गतिविधि का उद्देश्य: विद्यार्थियों में आत्मविश्वास बढ़े और आपस में एक दूसरे के प्रति सम्मान का भाव विकसित हो ।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: कुछ नहीं
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
शिक्षक के लिए नोट: विद्यार्थियों का ध्यान दूसरों की अच्छी बातों पर जाए। ऐसा होने से वे एक-दूसरे का सम्मान कर पाएँगे। इससे विद्यार्थियों के बीच अच्छे संबंध स्थापित होंगे। हमारा ध्यान अक्सर दूसरे पर तब जाता है जब उससे कोई गलती होती हैं। केवल दूसरे की गलतियां देखने से संबंधो में दरार आती है। हर व्यक्ति में अच्छी बातें होती ही है,यह दिखने पर हम गलतियों से प्रभावित नहीं होते। गलतियों पर ध्यान जाना भी ज़रूरी है ,परंतु जब हम अच्छी बात को देखने को प्राथमिकता में लाते हैं तब गलतियों से प्रभावित होना खत्म हो जाता है। साथ ही दूसरे को उसकी अच्छी बात बताने से उसका आत्मविश्वास बढ़ता है। आत्मविश्वास बढ़ने से भी हम अपने संबंध और अच्छी तरह निभा पाते हैं। स्वयं की अच्छी बातों से परिचित होने के बाद जब हमारा ध्यान अपनी गलतियों पर जाता है, तो परेशान होने के बजाय हम उसके समाधान पर ध्यान देते हैं।
गतिविधि के चरण:
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न
1. क्या इस गतिविधि को करने से पहले भी आपका ध्यान किसी की अच्छाई पर गया था? किसी एक के बारे में बताइए।
2. हमारा ध्यान दूसरों की अच्छी बातों पर ज़्यादा जाता है या गलत व्यवहार पर? क्यों?
3. रिश्ते या संबंध किस प्रकार से अच्छे होते हैं?
4. अपने किसी मित्र या सहपाठी का उदाहरण देकर बताएँ कि उसके किसी गुण को जानकर उसके प्रति आपका नजरिया किस प्रकार बदल गया?
5. हमें केवल अपनी अच्छी बातों पर ही ध्यान देना चाहिए या केवल अपनी गलतियों पर ही ध्यान देना चाहिए , या फिर गलतियों और अच्छाई दोनों पर? क्यों?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
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समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: कुछ नहीं
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
शिक्षक के लिए नोट: विद्यार्थियों का ध्यान दूसरों की अच्छी बातों पर जाए। ऐसा होने से वे एक-दूसरे का सम्मान कर पाएँगे। इससे विद्यार्थियों के बीच अच्छे संबंध स्थापित होंगे। हमारा ध्यान अक्सर दूसरे पर तब जाता है जब उससे कोई गलती होती हैं। केवल दूसरे की गलतियां देखने से संबंधो में दरार आती है। हर व्यक्ति में अच्छी बातें होती ही है,यह दिखने पर हम गलतियों से प्रभावित नहीं होते। गलतियों पर ध्यान जाना भी ज़रूरी है ,परंतु जब हम अच्छी बात को देखने को प्राथमिकता में लाते हैं तब गलतियों से प्रभावित होना खत्म हो जाता है। साथ ही दूसरे को उसकी अच्छी बात बताने से उसका आत्मविश्वास बढ़ता है। आत्मविश्वास बढ़ने से भी हम अपने संबंध और अच्छी तरह निभा पाते हैं। स्वयं की अच्छी बातों से परिचित होने के बाद जब हमारा ध्यान अपनी गलतियों पर जाता है, तो परेशान होने के बजाय हम उसके समाधान पर ध्यान देते हैं।
गतिविधि के चरण:
- कक्षा के सभी विद्यार्थियों को जोड़ों में बिठाएँ।
- पहले विद्यार्थी को दूसरे विद्यार्थी की दो अच्छी बातें सोचने और फिर कहने के लिए कहें तथा दूसरे विद्यार्थी को अपनी अच्छी बात सुनने के बाद पहले विद्यार्थी को “थैंक यू” कहने को कहें।
- दूसरा विद्यार्थी भी पहले विद्यार्थी की दो अच्छी बातें कहे तथा पहला विद्यार्थी भी दूसरे को “थैंक यू” कहे।
- विद्यार्थियों के कुछ जोड़ों को आगे बुलाकर उनके विचार साझा कराएँ।
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न
1. क्या इस गतिविधि को करने से पहले भी आपका ध्यान किसी की अच्छाई पर गया था? किसी एक के बारे में बताइए।
2. हमारा ध्यान दूसरों की अच्छी बातों पर ज़्यादा जाता है या गलत व्यवहार पर? क्यों?
3. रिश्ते या संबंध किस प्रकार से अच्छे होते हैं?
4. अपने किसी मित्र या सहपाठी का उदाहरण देकर बताएँ कि उसके किसी गुण को जानकर उसके प्रति आपका नजरिया किस प्रकार बदल गया?
5. हमें केवल अपनी अच्छी बातों पर ही ध्यान देना चाहिए या केवल अपनी गलतियों पर ही ध्यान देना चाहिए , या फिर गलतियों और अच्छाई दोनों पर? क्यों?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
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- साँप सीढ़ी
- तीन कोने (Three corners)
- कितना सामान- कितना सम्मान
- आओ उपयोगिता बढ़ाएँ
- सहयोग
- साथी की अच्छी बात
- सामान महत्तवपूर्ण या लक्ष्य
- एक बार मैं, एक बार तुम
- आविष्कारों का उपहार
- ऐसे भी सोचें
- मेरी यात्रा क्या है?
- सम्मान/पहचान का आधार क्या
- मुझे अच्छा लगता है जब
- मेरी आवश्यकताएँ
- सुविधा के लिए नियम
- अच्छा है या नहीं
- गुस्सा- ताकत या कमज़ोरी
- करूँ या न करूँ
- मुझे खुशी हुई जब…
- अच्छा है या नहीं
- बूझो तो जानें
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