उद्देश्य: समस्याओं से घबराए बिना उनका सामना करना सही समझ है।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
कक्षा की शुरुआत दो-तीन मिनट ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए
कहानी
एक दिन मास्टर जी अपनी कक्षा को फैक्ट्री दिखाने के लिए ले गए। फैक्ट्री में लगी अनेक मशीनों को देखकर बच्चों की उत्सुकता बढ़ते देख मास्टर जी ने डीजल इंजन का जिक्र किया और बताया कि किस प्रकार इंजन फैक्ट्री व खेत कई जगह उपयोगी है। इस बात को सुनते ही कक्षा में अमन से रुका न गया। वह बोला हां हां मास्टर जी मुझे मालूम है। एक दिन मेरे पापा ने मुझे महान वैज्ञानिक रूडोल्फ की कहानी सुनाई थी। मास्टरजी ने अमन को कहानी सुनाने का पूरा अवसर दिया। अमन ने कहानी शुरू की।
एक दिन जब रोडोल्फ अपनी वर्कशॉप में प्रयोग कर रहे थे, अचानक उनके इंजन में बहुत जोरदार विस्फोट हुआ। इस विस्फोट से उसकी वर्कशॉप बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी। बहुत-सी महत्वपूर्ण चीजें जलकर खाक हो गईं। वे खुद भी बुरी तरह घायल थे। उन्हें लंबे समय तक उपचार के लिए अस्पताल में रुकना पड़ा।
इतने बड़े हादसे के बावजूद वे डरे नहीं। न तो उन्होंने हिम्मत छोड़ी और न ही मायूसी और निराशा को अपने करीब फटकने दिया।
स्वस्थ होने के बाद वह फिर अपने वर्कशॉप जा पहुंचे। इतने बड़े हादसे के बावजूद उनके चेहरे पर किसी प्रकार का अफसोस या शिकन नहीं थी। वे पूरे उत्साह के साथ नए सिरे से अपने काम में जुट गए। लोग उनके इस जुझारू और प्रेरणादायक जज़्बे को देखकर हैरान थे। इसके बाद उन्होंने कई सफल आविष्कार किए और कई भाप इंजनों का डिजाइन तैयार किया। उनके आविष्कारों में डीजल इंजन प्रमुख रहा। कहानी सुनने के बाद बच्चों के चेहरे पर अमन के प्रति कृतज्ञता का भाव एवं रुडोल्फ के प्रति सम्मान का भाव स्पष्ट झलक रहा था।
चर्चा कि दिशा
हमारे जीवन में हमें बहुत सी समस्याएं अथवा बाधाएं आती हैं। बाधाएं आना दुख का कारण नहीं होता बल्कि उन्हें पार पाने के लिए समाधान न ढूंढ़ पाना ही दुख होता है।कहानी के ज़रिए विद्यार्थियों का ध्यान इस ओर ले जाना कि समस्या के आने पर दुखी होकर,अपने लक्ष्य से मुंह नहीं मोड़ लेना चाहिए, बल्कि समस्याओं से झूझने का प्रयास करना चाहिये। समाधान ढूंढना महत्वपूर्ण है ।
चर्चा के प्रश्न:
1. रुडोल्फ ने वर्कशॉप में आग लगने पर फिर से वहां अपना कार्य शुरू किया। आप उनकी जगह होते तो आप क्या करते और क्यों?
2. उदाहरण देकर बताएं कि जब आपने बाधाओं से घबरा कर अपने कार्य को अंजाम तक न पहुंचाया हो?
3. कोई ऐसी घटना बताओ जिसमें आपने रास्ते में आने वाली बाधाओं का सामना डटकर किया हो और आप को सफलता मिली हो।
घर जाकर देखो, पूछो समझो (विद्यार्थियों के लिए)
अपने आसपास से उदाहरण एकत्र करें व परिवार में चर्चा करें और पता लगाएं जब किसी ने कोई बड़ी समस्या आने पर हिम्मत न हारी हो बल्कि उसका समाधान निकाल कर आगे बढ़ने का प्रयास किया हो।
कक्षा के अंत में एक 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें
दूसरा दिन
कक्षा की शुरुआत दो-तीन मिनट ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए
कहानी पर एक बार पूरी तरह से कक्षा में पुनरावृत्ति की जाए। कहानी की पुनरावृत्ति विद्यार्थियों द्वारा की जाए, आवश्यकता होने पर शिक्षक उसमें सहयोग कर सकते हैं।
घर से मिले फीडबैक के आधार पर पिछले दिन के चर्चा के प्रश्नों को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थी छोटे समूह में बात चीत करेंगे।
पहले दिन के चिंतन के प्रश्नों का प्रयोग शेष विद्यार्थियों के लिए पुनः किया जा सकता है।
चर्चा के प्रश्न:
1. कठिनाइयों को सफलतापूर्वक पार करने के बाद आपको कैसा लगता है?
2. इसका आपके जीवन में आगे आने वाले समय पर क्या प्रभाव पड़ता है?
3. यदि कभी आप किसी कठिनाई को पार न कर पाएं तो ऐसे में आप अपना विश्वास वापस कैसे पाएंगे?
4. आप किस किस की मदद लेते हैं? क्यों ?
