आज घर जाकर अपने सभी कार्य सजगता से करने का प्रयास करेंगे।

कक्षा के अंत में एक 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें

दूसरा दिन

कक्षा की शुरुआत दो-तीन मिनट ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए

कहानी की एक बार पूरी तरह से कक्षा में पुनरावृत्ति की जाए। कहानी की पुनरावृत्ति विद्यार्थियों द्वारा की जाए, आवश्यकता होने पर शिक्षक उसमें सहयोग कर सकते हैं।
घर से मिले फीडबैक के आधार पर पिछले दिन के चर्चा के प्रश्नों को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थी छोटे समूहों में बातचीत करेंगे।
पहले दिन के चिंतन के प्रश्नों का प्रयोग शेष विद्यार्थियों(जिन्होंने पहले दिन उत्तर न दिए हों) के लिए पुनः किया जा सकता है।

चर्चा के प्रश्न
1 कल आपने कौन-कौन से कार्य सजगता से किए, जिन्हें आप पहले इतने ध्यान से नहीं करते थे?
2 अपने कार्य सजगता पूर्वक करने से आपको क्या फायदा हुआ?

कक्षा के अंत में एक 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें

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  1. हाथी की रस्सी
  2. भूल जाना बेहतर है
  3. राष्ट्रपति
  4. शिकायतों का बोझ
  5. शहर की ओर /किसका फैसला
  6. शरीर का घमंड
  7. पिकासो की पेंटिग
  8. पार्क
  9. वर्कशॉप
  10. मेरा नया दोस्त
  11. व्यर्थ क्या
  12. कौन: पेन या मित्र?
  13. जीत किसकी
  14. दो दिन बाद
  15. मेरी गलती/नेपोलियन
  16. सही दर्पण
  17. तीन मज़दूर तीन नज़रिये
  18. बैंडेड
  19. चाँद तारे
  20. कहानी एक बीज की

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