कहानी का उद्देश्य: विद्यार्थियों का ध्यान इस बात पर जाए कि रूप व धन से अधिक महत्व उपयोगिता का होता है। उपयोगी हुए बिना रूप,धन,का कोई महत्व नहीं।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
कक्षा की शुरुआत दो-तीन मिनट ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए
कहानी:
एक महान राजा अपने गुरू का काफ़ी सम्मान करते थे। राजा शरीर से बहुत सुन्दर थे और उनका चेहरा हमेशा चमकता रहता था। गुरू के चेहरे पर बचपन से ही कुछ दाग थे जिसकी वजह से उनका चेहरा उतना आकर्षक नहीं था। लेकिन उनका ज्ञान और उनकी सूझ-बूझ से राजा अपना काम हमेशा कुशलता पूर्वक कर पाते थे। राजा के मन में अपने शरीर को लेकर श्रेष्ठता की भावना घर करने लगी थी।
एक बार राजा ने मज़ाक के स्वर में अपने गुरू से कह दिया ‘‘गुरूवर मैं आपकी समझ और चतुरता का बहुत सम्मान करता हूं। आपसे ज़्यादा विद्वान मैंने आज तक कोई नहीं देखा। लेकिन अच्छा होता अगर प्रकृति ने आपको सुन्दर रूप भी दे दिया होता।’’
गुरू ने जान लिया कि राजा सौन्दर्य के सामने विद्या को तुच्छ समझने लगे हैं। पर वह उस समय चुप रह गये। थोड़ी देर बाद राजा से विदा लेकर अपने घर आ गए। अगले दिन उन्होंने दरबार में राजा के आने से पहले सेवक से कहकर एक मिट्टी का घड़ा और एक सोने का घड़ा रखवा दिया। दोनों घड़ों में शुद्ध जल भरवा दिया।
समय से राजा आए और जनता का काम-काज शुरू हुआ। थोड़ी देर में राजा को प्यास लगी। तो गुरू के आदेश अनुसार उन्हें सोने के घड़े का पानी पेश किया गया। पानी का स्वाद बिगड़ा हुआ था।
राजा ने पूछा- ‘‘ये कैसा पानी है। इतना गर्म क्यों है’’? तुरंत ही गुरू के इशारे पर सेवक ने उन्हें मिट्टी के घड़े से पानी दिया। गुरू ने पूछा- ‘‘महाराज यह पानी पीकर देखें। क्या ये ठीक है?’’ इस बार राजा पानी पीकर संतुष्ट हुआ। उन्होंने पूछा ‘‘वह कैसा पानी था और मुझे क्यों दिया गया।’’
गुरू बोले- ‘‘महाराज वह सोने के घड़े का पानी था। हमने सोचा मिट्टी के कुरूप घड़े की जगह सोने के सुंदर घड़े का पानी आपको ज़्यादा अच्छा लगेगा।’’ राजा को तुरंत अपनी बात समझ में आ गई। उन्हें जवाब मिल चुका था।
चर्चा की दिशा:
आज सभी इस चमक चमक वाली दुनिया में सुंदरता को अधिक महत्व देने लगे हैं। यह समझना ज़रूरी है कि केवल सुंदर दिखना ही पर्याप्त नहीं है, अपनी उपयोगिता को जानना ज़रूरी है।
पहला दिन:
चर्चा के लिए प्रश्न
1. कुछ अच्छी लगने वाली तथा कुछ अच्छी होने वाली वस्तुओं के उदाहरण दें।
2. आप किन चीजों को पसंद करते हैं जो अच्छी होती हैं या जो अच्छी लगती हैं?
3. उपयोगी क्या है? रूप या गुण।
4. व्यक्ति की पहचान उसके गुणों के कारण होनी चाहिए या उसकी सुंदरता या उसके धन से?
घर जाकर देखो, पूछो समझो (विद्यार्थियों के लिए)
घर जाकर अपने प्रयोग में आने वाली वस्तुओं की जानकारी एकत्र करो कि क्या सुंदर है और क्या उपयोगी।
कक्षा के अंत में एक 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें
दूसरा दिन
कक्षा की शुरुआत दो-तीन मिनट ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए
पिछले दिन की कहानी पर एक बार पूरी तरह से कक्षा में पुनरावृत्ति कराई जाए। कहानी की पुनरावृत्ति विद्यार्थियों द्वारा की जाए, आवश्यकता होने पर शिक्षक उसमें सहयोग कर सकते हैं।
घर से मिले फीडबैक के आधार पर पिछले दिन के चर्चा के प्रश्नों को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थी छोटे समूह में बातचीत करेंगे।
पहले दिन के चिंतन के प्रश्नों का प्रयोग शेष विद्यार्थियों के लिए पुनः किया जा सकता है।
चर्चा के लिए कुछ अन्य प्रश्न
1. जब किसी वस्तु का चुनाव करते समय उसके गुणों के स्थान पर उसकी सुन्दरता को महत्व देते हैं तो क्या परिणाम होता है?
