कहानी का उद्देश्य: यह समझना कि कुछ मान्यताओं को जाने-समझे बिना, सिर्फ़ मानकर कार्य करने से सफलता पाना कठिन है।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
कक्षा की शुरुआत दो-तीन मिनट ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए
कहानी
एक व्यक्ति किसी रास्ते से गुज़र रहा था। तभी उसने देखा कि एक हाथी एक छोटे से लकड़ी के खूँटे से बँधा खड़ा था। व्यक्ति को यह देखकर बड़ी हैरानी हुई कि इतना विशाल हाथी एक पतली रस्सी के सहारे उस लकड़ी के खूँटे से कैसे बँधा हुआ है।
उसने हाथी के मालिक से पूछा, ““अरे! यह हाथी तो इतना विशाल है फिर इतनी पतली सी रस्सी से कैसे बँधा हुआ है? यदि यह चाहे तो एक झटके में इस रस्सी को तोड़ सकता है।”
हाथी के मालिक ने जवाब दिया, “श्रीमान! जब यह हाथी छोटा था, तभी से मैंने इसे रस्सी से बाँधा था। उस समय इसने खूँटा उखाड़ने और रस्सी तोड़ने की पूरी कोशिश की। लेकिन यह छोटा था इसलिए नाकाम रहा। इसने बहुत बार कोशिश की लेकिन जब इससे रस्सी नहीं टूटी तो इसे यह लगने लगा कि यह रस्सी बड़ी मज़बूत है और वह उसे कभी नहीं तोड़ पाएगा। इस तरह हाथी ने रस्सी तोड़ने की कोशिश ही छोड़ दी।”
आज वही हाथी बहुत विशाल हो चुका है और उसमें इतनी ताकत है कि वह आसानी से उस रस्सी को तोड़ सकता है लेकिन इसने यह मान लिया है कि वह रस्सी को नहीं तोड़ पाएगा। इसलिए इसे तोड़ने की कभी कोशिश भी नहीं करता। तभी इतना विशाल होकर भी यह हाथी इतनी पतली सी रस्सी से बँधा है।
यह सुनकर वह व्यक्ति सोच में पड़ गया।
चर्चा की दिशा:हमारे जीवन में हम बहुत कुछ करना चाहते हैं परंतु कुछ मान्यताओ के कारण हमारी गति रुक जाती है। कुछ असफलताओं का सामना करने से हम निराश हो जाते हैं और घटना को ही नियम मान लेते हैं। यह सोचकर कोशिश करना ही छोड़ देते हैं कि हमें सफलता नहीं मिलेगी। जो लोग अपने लक्ष्य को पाने के लिए निरन्तर प्रयास करते हैं, उन्हें सफलता अवश्य मिलती है।
पहला दिन: चर्चा के लिए प्रश्न
1. आप अपने जीवन की ऐसी कौन सी सोच से बँधे हुए हैं जिससे आप अलग नहीं हो पा रहे?(जैसे गणित तो बहुत कठिन है, यह मुझसे नहीं होगा)
2. ऐसी कौन सी मान्यता (assumption) है जिसे आप तोड़ना ही नहीं चाहते?उदाहरण देकर बताएँ।
3. इनमें से किन मान्यताओं को आप जाँचना और परखना चाहेंगे और क्यों?
घर जाकर देखो, पूछो समझो (विद्यार्थियों के लिए)
अपने माता--पिता से चर्चा करें कि क्या उनके जीवन में भी कुछ ऐसा था/ कोई रस्सी थी, जिसके कारण वह कोई ऐसा काम नहीं कर पाए जो वह करना चाहते थे।
कक्षा के अंत में एक 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें
दूसरा दिन
कक्षा की शुरुआत दो-तीन मिनट ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए
1 हमारे अपने जीवन में ऐसी कौन-कौन सी धारणाए (मान्यताएं) है,जिन्हें आप छोड़ना चाहते हैं?
