18. बैंडेड

उद्देश्य: हम अक्सर यह जान नहीं पाते कि हमारे आस पास हमारे मित्रों प्रिय जनों अथवा समाज के अन्य सदस्यों के जीवन में क्या घटित हो रहा है और कैसे जाने बिना ही हम अपने संवेदनशील व्यवहार का प्रदर्शन कर सकते हैं।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक

कक्षा की शुरुआत दो-तीन मिनट ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए

कहानी
एक दस वर्षीय लड़का,रोहताश एक रेस्टोरेंट में आकर एक टेबल पर बैठ गया l चॉकलेट फ्लेवर की आइसक्रीम खाने का उसका बहुत मन था ।
एक वेट्रेस ने पानी का गिलास उसके सामने रखा।उसके हाथ की उंगली में चोट थी और थोड़ा थोड़ा खून बह रहा था। चॉकलेट फ्लेवर की आइसक्रीम कितने की है ? ” लड़के ने वेट्रेस से पूछा ” 25 रुपये” वेट्रेस ने उत्तर दिया।
लड़के ने अपनी जेब से कुछ सिक्के निकालकर गिने।
फिर उसने पूछा ” सिम्पल आइसक्रीम कितने की है ? वेट्रेस ने टेढ़ी नज़र से देखा।
”कुछ और लोग भी टेबल पर इंतज़ार कर रहे थे। वेट्रेस इतने लोगों को सामान देते देते थक सी गई थी।
रोहताश का बार बार रेट पूछना उसे अखर रहा था।
” 20 रुपये ” वैट्रेस ने रूखेपन से जवाब दिया।
रोहताश बार बार अपने सिक्के गिनता और उसका ध्यान रह रह कर उस वेट्रेस की उंगली पर जा रहा था।
रोहताश ने एक बार फिर से अपने सिक्के गिने और कहा ” मुझे प्लेन आइसक्रीम चाहिए”
वेट्रेस ने आइसक्रीम और बिल टेबल पर लाकर पटक दी और चली गयी. लड़के ने आइसक्रीम खायी पैसे दिए और दुकान से बाहर निकल गया। वेट्रेस वापस आई और टेबल साफ करने लगी।इतने में रोहताश दौड़ा दौड़ा वापस आया उसके हाथ में एक पैकेट था। रोहताश ने वह पैकेट उस वेट्रेस को थमा दिया और रेस्टोरेंट से बाहर निकल गया।
वेट्रेस ने पैकेट खोल कर देखा तो पैकेट में बेंडेड देखकर उसकी आँखों मे आंसू भर आये।

चर्चा की दिशा:
अपने आस पास के वातावरण में उपस्थित लोगों की मनोदशा का अंदाज़ा लगा पाने में समर्थ हो पाना और संवेदनशीलता के साथ प्रस्तुत हो पाना। साथ ही उस खुशी पर भी ध्यान जाए जो हमें किसी की मदद करके मिलती हैं चाहे उसके लिए हमें अपनी कोई सुविधा छोड़नी ही क्यों ना पड़े।

चर्चा के प्रश्न:
1 रोहताश ने पच्चीस रुपये होने के बावजूद भी अपनी पसंद की फ्लेवर्ड आइसक्रीम क्यों नहीं ली?
2 बेंडेड देखकर वेट्रेस की आंखों में आँसू क्यों आ गए?
3 आप इस स्थिति में होते तो आप चॉकलेट आइसक्रीम खाते या उस लड़के की तरह ही करते lक्यों?

देखो, पूछो और समझो
ऐसी घटनाओं का ध्यान करें जिसमें आपसे नासमझी में किसी के प्रति असंवेदशील व्यवहार किया हो। अपने माता पिता से भी ऐसी घटनाओं के बारे में पूछें जब उन्होंने अनजाने में किसी के प्रति असंवेदनशील व्यवहार किया हो।

कक्षा के अंत में एक 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें

दूसरा दिन

कक्षा की शुरुआत दो-तीन मिनट ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए

पिछले दिन की कहानी पर एक बार पूरी तरह से कक्षा में पुनरावृत्ति कराई जाए। कहानी की पुनरावृत्ति विद्यार्थियों द्वारा की जाए, आवश्यकता होने पर शिक्षक उसमें सहयोग कर सकते हैं।
घर से मिले फीडबैक के आधार पर पिछले दिन के चर्चा के प्रश्नों को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थी छोटे समूह में बात चीत करेंगे।
पहले दिन के चर्चा के प्रश्नों का प्रयोग शेष विद्यार्थियों के लिए पुनः किया जा सकता है।

चर्चा के प्रश्न:
1. कोई ऐसी घटना साझा करो जिसमें आपने सामने वाले की तकलीफ़ को समझा पर कुछ मदद नहीं कर पाए। मदद न कर पाने के कारण साझा करें।
2. क्या आप ने किसी की परेशानी समझ कर कुछ ऐसा किया जिससे उसकी परेशानी कम हो हुई हो। उदाहरण दें।
3. अपने जीवन से कोई ऐसा उदाहरण दें जब आपने अपनी कोई सुविधा छोड़कर किसी दूसरे की मदद की हो या किसी और को ऐसा करते देखा हो l हम ऐसा क्यों करते हैं ?

कक्षा के अंत में एक 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें

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  1. हाथी की रस्सी
  2. भूल जाना बेहतर है
  3. राष्ट्रपति
  4. शिकायतों का बोझ
  5. शहर की ओर /किसका फैसला
  6. शरीर का घमंड
  7. पिकासो की पेंटिग
  8. पार्क
  9. वर्कशॉप
  10. मेरा नया दोस्त
  11. व्यर्थ क्या
  12. कौन: पेन या मित्र?
  13. जीत किसकी
  14. दो दिन बाद
  15. मेरी गलती/नेपोलियन
  16. सही दर्पण
  17. तीन मज़दूर तीन नज़रिये
  18. बैंडेड
  19. चाँद तारे
  20. कहानी एक बीज की

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