2. आप गुणों से भरपूर सुंदर होना चाहते हैं या सुंदर दिखना चाहते हैं?
कक्षा के अंत में एक 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें
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समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
कक्षा की शुरुआत दो-तीन मिनट ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए
कहानी:
एक महान राजा अपने गुरू का काफ़ी सम्मान करते थे। राजा शरीर से बहुत सुन्दर थे और उनका चेहरा हमेशा चमकता रहता था। गुरू के चेहरे पर बचपन से ही कुछ दाग थे जिसकी वजह से उनका चेहरा उतना आकर्षक नहीं था। लेकिन उनका ज्ञान और उनकी सूझ-बूझ से राजा अपना काम हमेशा कुशलता पूर्वक कर पाते थे। राजा के मन में अपने शरीर को लेकर श्रेष्ठता की भावना घर करने लगी थी।
एक बार राजा ने मज़ाक के स्वर में अपने गुरू से कह दिया ‘‘गुरूवर मैं आपकी समझ और चतुरता का बहुत सम्मान करता हूं। आपसे ज़्यादा विद्वान मैंने आज तक कोई नहीं देखा। लेकिन अच्छा होता अगर प्रकृति ने आपको सुन्दर रूप भी दे दिया होता।’’
गुरू ने जान लिया कि राजा सौन्दर्य के सामने विद्या को तुच्छ समझने लगे हैं। पर वह उस समय चुप रह गये। थोड़ी देर बाद राजा से विदा लेकर अपने घर आ गए। अगले दिन उन्होंने दरबार में राजा के आने से पहले सेवक से कहकर एक मिट्टी का घड़ा और एक सोने का घड़ा रखवा दिया। दोनों घड़ों में शुद्ध जल भरवा दिया।
समय से राजा आए और जनता का काम-काज शुरू हुआ। थोड़ी देर में राजा को प्यास लगी। तो गुरू के आदेश अनुसार उन्हें सोने के घड़े का पानी पेश किया गया। पानी का स्वाद बिगड़ा हुआ था।
राजा ने पूछा- ‘‘ये कैसा पानी है। इतना गर्म क्यों है’’? तुरंत ही गुरू के इशारे पर सेवक ने उन्हें मिट्टी के घड़े से पानी दिया। गुरू ने पूछा- ‘‘महाराज यह पानी पीकर देखें। क्या ये ठीक है?’’ इस बार राजा पानी पीकर संतुष्ट हुआ। उन्होंने पूछा ‘‘वह कैसा पानी था और मुझे क्यों दिया गया।’’
गुरू बोले- ‘‘महाराज वह सोने के घड़े का पानी था। हमने सोचा मिट्टी के कुरूप घड़े की जगह सोने के सुंदर घड़े का पानी आपको ज़्यादा अच्छा लगेगा।’’ राजा को तुरंत अपनी बात समझ में आ गई। उन्हें जवाब मिल चुका था।
चर्चा की दिशा:
आज सभी इस चमक चमक वाली दुनिया में सुंदरता को अधिक महत्व देने लगे हैं। यह समझना ज़रूरी है कि केवल सुंदर दिखना ही पर्याप्त नहीं है, अपनी उपयोगिता को जानना ज़रूरी है।
पहला दिन:
चर्चा के लिए प्रश्न
1. कुछ अच्छी लगने वाली तथा कुछ अच्छी होने वाली वस्तुओं के उदाहरण दें।
2. आप किन चीजों को पसंद करते हैं जो अच्छी होती हैं या जो अच्छी लगती हैं?
3. उपयोगी क्या है? रूप या गुण।
4. व्यक्ति की पहचान उसके गुणों के कारण होनी चाहिए या उसकी सुंदरता या उसके धन से?
घर जाकर देखो, पूछो समझो (विद्यार्थियों के लिए)
घर जाकर अपने प्रयोग में आने वाली वस्तुओं की जानकारी एकत्र करो कि क्या सुंदर है और क्या उपयोगी।
कक्षा के अंत में एक 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें
दूसरा दिन
कक्षा की शुरुआत दो-तीन मिनट ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए
पिछले दिन की कहानी पर एक बार पूरी तरह से कक्षा में पुनरावृत्ति कराई जाए। कहानी की पुनरावृत्ति विद्यार्थियों द्वारा की जाए, आवश्यकता होने पर शिक्षक उसमें सहयोग कर सकते हैं।
घर से मिले फीडबैक के आधार पर पिछले दिन के चर्चा के प्रश्नों को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थी छोटे समूह में बातचीत करेंगे।
पहले दिन के चिंतन के प्रश्नों का प्रयोग शेष विद्यार्थियों के लिए पुनः किया जा सकता है।
चर्चा के लिए कुछ अन्य प्रश्न
1. जब किसी वस्तु का चुनाव करते समय उसके गुणों के स्थान पर उसकी सुन्दरता को महत्व देते हैं तो क्या परिणाम होता है?
2. आप गुणों से भरपूर सुंदर होना चाहते हैं या सुंदर दिखना चाहते हैं?
कक्षा के अंत में एक 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें
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