गतिविधि का उद्देश्य: विद्यार्थियों का ध्यान अपने परिवेश की ओर आकर्षित करना और उपलब्ध वस्तुओं के सदुपयोग के लिए प्रेरित करना।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: पानी की बोतल, लकड़ी का टुकड़ा, पत्ते इत्यादि।
शिक्षक के लिए नोट: आज यह बहुत जरूरी हो गया है कि सभी अपने परिवेश की बेहतरी के लिए कार्य करें। वातावरण में उपलब्ध हर वस्तु की उपयोगिता है, इसे समझकर और इसकी उपयोगिता को बढ़ाकर हम बेहतर वातावरण निर्मित करने में सहयोगी हो सकते हैं। इस गतिविधि द्वारा विद्यार्थियों का विभिन्न वस्तुओं के उपयोग और सदुपयोग की ओर ध्यान जाएगा और वे उस दिशा में बढ़ेंगे। साथ ही वे उनकी उपयोगिता मूल्य बढ़ाने को लेकर प्रेरित होंगे।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न
1. उपलब्ध वस्तुओं में क्या-क्या उपयोगी है?
2. इन वस्तुओं को किस प्रकार और उपयोगी बना सकते हैं?
3. ऐसा करने के लिए हमें क्या-क्या कार्य करने पड़ सकते हैं?
4. ऐसा करने के लिए हमें किस प्रकार के साधनों की आवश्यकता होगी?
5. कौन-कौन व्यक्ति इसमें हमें सहयोग कर सकते हैं?
6. क्या इन वस्तुओं की उपयोगिता बढ़ाने में आप सक्षम हैं?
7. अपने आसपास की अन्य वस्तुओं पर ध्यान दें और चर्चा करें कि आप वातावरण को बेहतर बनाने के लिए इन वस्तुओं की उपयोगिता बढ़ाने में कैसे सहयोग कर सकते हैं?(अध्यापक कुछ उदाहरण प्रस्तुत करें। जैसे:व्यर्थ में फेंके हुए प्लास्टिक के कप और बोतल को पौधे लगाने में इस्तेमाल करने पर उनकी उपयोगिता बढ़ जाती है)
क्या करें, क्या न करें :
गतिविधि करवाने से एक दिन पूर्व विद्यार्थियों को कुछ वस्तुएँ जुटाने के लिए निर्देश दें। समूह में जा जाकर उन्हें यह समझने में मदद करें कि वातावरण में उपलब्ध वस्तुओं की और क्या उपयोगिता हो सकती है|
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
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समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: पानी की बोतल, लकड़ी का टुकड़ा, पत्ते इत्यादि।
शिक्षक के लिए नोट: आज यह बहुत जरूरी हो गया है कि सभी अपने परिवेश की बेहतरी के लिए कार्य करें। वातावरण में उपलब्ध हर वस्तु की उपयोगिता है, इसे समझकर और इसकी उपयोगिता को बढ़ाकर हम बेहतर वातावरण निर्मित करने में सहयोगी हो सकते हैं। इस गतिविधि द्वारा विद्यार्थियों का विभिन्न वस्तुओं के उपयोग और सदुपयोग की ओर ध्यान जाएगा और वे उस दिशा में बढ़ेंगे। साथ ही वे उनकी उपयोगिता मूल्य बढ़ाने को लेकर प्रेरित होंगे।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
- कक्षा को चार-पाँच समूहों में बांटे। हर समूह में अपने आसपास में उपलब्ध कुछ वस्तुएँ उपलब्ध करवायें
- (जैसे पानी से भरी बोतल ,खाने की वस्तु ,पत्ते ,लकड़ी का टुकड़ा आदि)
- “उपलब्ध वस्तुओं की उपयोगिता कैसे बढ़ाई जा सकती है?” (उदाहरण के लिए पानी की बोतल जब इस्तेमाल करने योग्य नहीं है तो उसमें छोटे छोटे पौधे लगाए जा सकते हैं) इस विषय पर चर्चा करने को कहें।
- उन्हें निर्देश दें कि चर्चा के बिंदुओं को कागज पर लिख लें।
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न
1. उपलब्ध वस्तुओं में क्या-क्या उपयोगी है?
2. इन वस्तुओं को किस प्रकार और उपयोगी बना सकते हैं?
3. ऐसा करने के लिए हमें क्या-क्या कार्य करने पड़ सकते हैं?
4. ऐसा करने के लिए हमें किस प्रकार के साधनों की आवश्यकता होगी?
5. कौन-कौन व्यक्ति इसमें हमें सहयोग कर सकते हैं?
6. क्या इन वस्तुओं की उपयोगिता बढ़ाने में आप सक्षम हैं?
7. अपने आसपास की अन्य वस्तुओं पर ध्यान दें और चर्चा करें कि आप वातावरण को बेहतर बनाने के लिए इन वस्तुओं की उपयोगिता बढ़ाने में कैसे सहयोग कर सकते हैं?(अध्यापक कुछ उदाहरण प्रस्तुत करें। जैसे:व्यर्थ में फेंके हुए प्लास्टिक के कप और बोतल को पौधे लगाने में इस्तेमाल करने पर उनकी उपयोगिता बढ़ जाती है)
क्या करें, क्या न करें :
गतिविधि करवाने से एक दिन पूर्व विद्यार्थियों को कुछ वस्तुएँ जुटाने के लिए निर्देश दें। समूह में जा जाकर उन्हें यह समझने में मदद करें कि वातावरण में उपलब्ध वस्तुओं की और क्या उपयोगिता हो सकती है|
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
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- साँप सीढ़ी
- तीन कोने (Three corners)
- कितना सामान- कितना सम्मान
- आओ उपयोगिता बढ़ाएँ
- सहयोग
- साथी की अच्छी बात
- सामान महत्तवपूर्ण या लक्ष्य
- एक बार मैं, एक बार तुम
- आविष्कारों का उपहार
- ऐसे भी सोचें
- मेरी यात्रा क्या है?
- सम्मान/पहचान का आधार क्या
- मुझे अच्छा लगता है जब
- मेरी आवश्यकताएँ
- सुविधा के लिए नियम
- अच्छा है या नहीं
- गुस्सा- ताकत या कमज़ोरी
- करूँ या न करूँ
- मुझे खुशी हुई जब…
- अच्छा है या नहीं
- बूझो तो जानें
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