2. क्या कभी ऐसा हुआ है जब आपने किसी कार्य के लिए यह मान लिया कि यह आपसे नहीं हो पाएगा, पर किसी के प्रेरित करने पर आपने कोशिश की और आपको सफलता मिली। उदाहरण देकर साझा करें।
कक्षा के अंत में एक 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें
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समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
कक्षा की शुरुआत दो-तीन मिनट ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए
कहानी
एक व्यक्ति किसी रास्ते से गुज़र रहा था। तभी उसने देखा कि एक हाथी एक छोटे से लकड़ी के खूँटे से बँधा खड़ा था। व्यक्ति को यह देखकर बड़ी हैरानी हुई कि इतना विशाल हाथी एक पतली रस्सी के सहारे उस लकड़ी के खूँटे से कैसे बँधा हुआ है।
उसने हाथी के मालिक से पूछा, ““अरे! यह हाथी तो इतना विशाल है फिर इतनी पतली सी रस्सी से कैसे बँधा हुआ है? यदि यह चाहे तो एक झटके में इस रस्सी को तोड़ सकता है।”
हाथी के मालिक ने जवाब दिया, “श्रीमान! जब यह हाथी छोटा था, तभी से मैंने इसे रस्सी से बाँधा था। उस समय इसने खूँटा उखाड़ने और रस्सी तोड़ने की पूरी कोशिश की। लेकिन यह छोटा था इसलिए नाकाम रहा। इसने बहुत बार कोशिश की लेकिन जब इससे रस्सी नहीं टूटी तो इसे यह लगने लगा कि यह रस्सी बड़ी मज़बूत है और वह उसे कभी नहीं तोड़ पाएगा। इस तरह हाथी ने रस्सी तोड़ने की कोशिश ही छोड़ दी।”
आज वही हाथी बहुत विशाल हो चुका है और उसमें इतनी ताकत है कि वह आसानी से उस रस्सी को तोड़ सकता है लेकिन इसने यह मान लिया है कि वह रस्सी को नहीं तोड़ पाएगा। इसलिए इसे तोड़ने की कभी कोशिश भी नहीं करता। तभी इतना विशाल होकर भी यह हाथी इतनी पतली सी रस्सी से बँधा है।
यह सुनकर वह व्यक्ति सोच में पड़ गया।
चर्चा की दिशा:हमारे जीवन में हम बहुत कुछ करना चाहते हैं परंतु कुछ मान्यताओ के कारण हमारी गति रुक जाती है। कुछ असफलताओं का सामना करने से हम निराश हो जाते हैं और घटना को ही नियम मान लेते हैं। यह सोचकर कोशिश करना ही छोड़ देते हैं कि हमें सफलता नहीं मिलेगी। जो लोग अपने लक्ष्य को पाने के लिए निरन्तर प्रयास करते हैं, उन्हें सफलता अवश्य मिलती है।
पहला दिन: चर्चा के लिए प्रश्न
1. आप अपने जीवन की ऐसी कौन सी सोच से बँधे हुए हैं जिससे आप अलग नहीं हो पा रहे?(जैसे गणित तो बहुत कठिन है, यह मुझसे नहीं होगा)
2. ऐसी कौन सी मान्यता (assumption) है जिसे आप तोड़ना ही नहीं चाहते?उदाहरण देकर बताएँ।
3. इनमें से किन मान्यताओं को आप जाँचना और परखना चाहेंगे और क्यों?
घर जाकर देखो, पूछो समझो (विद्यार्थियों के लिए)
अपने माता--पिता से चर्चा करें कि क्या उनके जीवन में भी कुछ ऐसा था/ कोई रस्सी थी, जिसके कारण वह कोई ऐसा काम नहीं कर पाए जो वह करना चाहते थे।
कक्षा के अंत में एक 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें
दूसरा दिन
कक्षा की शुरुआत दो-तीन मिनट ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए
- कहानी की एक बार पूरी तरह से कक्षा में पुनरावृत्ति की जाए।
- कहानी की पुनरावृत्ति विद्यार्थियों द्वारा की जाए,आवश्यकता होने पर शिक्षक उसमें सहयोग कर सकते हैं।
- पहले दिन के चिंतन के प्रश्नों को शेष विद्यार्थियों से भी पूछा जा सकता है।(जिन्होंने उत्तर पहले दिन नहीं दिए)
1 हमारे अपने जीवन में ऐसी कौन-कौन सी धारणाए (मान्यताएं) है,जिन्हें आप छोड़ना चाहते हैं?
2. क्या कभी ऐसा हुआ है जब आपने किसी कार्य के लिए यह मान लिया कि यह आपसे नहीं हो पाएगा, पर किसी के प्रेरित करने पर आपने कोशिश की और आपको सफलता मिली। उदाहरण देकर साझा करें।
कक्षा के अंत में एक 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें
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