9. शाबाशी की कलम

कहानी का उद्देश्य: विद्यार्थियों में सहयोग की भावना का विकास करना।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक

कक्षा की शुरुआत दो-तीन मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

सीमा पढ़ने में होशियार थी ,मगर आज बहुत उदास थी। उसका आज स्कूल की पढ़ाई में मन नहीं लग रहा था। उसके पास पेन नहीं था और उसके पापा शहर के बाहर गए थे। उसे पता था कि उसकी मम्मी के पास भी पैसे नहीं थे जो पेन खरीदकर उसके लिए देती। आज हिन्दी विषय की मैडम ने घर के लिए काम दिया था जो उन सबको कल करके दिखाना था।
मैं अपना काम कैसे करूँगी? उसने अपने पास की सीट पर बैठी सहेली से कहा।
यह बात पीछे बैठी अनीता ने भी सुन ली और उसे एक शरारत सूझी। इसी बीच कुछ देर के लिए सीमा पानी पीने कक्षा से बाहर चली गई।
अनीता के दिमाग में सीमा को परेशान करने का विचार आया। उसने सोचा कि मैं सीमा के बैग से हिन्दी की कापी गायब कर देती हूँ। जिससे सीमा कल काम नहीं दिखा पाएगी और खूब मज़ा आएगा।
यह सोचकर उसने सीमा के बैग से हिन्दी की कापी निकाल ली। कुसुम ने जब देखा तो उसने अनीता से ऐसा न करने के लिए कहा।
कुसुम बोली-सुनो अनीता, एक तो सीमा के पास वैसे भी पेन नहीं है ऊपर से तुम उसकी यह कापी भी छुपा रही हो। ऐसा न करो। अगर करना ही चाहती हो तो उसके बैग में पेन रख दो। फिर देखना किस काम में ज्यादा मज़ा आता है। वैसे भी तुम्हारे पास तो दो-दो पेन हैं। कुसुम की बात सुनकर अनीता ने एक पेन सीमा के बैग में रख दिया।
अगले दिन मैडम ने सबकी कापियां जांचने के बाद कुछ बच्चों की अच्छी लिखाई के लिए उनकी प्रशंसा की, उनमें से एक छात्रा सीमा भी थी। सीमा भावुक हो गई। सारी कक्षा यह देखकर हैरान हुई।
मैडम ने पूछा तो सीमा ने सिसकते-सिसकते बताया मेरे पास तो काम करने के लिए पेन भी नहीं था मगर पता नहीं कहाँ से मेरे बैग में पेन आ गया। मैं तो अपने दिल से उसे धन्यवाद करती हूँ जिसने मेरी मदद की।
अनीता सारी बातें सुन रही थी। उसके मन में बहुत से भाव आ-जा रहे थे। वह सोच रही थी कि उस की इस छोटी-सी कोशिश से उसे कितनी खुशी मिली है। उसके चेहरे पर संतोष का भाव साफ़-साफ़ दिखाई दे रहा था। उसने कुसुम की ओर देखा। शायद कुछ कहना चाह रही थी लेकिन शब्द साथ नहीं दे रहे थे और उसने सीमा को गले लगा लिया।

चर्चा की दिशा:
हम जो कुछ भी करते है उसमे कई लोगों का सहयोग रहता है। एक दूसरे से सहयोग लेते एवं् देते रहना ही जीवन को सफल बना सकता है।
(प्रकृति में भी पेड़ पौधे, पशु पक्षी औऱ हम सभी एक दूसरे पर निर्भर हैं।)
हम अपने कार्यों में इतने व्यस्त न हों कि अपने आस पास के लोगों की आवश्यकताओं का हमें पता भी न चले। बहुत बार आवश्यकता पड़ने पर एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को नहीं बता पाता क्योंकि वह दूसरे व्यक्ति को कष्ट देना नहीं चाहता। ऐसी स्थिति में अपनी आंखें खुली रखना तथा दूसरे को यह एहसास दिलाना कि ज़रूरत के समय आप उपलब्ध है, यह अति आवश्यक हो जाता है।

चर्चा के लिए प्रश्न:
1 सीमा, कुसुम और अनीता की कौन-कौन सी विशेषताएं आपको पसंद आयी?
2 क्या कभी आपने अपने किसी दोस्त को बिना बताये उसकी सहायता की है? उदाहरण देकर बताएं। ऐसा करके आपको कैसा महसूस हुआ?
3 आवश्यकता पड़ने पर चीजें देने के अलावा,दोस्त एक दूसरे का सहयोग और किस प्रकार कर सकते हैं ?( दोस्त को कभी सलाह चाहिए, प्रोत्साहन चाहिए या समझने में मदद चाहिए।)
4 ‘वस्तु से मदद’और ‘समझने में मदद’ दोनों में क्या अंतर है ? चर्चा करें।(हिंट: दोनों स्थितियों को जांच कर देखो कि ‘क्या’ बांटने से कम हो जाएगा-वस्तु या समझ। किसके समाप्त होने की संभावना है?)

घर जाकर देखो ,पूछो,समझो(विद्यार्थियों के लिए):
अपने आस पास देखने का प्रयास करें कि किस प्रकार सहयोग से ही घर में सारे काम सफलता पूर्वक पूरे होते हैं। यदि किसी का सहयोग न मिले तो किस प्रकार कार्यों में रुकावट हो सकती है?

कक्षा के अंत में 1- 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

दूसरा दिन:

कक्षा की शुरुआत दो-तीन मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

पिछले दिन की कहानी की पुनरावृत्ति की जाए। कहानी की पुनरावृत्ति विद्यार्थियों द्वारा की जाए, आवश्यकता होने पर शिक्षक उसमें सहयोग कर सकते हैं।
घर से मिले फीडबैक के आधार पर पिछले दिन के चर्चा के प्रश्नों को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थी छोटे समूहों में बातचीत करेंगे।
पहले दिन के चर्चा के प्रश्नों का प्रयोग शेष विद्यार्थियों (जिन्होंने पहले दिन उत्तर न दिए हों) के लिए पुनः किया जा सकता है।

चर्चा के लिए कुछ अन्य प्रश्न:
1 क्या कभी किसी ने जरूरत पड़ने पर आपकी मदद अपनी किसी चीज़ को देकर की है? उदाहरण देकर बताएं । तब आपको कैसा लगा? आपने उस व्यक्ति के प्रति कृतज्ञता कैसे प्रकट की?
2 आपके दैनिक जीवन में जिनका भी सहयोग आपको मिलता है उनका नाम बताएं। यह भी बताएं कि आपको उनसे क्या सहयोग मिलता है। आप उन्हें क्या सहयोग देते हैं यह भी साझा करें।
3 आपने किसी से सहयोग प्राप्त किया और किसी को सहयोग भी दिया। दोनों स्थितियों में कौन सी स्थिति आपको अधिक सुख देती है?

कक्षा के अंत में 1- 2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

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  1. माँ का चश्मा
  2. समझा तो जाना
  3. राजू की नीयत
  4. असमंजस
  5. समस्या या समाधान
  6. छोटी-सी पर मोटी-सी बात
  7. रूपम की पहिया कुर्सी
  8. नीता का पेन
  9. शाबाशी की कलम
  10. ख़ुश व्यक्ति ख़ुशी बाँटता है
  11. मैं हूँ ना
  12. मेरे प्यारे पापा
  13. तैयारी
  14. आओ पिकनिक चलें
  15. मन की बात
  16. मैन विद ए स्टिकर
  17. तराना का छाता
  18. फ़र्क तो पड़ता है
  19. गिफ्ट रैप
  20. रोड ब्लॉक

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