5. सहयोग

गतिविधि का उद्देश्य: विद्यार्थियों में सहयोग की भावना विकसित करना ।इस गतिविधि के माध्यम से विद्यार्थी यह समझ पायेंगे कि सभी कामों को किस प्रकार सहयोग और समन्वय के साथ हम भली-भाँति कर सकते हैं और यदि हम मिलजुल कर कोई भी काम करते हैं तो कोई भी काम कठिन नहीं लगता।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: पेपर , पेंसिल या कलर स्केच पेन।

शिक्षक के लिए नोट: अध्यापक बच्चों का ध्यान सभी के सहयोग की तरफ ले कर जाए ताकि बच्चे मिलजुल कर रहें।

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

गतिविधि के चरण:
  • अध्यापक कक्षा को पाँच या छह समूहों में बाँट दें और हर समूह को एक पेपर और पेंसिल या कलर स्केच पेन लेने को कहें।
  •  हर समूह को निम्नलिखित में से एक-एक परिस्थिति दे दें ।
  • (अध्यापक ध्यान दें कि चित्र बनाने के लिए समूह के सभी सदस्यों के पास टॉपिक तो होगा परन्तु एक दूसरे से सलाह किये बिना हर सदस्य को चित्र की कोई एक वस्तु अपनी पसंद से बनानी होगी। अंत में सभी के चित्र एकत्र करके उनकी कटिंग्स से समूह अपना दृश्य पूरा करेगा।)
  • उदाहरण के लिए यहाँ कुछ टॉपिक्स दिए गये हैं। अध्यापक ,कक्षा के स्तर अनुसार टॉपिक ले सकते हैं।
    • 1. खेल का मैदान
    • 2. कोई त्यौहार
    • 3. मेले का चित्र
    • 4. प्राकृतिक दृश्य
    • 5. स्कूल का चित्र
    • 6. गाँव का चित्र
  • अब सभी चित्रों को प्रदर्शित किया जाए। सभी विद्यार्थियों को अवसर दिया जाए कि कक्षा में लगे सभी चित्र देखने के लिए गैलरी वाॅक कर सकें।
  • तत्पश्चात चर्चा करवाई जाए।
*गैलरी वॉक: इस गतिविधि में कक्षा में सभी विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए चित्र प्रदर्शित कर दिए जाएँ। सभी विद्यार्थी घूम -घूम कर उन्हें देख सकते हैं और सीख कर आनंद ले सकते हैं।

पहला दिन:

चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न
1. सभी चित्रों में क्या अच्छा और क्या खराब लगा?
2. अपने -अपने चित्र की कमियाँ बताओ,इन कमियों के क्या कारण रहे होंगे?
3. यदि आपको यही दृश्य फिर से बनाने को दे दिए जाएँ ,तो इन्हें और बेहतर बनाने के लिए आप क्या अलग करेंगे?

कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

दूसरा दिन

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

गतिविधि के चरण
  • एक बार दोबारा पिछले दिन जैसे ही समूह बना लिए जाएँ और फिर से वही चित्र बनाने को दिए जाएँ ।
  • इस बार यह निर्देश दिया जाए कि चित्र बनने से पहले एक दूसरे के साथ चित्र बनने को लेकर प्लानिंग कर लें।
  •  एक दूसरे के साथ साझा करें कि चित्र में कौन क्या करेगा, जिससे आपका चित्र बढ़िया बन सके।
  • जैसे कोई चित्र पेंसिल से बना सकता है तो कोई रंग अच्छे कर सकता है,तो कोई चित्र की boundary अच्छी बना सकता है।
  • किसी की कल्पना शक्ति बढ़िया हो सकती है ,तो कोई ग्रुप को सही दिशा में लीड कर सकता है।
  • इस प्रकार चित्र पूरे होने पर पिछले दिन की तरह अपने अपने चित्र दीवार पर लगाएं। हो सके तो अपने पिछले चित्र के पास ही लगाएं।
  • अब विद्यार्थियों से कहें कि अपने दोनों चित्रों में तुलना करें ।
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न
1 एक साथ मिलकर चित्र बनाने और एक चित्र को मिलकर बनाने में क्या अंतर आया?
2 दोनों चित्रों में अंतर होने का मुख्य कारण क्या रहा?
3 क्या चित्र की तरह समस्याओं का हल भी मिलकर निकालने से नतीजे बेहतर आ सकते हैं?
4 क्या कभी आपके सामने ऐसी कोई परेशानी आई है जिसमें आपके परिवार के सभी सदस्यों ने या आपके दोस्तों ने मिलजुल कर कोई समाधान ढूँढा हो। वह घटना बताएँ ।

कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।

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  1. साँप सीढ़ी
  2. तीन कोने (Three corners)
  3. कितना सामान- कितना सम्मान
  4. आओ उपयोगिता बढ़ाएँ
  5. सहयोग
  6. साथी की अच्छी बात
  7. सामान महत्तवपूर्ण या लक्ष्य
  8. एक बार मैं, एक बार तुम
  9. आविष्कारों का उपहार
  10. ऐसे भी सोचें
  11. मेरी यात्रा क्या है?
  12. सम्मान/पहचान का आधार क्या
  13. मुझे अच्छा लगता है जब
  14. मेरी आवश्यकताएँ
  15. सुविधा के लिए नियम
  16. अच्छा है या नहीं
  17. गुस्सा- ताकत या कमज़ोरी
  18. करूँ या न करूँ
  19. मुझे खुशी हुई जब…
  20. अच्छा है या नहीं
  21. बूझो तो जानें

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