गतिविधि का उद्देश्य:छात्रों में उन व्यक्तियों के प्रति गौरव की भावना विकसित हो जिन्होंने ऐसे आविष्कार किए हैं जो हमारे लिए बहुत उपयोगी हैं।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: कुछ नही
शिक्षक के लिए नोट: बहुत से महान लोग हुए हैं जिन्होंने ऐसे आविष्कार किए हैं जो हमारे दैनिक जीवन में बहुत उपयोगी हैं। इन वस्तुओं को बनाने में कितना परिश्रम लगा होगा ? ऐसा जानकर विद्यार्थी उन व्यक्तियों के प्रयासों को समझने में सक्षम होंगे और जिन्होंने इनका आविष्कार किया है उनकी सराहना करेंगे।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न
1. यह किस प्रकार उपयोगी है?
2. इस वस्तु को किसने बनाया होगा?
3. इस वस्तु को कैसे बनाया जाता है? इसमें कितने लोगों का श्रम लगा होगा?
प्रत्येक समूह को अपनी प्रस्तुति देने के लिए कहें।
दूसरा दिन:
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न
1. कल्पना करें कि इन वस्तुओं के बिना हमारा संसार कैसा होता? विद्यार्थी अपने विचारों को कक्षा में साझा करें।
2. जिन्होंने यह वस्तुएँ बनाई हैं उनके लिए हमारे अंदर किस प्रकार की भावना उत्पन्न होती है?
(अध्यापक बच्चों का ध्यान उन लोगों की तरफ लेकर जाएँ जिनके आविष्कारों से आज हम इन वस्तुओं का उपयोग कर पा रहे हैं। उनसे पूछें कि लोगों के प्रति आपके मन में किस- किस प्रकार के भाव आ रहे हैं?
3 क्या आपका मन करता है कि आप भी कुछ इस प्रकार के काम करें कि लोग आपको अच्छे भाव से याद करें?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
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समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
आवश्यक सामग्री: कुछ नही
शिक्षक के लिए नोट: बहुत से महान लोग हुए हैं जिन्होंने ऐसे आविष्कार किए हैं जो हमारे दैनिक जीवन में बहुत उपयोगी हैं। इन वस्तुओं को बनाने में कितना परिश्रम लगा होगा ? ऐसा जानकर विद्यार्थी उन व्यक्तियों के प्रयासों को समझने में सक्षम होंगे और जिन्होंने इनका आविष्कार किया है उनकी सराहना करेंगे।
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
गतिविधि के चरण:
- कुछ वैज्ञानिकों द्वारा किए गए आविष्कारों व उनकी उपयोगिता की चर्चा करते हुए इस गतिविधि को शुरू किया जाए।
- छात्रों को कक्षा के चारों ओर देखने के लिए कहें और एक वस्तु चुनने के लिए कहें (जैसे टिफिन बॉक्स, बॉक्स में भोजन, किताब, नोटबुक, बैग, पानी की बोतल आदि कुछ भी हो सकता है)
- सभी छात्र वस्तुओं को अध्यापक की मेज पर रख देंगे जिससे हर कोई सभी वस्तुओं को देख सके।
- अब कक्षा को 5 से 6 समूहो मे विभाजित करें प्रत्येक समूह यह निर्णय ले कि वह किस वस्तु पर चर्चा करना चाहता है।
- अब सभी समूहों से उनकी चुनी हुई वस्तु के बारे में निम्नलिखित प्रश्नों पर चर्चा करने के लिए कहें।
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न
1. यह किस प्रकार उपयोगी है?
2. इस वस्तु को किसने बनाया होगा?
3. इस वस्तु को कैसे बनाया जाता है? इसमें कितने लोगों का श्रम लगा होगा?
प्रत्येक समूह को अपनी प्रस्तुति देने के लिए कहें।
दूसरा दिन:
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
चर्चा के लिए प्रस्तावित प्रश्न
1. कल्पना करें कि इन वस्तुओं के बिना हमारा संसार कैसा होता? विद्यार्थी अपने विचारों को कक्षा में साझा करें।
2. जिन्होंने यह वस्तुएँ बनाई हैं उनके लिए हमारे अंदर किस प्रकार की भावना उत्पन्न होती है?
(अध्यापक बच्चों का ध्यान उन लोगों की तरफ लेकर जाएँ जिनके आविष्कारों से आज हम इन वस्तुओं का उपयोग कर पा रहे हैं। उनसे पूछें कि लोगों के प्रति आपके मन में किस- किस प्रकार के भाव आ रहे हैं?
3 क्या आपका मन करता है कि आप भी कुछ इस प्रकार के काम करें कि लोग आपको अच्छे भाव से याद करें?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें।
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- साँप सीढ़ी
- तीन कोने (Three corners)
- कितना सामान- कितना सम्मान
- आओ उपयोगिता बढ़ाएँ
- सहयोग
- साथी की अच्छी बात
- सामान महत्तवपूर्ण या लक्ष्य
- एक बार मैं, एक बार तुम
- आविष्कारों का उपहार
- ऐसे भी सोचें
- मेरी यात्रा क्या है?
- सम्मान/पहचान का आधार क्या
- मुझे अच्छा लगता है जब
- मेरी आवश्यकताएँ
- सुविधा के लिए नियम
- अच्छा है या नहीं
- गुस्सा- ताकत या कमज़ोरी
- करूँ या न करूँ
- मुझे खुशी हुई जब…
- अच्छा है या नहीं
- बूझो तो जानें
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