गतिविधि का उद्देश्य: विद्यार्थियों का ध्यान स्थाई खुशी की ओर दिलाना व उसे पाने के लिए प्रेरित करना
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: कुछ नही
शिक्षक के लिए नोट: हम अक्सर छोटी-छोटी बातों पर खुश हो जाते हैं और जल्दी ही किसी और बात पर हमारी खुशी फुर्र हो जाती है। हम सभी सदा ही खुश रहना चाहते तो हैं परंतु यह समझ नहीं पाते कि ऐसा कैसा सम्भव संभव है।दरअसल हम यह समझ ही नहीं पाते कि बहुत सी बातें ऐसी हैं जो हमें उपहार स्वरूप मिली हुई हैं अथवा हमारे अधिकार क्षेत्र में हैं परंतु उनकी अहमियत हमें समझ नहीं आई। प्रेम, विश्वास,समझ आदि ऐसी वस्तुएँ/भाव हैं जो सदा-सदा हमें खुशी देती हैं। बस इन पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
1. हमें दिन भर में क्या-क्या समय अनुसार चाहिए?(खाना,पानी आदि)
2. हमारी पसंद की वस्तु यदि हमें सारा दिन ही मिलती रहे तो क्या वह हमें एक जैसी खुशी देती रहेगी? (चॉकलेट, टी. वी.)
3. जो वस्तुएं कभी - कभी चाहिए उनकी आवश्यकता हर समय(24घण्टे) ही क्यों नहीं बनी रह सकती?
4. ऐसा क्या है जो हमें हमेशा ही मिलता रहे तो भी एक जैसी खुशी दे सकता है?(प्यार, सम्मान)
5. क्या यह सब हमेशा उपलब्ध होना मुश्किल है?(वस्तु: प्रेम, स्नेह, सम्मान,दया,समझ)
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
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समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: कुछ नही
शिक्षक के लिए नोट: हम अक्सर छोटी-छोटी बातों पर खुश हो जाते हैं और जल्दी ही किसी और बात पर हमारी खुशी फुर्र हो जाती है। हम सभी सदा ही खुश रहना चाहते तो हैं परंतु यह समझ नहीं पाते कि ऐसा कैसा सम्भव संभव है।दरअसल हम यह समझ ही नहीं पाते कि बहुत सी बातें ऐसी हैं जो हमें उपहार स्वरूप मिली हुई हैं अथवा हमारे अधिकार क्षेत्र में हैं परंतु उनकी अहमियत हमें समझ नहीं आई। प्रेम, विश्वास,समझ आदि ऐसी वस्तुएँ/भाव हैं जो सदा-सदा हमें खुशी देती हैं। बस इन पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
- कक्षा को पाँच समूहों मे बाँट दें ।
- अध्यापक बोर्ड पर एक शब्द हैप्पीनैस (ख़ुशी) लिखें । साथ में एक ख़ुश बच्चे का चित्र बनाएँ और विद्यार्थियों से उन पलों के बारे में सोचने के लिए कहें जब वे खुश होते हैं। (अपेक्षित उत्तर -सोना, खेलना, खाना, घूमना, पढ़ना , चॉकलेट खाना , घूमने जाना , आदि।)
- अध्यापक हर ग्रुप के जवाबों को बोर्ड पर लिखें।
- अध्यापक प्रत्येक समूह द्वारा बताई खुशी देने वाली वस्तुओं में से एक दो पर चर्चा करें और कक्षा को इस बात के लिए अवगत करवाएँ कि कुछ वस्तुएँ थोड़ी देर की ख़ुशी देती है और कुछ ज़्यादा देर की।
- उदाहरण के लिए ख़ुशी का कारण- चॉकलेट खाना।
- बच्चों से कहें हम आपको चॉकलेट खाने को दें तो आपको कैसा लगेगा । लेकिन अगर सारा दिन चॉकलेट ही खाने को दें और कुछ न दें, तो कितने दिन अच्छा लगेगा ?
- माता - पिता का प्यार ख़ुशी देता है- इस को लेकर चर्चा करें कि अगर मम्मी - पापा आपसे केवल आज ही प्यार करें, कल ना करें तो कैसा लगेगा ? मम्मी-पापा का प्यार जितना ज़्यादा मिले उतनी ज़्यादा ख़ुशी होती है।
- अब बच्चों से अपने-अपने समूह में ख़ुशी मिलने के विभिन्न कारणों की चर्चा करने को कहें ।
- समूहों से कहें कि अब वे इन उदाहरणों को अस्थायी और स्थायी ख़ुशी में विभाजित करें।
- खुशियों के उदाहरण इस प्रकार विभाजित करें-
- स्थायी ख़ुशी
- अस्थायी ख़ुशी
- सभी समूह कक्षा में अपने अपने उत्तर साझा करें। एक समूह की प्रस्तुति के बाद बाकी समूह उस पर चर्चा अथवा टिप्पणी कर सकते हैं।
1. हमें दिन भर में क्या-क्या समय अनुसार चाहिए?(खाना,पानी आदि)
2. हमारी पसंद की वस्तु यदि हमें सारा दिन ही मिलती रहे तो क्या वह हमें एक जैसी खुशी देती रहेगी? (चॉकलेट, टी. वी.)
3. जो वस्तुएं कभी - कभी चाहिए उनकी आवश्यकता हर समय(24घण्टे) ही क्यों नहीं बनी रह सकती?
4. ऐसा क्या है जो हमें हमेशा ही मिलता रहे तो भी एक जैसी खुशी दे सकता है?(प्यार, सम्मान)
5. क्या यह सब हमेशा उपलब्ध होना मुश्किल है?(वस्तु: प्रेम, स्नेह, सम्मान,दया,समझ)
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
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- साँप सीढ़ी
- तीन कोने (Three corners)
- कितना सामान- कितना सम्मान
- आओ उपयोगिता बढ़ाएँ
- सहयोग
- साथी की अच्छी बात
- सामान महत्तवपूर्ण या लक्ष्य
- एक बार मैं, एक बार तुम
- आविष्कारों का उपहार
- ऐसे भी सोचें
- मेरी यात्रा क्या है?
- सम्मान/पहचान का आधार क्या
- मुझे अच्छा लगता है जब
- मेरी आवश्यकताएँ
- सुविधा के लिए नियम
- अच्छा है या नहीं
- गुस्सा- ताकत या कमज़ोरी
- करूँ या न करूँ
- मुझे खुशी हुई जब…
- अच्छा है या नहीं
- बूझो तो जानें
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