11. नानी के लड्डू

उद्देश्य: विद्यार्थियों का ध्यान इस ओर जाए कि कभी किसी ग़लतफ़हमी के होने पर उसे सही या गलत मानने से पहले तथ्यों (facts) की जाँच अवश्य करें।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

कहानी
प्रकाश चौथी कक्षा में पढ़ता था। उसने एक दिन पहले ही अपना जन्मदिन मनाया था। तरह-तरह के तोहफे पाकर वह बहुत खुश था। उसका पसंदीदा तोहफा उसके नानी के हाथ के बनाये हुए मोतीचूर के लड्डू थे। आज छुट्टी का दिन था इसलिए वह लड्डू का लिफाफा लेकर घर के पास वाले पार्क की बेंच पर बैठ गया। लड्डू का लिफाफा भी उसने अपने पास रख लिया। पार्क में बच्चों को खेलता देख उसका भी मन हुआ कि वह भी उनके साथ खेले।अपना स्वेटर उतार कर वह भी उनके साथ खेल में लग गया।
कुछ देर बाद जब वह लौटा तो उसने देखा कि एक बच्चा लिफाफे से लड्डू खा रहा है। उसे हैरानी से देखते हुए वह उसके पास बैठ गया। उस बच्चे ने मुस्कुराते हुए उसे भी लड्डू दिए। प्रकाश मन ही मन सोच रहा था , " कैसा बच्चा है , मुझसे पूछे बिना ही मेरे लड्डू खा गया और अब मुझे ही दे रहा है।" एक लड्डू प्रकाश ने भी खाया। इतने मे बचे हुए लड्डू ख़त्म करके मुस्कुराते हुए वह बच्चा चला गया। प्रकाश ने भी घर जाने के लिए जैसे ही अपना स्वेटर उठाया तो हैरान रह गया। उसकी नानी के दिए हुए लड्डू का लिफाफा वहीं रखा हुआ था। प्रकाश उस बच्चे पर संदेह करने के लिए पछता रहा था जो उसके साथ और अन्य बच्चों के साथ अपने लड्डू बांट कर खुश हो रहा था।

चर्चा की दिशा:
अक्सर देखा गया है कि कभी कभी हम ग़लतफहमी के कारण दूसरों पर शंका करते हैं। जबकि वैसा नहीं होता जैसा हम सोच रहे होते हैं। चर्चा के प्रश्नों के द्वारा शिक्षक बच्चों का ध्यान इस ओर ले जाएँ कि किसी भी बात को सही मानने से पहले उसे तथ्यों के आधार पर जाँच लेना जरूरी है, बात को पहले जाँच कर जान लें फिर मानें।

पहला दिन:

चर्चा के लिए प्रश्न
1. जब आपके दोस्त को आपके प्रति कोई ग़लतफहमी हो जाए तब आपको कैसा लगेगा ? तथा क्यों साझा करें?
2. क्या आप विद्यालय में नए विद्यार्थियों को दोस्त बना लेते हैं? आप ऐसा कैसे करते हैं ?साझा करें।
3. क्या आपको भी किसी के लिए ग़लतफहमी हुई है? कब?
4. क्या आपको किसी के साथ चीज़ें शेयर करके खुशी मिलती है ?
5. आप किन किन लोगों के साथ अपनी चीज़ें शेयर करते हैं ?

घर जाकर देखो, पूछो,समझो: (विद्यार्थियों के लिए)
  • घर जाकर इस कहानी को अपने परिवार में सुनाएँ और परिवार के अन्य सदस्यों के विचार व अनुभव जानें।
  • अपने आस पड़ोस में देखें कि लोग ग़लतफ़हमियों को दूर करने के लिए क्या क्या करते हैं?
  • अपने आस पड़ोस में देखें कि कितने लोग पड़ोसियों के साथ अपनी ख़ुशियाँ बाँटते हैं?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें

दूसरा दिन:

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
  • कक्षा में पिछले दिन की कहानी की एक बार पूरी तरह से कक्षा में पुनरावृत्ति की जाए। कहानी की पुनरावृत्ति विद्यार्थियों द्वारा की जाए, आवश्यकता होने पर शिक्षक उसमें सहयोग कर सकते हैं।( पुनरावृत्ति के लिए कई विद्यार्थियों से कहानी सुनना, रोल प्ले करना, जोड़े में एक-दूसरे को कहानी सुनाना आदि विविध तरीके अपनाए जा सकते हैं।)
  • घर से मिले फीडबैक को विद्यार्थी छोटे समूहों में साझा कर सकते हैं। कुछ विद्यार्थियों को घर के अनुभव कक्षा में साझा करने के अवसर दिए जाएँ।
  • पहले दिन के चर्चा के प्रश्नों का प्रयोग उन विद्यार्थियों के लिए पुनः किया जा सकता है जो पिछले दिन अनुपस्थित रहे हों या समय की कमी के कारण प्रश्नों के उत्तर न दे पाए हों।
चर्चा के लिए कुछ अन्य प्रश्न:
1. आप किन लोगों पर भरोसा करते हैं जिनको आप जानते हैं या जिनको आप नहीं जानते? ऐसा क्यों है? साझा करें
2. आपका, जानने वाले तथा अनजान लोगों के साथ व्यवहार में क्या अंतर होता है ?
3. किसी ग़लतफहमी के कारण आपने किसी दोस्त से दूरी बनाकर रखी, लेकिन उसी दोस्त ने मुसीबत के समय आपकी मदद की, तब आपको कैसा लगा? साझा करें
4. आपने किसी के प्रति अपनी किसी ग़लतफहमी को दूर करने के लिए कोई कोशिश की है?यदि हाँ, तो कैसे? साझा करें।

कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें

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  1. बेहतर भविष्य की ओर
  2. सौ रूपए का नोट
  3. एहसास
  4. अखबार
  5. इनाम
  6. माँ की देखभाल
  7. कमज़ोर प्रदर्शन
  8. कहानी मैं सुनाऊँगी
  9. गुल्लक
  10. मेरा लकी (Lucky) पेन
  11. नानी के लड्डू
  12. मनजीत के घर में पिकनिक
  13. मैं सबसे तेज़ दौड़ना चाहती हूँ
  14. स्वादिष्ट कस्टर्ड
  15. बड़े भैया का जन्मदिन
  16. संगत का प्रभाव
  17. एक जला पराँठा
  18. छोटी सी कोशिश
  19. टम टम और उसका ड्रम
  20. रोहन का बग़ीचा

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