कक्षा के अंत में एक 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें
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समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
कक्षा की शुरुआत दो-तीन मिनट ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए
कहानी
एक दिन मास्टर जी अपनी कक्षा को फैक्ट्री दिखाने के लिए ले गए। फैक्ट्री में लगी अनेक मशीनों को देखकर बच्चों की उत्सुकता बढ़ते देख मास्टर जी ने डीजल इंजन का जिक्र किया और बताया कि किस प्रकार इंजन फैक्ट्री व खेत कई जगह उपयोगी है। इस बात को सुनते ही कक्षा में अमन से रुका न गया। वह बोला हां हां मास्टर जी मुझे मालूम है। एक दिन मेरे पापा ने मुझे महान वैज्ञानिक रूडोल्फ की कहानी सुनाई थी। मास्टरजी ने अमन को कहानी सुनाने का पूरा अवसर दिया। अमन ने कहानी शुरू की।
एक दिन जब रोडोल्फ अपनी वर्कशॉप में प्रयोग कर रहे थे, अचानक उनके इंजन में बहुत जोरदार विस्फोट हुआ। इस विस्फोट से उसकी वर्कशॉप बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गयी। बहुत-सी महत्वपूर्ण चीजें जलकर खाक हो गईं। वे खुद भी बुरी तरह घायल थे। उन्हें लंबे समय तक उपचार के लिए अस्पताल में रुकना पड़ा।
इतने बड़े हादसे के बावजूद वे डरे नहीं। न तो उन्होंने हिम्मत छोड़ी और न ही मायूसी और निराशा को अपने करीब फटकने दिया।
स्वस्थ होने के बाद वह फिर अपने वर्कशॉप जा पहुंचे। इतने बड़े हादसे के बावजूद उनके चेहरे पर किसी प्रकार का अफसोस या शिकन नहीं थी। वे पूरे उत्साह के साथ नए सिरे से अपने काम में जुट गए। लोग उनके इस जुझारू और प्रेरणादायक जज़्बे को देखकर हैरान थे। इसके बाद उन्होंने कई सफल आविष्कार किए और कई भाप इंजनों का डिजाइन तैयार किया। उनके आविष्कारों में डीजल इंजन प्रमुख रहा। कहानी सुनने के बाद बच्चों के चेहरे पर अमन के प्रति कृतज्ञता का भाव एवं रुडोल्फ के प्रति सम्मान का भाव स्पष्ट झलक रहा था।
चर्चा कि दिशा
हमारे जीवन में हमें बहुत सी समस्याएं अथवा बाधाएं आती हैं। बाधाएं आना दुख का कारण नहीं होता बल्कि उन्हें पार पाने के लिए समाधान न ढूंढ़ पाना ही दुख होता है।कहानी के ज़रिए विद्यार्थियों का ध्यान इस ओर ले जाना कि समस्या के आने पर दुखी होकर,अपने लक्ष्य से मुंह नहीं मोड़ लेना चाहिए, बल्कि समस्याओं से झूझने का प्रयास करना चाहिये। समाधान ढूंढना महत्वपूर्ण है ।
चर्चा के प्रश्न:
1. रुडोल्फ ने वर्कशॉप में आग लगने पर फिर से वहां अपना कार्य शुरू किया। आप उनकी जगह होते तो आप क्या करते और क्यों?
2. उदाहरण देकर बताएं कि जब आपने बाधाओं से घबरा कर अपने कार्य को अंजाम तक न पहुंचाया हो?
3. कोई ऐसी घटना बताओ जिसमें आपने रास्ते में आने वाली बाधाओं का सामना डटकर किया हो और आप को सफलता मिली हो।
घर जाकर देखो, पूछो समझो (विद्यार्थियों के लिए)
अपने आसपास से उदाहरण एकत्र करें व परिवार में चर्चा करें और पता लगाएं जब किसी ने कोई बड़ी समस्या आने पर हिम्मत न हारी हो बल्कि उसका समाधान निकाल कर आगे बढ़ने का प्रयास किया हो।
कक्षा के अंत में एक 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें
दूसरा दिन
कक्षा की शुरुआत दो-तीन मिनट ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए
कहानी पर एक बार पूरी तरह से कक्षा में पुनरावृत्ति की जाए। कहानी की पुनरावृत्ति विद्यार्थियों द्वारा की जाए, आवश्यकता होने पर शिक्षक उसमें सहयोग कर सकते हैं।
घर से मिले फीडबैक के आधार पर पिछले दिन के चर्चा के प्रश्नों को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थी छोटे समूह में बात चीत करेंगे।
पहले दिन के चिंतन के प्रश्नों का प्रयोग शेष विद्यार्थियों के लिए पुनः किया जा सकता है।
चर्चा के प्रश्न:
1. कठिनाइयों को सफलतापूर्वक पार करने के बाद आपको कैसा लगता है?
2. इसका आपके जीवन में आगे आने वाले समय पर क्या प्रभाव पड़ता है?
3. यदि कभी आप किसी कठिनाई को पार न कर पाएं तो ऐसे में आप अपना विश्वास वापस कैसे पाएंगे?
4. आप किस किस की मदद लेते हैं? क्यों ?
कक्षा के अंत में एक 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें
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