10. ख़ुश व्यक्ति ख़ुशी बाँटता है

कहानी का उद्देश्य: बच्चों का ध्यान इस तरफ ले जाना कि जब हम खुश होते हैं, तो ख़ुशी फैलाते हैं।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक

कक्षा की शुरुआत दो-तीन मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

कहानी :
पंकज और काव्या की बुआ की शादी का दिन नजदीक था। मेहमान घर में आने शुरू हो गए थे। चाय-नाश्ता रसोई से ले जाकर, मेहमानों को परोसने की जिम्मेदारी बच्चों ने ली हुई थी।
अधिकतर मेहमान दादा दादी के कमरे में ही बैठे थे। वहां से हंसने की खूब आवाजें आ रही थीं। माँ ने जब पंकज को कहा कि जाकर मामा-मामी को चाय-नाश्ता दे आये तो दोनों बच्चे ख़ुशी-ख़ुशी माँ का हाथ बंटाने लगे।प्रणाम करने और नाश्ता देने के बाद दोनों बच्चे सहज होकर मामा-मामी के साथ देर तक बैठे रहे और स्कूल की बातें करते रहे।
थोड़ी देर बाद मौसी भी आ गयीं।उनकी एक अटेची शायद ट्रेन में खो गई थी।मौसी की चिल्लाने की आवाज़ रसोईघर तक आ रही थीं। माँ ने इस बार जब काव्या को बोला कि जाकर मौसी को चाय-नाश्ता दे आये तो काव्या पंकज की ओर देखने लगी। बच्चों को मालूम था कि मौसी अब अपनी तकलीफ और दुख की कहानी शुरू कर देंगी।मां के कहने के बावजूद भी मौसी के पास चाय नाश्ता लेकर जाने का मन नहीं था।
दो दिन बाद सुबह पंकज जब स्कूल के लिए निकला तो उसे लग रहा था कि कोई तो चीज़ आज ज़रूर छूट गयी है। सारा घर तो बिखरा हुआ था।वह कुछ अच्छे मूड में नहीं था। क्लास में पहुँचने पर जब उसके दोस्तों ने उसे हैलो कहा तो उसने कोई जवाब नहीं दिया और मुंह फेरकर अपनी जगह बैठ गया ।वह किसी से भी ठीक तरह से बात नहीं कर रहा था। उसके बाद तो पूरा दिन कोई भी उसके करीब तक नहीं आया। आपस में सभी धीमी आवाज़ में पंकज के बिगड़े मूड के बारें में बात कर रहे थे ! पूरी छुट्टी होने तक पंकज खुद ही सबके बदले व्यवहार को देखकर परेशान हो गया ! उसे लग रहा था कि सभी उससे दूर--दूर जा रहे हैं।
अब उसे अपनी मौसी के बदले व्यवहार का कारण समझ आने लगा !

चर्चा की दिशा:
जैसा कि कहानी से स्पष्ट है कि जिसके पास जो होता है वह उसी को बांटता है. उदाहरण : आपके पास 20 संतरे हैं और आपने एक-एक करके सब मित्रों को बाँट दिए। कुछ देर बाद आपके पास संतरे समाप्त हो गए। अब आप और संतरे नहीं बाँट सकते। दूसरा उदाहरण : आज आप खुश हैं, सारे मित्र और शिक्षक आपसे प्रसन्न हैं. आप सारा दिन प्रसन्न रहते हैं। घर पहुँच कर भी आपकी प्रसन्नता बनी रहती है। हमारी ख़ुशी बांटने से कम नहीं हो रही। इससे स्पष्ट होता है कि निरंतर बांटने की वस्तु ख़ुशी ही है l
खुश व्यक्ति ख़ुशी बांटता है और दुखी व्यक्ति दुःख बांटता है l
इस ओर भी ध्यान दें कि किस प्रकार अपना मूड खराब किए बिना ऐसे वातावरण को बदलने का प्रयास कैसे किया जाए जहां नकारात्मकता के कारण आप बैठना पसंद नहीं करते।

चर्चा के लिए प्रश्न:
1 क्या आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है कि किसी के खराब मूड को देखकर आपने उनसे बचने की कोशिश की हो ? स्वेच्छा से सांझा करें।
2 क्या आपने ऐसा भी महसूस किया है कि जब किसी का मूड या व्यवहार अच्छा होता है तो आप उससे सहजता से मिलने और बातचीत करने को तैयार रहते हैं? स्वेच्छा से सांझा करें l
देखो, पूछो और समझो।
3 उदाहरण दे कर बताओ कि जब आपका मूड ठीक नहीं था तब आपने महसूस किया कि आपके दोस्त भी आपसे कटने लगे।

घर जाकर देखो ,पूछो,समझो(विद्यार्थियों के लिए):
आज आस पड़ोस में ध्यान दें कि जहां लोग हंसते मुस्कुराते रहते हैं तो उनके आस पास आपको कैसा महसूस होता है। क्या आप वहां ज्यादा समय बिताना चाहते हैं या जहां पर लोग दुखी व परेशान से दिखते हैं, आपका मन वहां अधिक लगता है।

कक्षा के अंत में 1- 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

दूसरा दिन:

कक्षा की शुरुआत दो-तीन मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

पिछले दिन की कहानी की पुनरावृत्ति की जाए। कहानी की पुनरावृत्ति विद्यार्थियों द्वारा की जाए, आवश्यकता होने पर शिक्षक उसमें सहयोग कर सकते हैं।
घर से मिले फीडबैक के आधार पर पिछले दिन के चर्चा के प्रश्नों को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थी छोटे समूहों में बातचीत करेंगे।
पहले दिन के चर्चा के प्रश्नों का प्रयोग शेष विद्यार्थियों (जिन्होंने पहले दिन उत्तर न दिए हों) के लिए पुनः किया जा सकता है।

चर्चा के लिए कुछ अन्य प्रश्न:
1.जब हमारा मूड और व्यवहार खराब होगा तो दूसरे हमसे प्यार से मिलेंगे या हम से बचने की कोशिश करेंगे ? चर्चा करें।
2.आप कैसे अपने आस पास के वातावरण को बेहतर बनाने की कोशिश करेंगे, जिससे आपके मित्र आपके साथ रहना पसंद करें।

कक्षा के अंत में 1- 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

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  1. माँ का चश्मा
  2. समझा तो जाना
  3. राजू की नीयत
  4. असमंजस
  5. समस्या या समाधान
  6. छोटी-सी पर मोटी-सी बात
  7. रूपम की पहिया कुर्सी
  8. नीता का पेन
  9. शाबाशी की कलम
  10. ख़ुश व्यक्ति ख़ुशी बाँटता है
  11. मैं हूँ ना
  12. मेरे प्यारे पापा
  13. तैयारी
  14. आओ पिकनिक चलें
  15. मन की बात
  16. मैन विद ए स्टिकर
  17. तराना का छाता
  18. फ़र्क तो पड़ता है
  19. गिफ्ट रैप
  20. रोड ब्लॉक

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