उद्देश्य: बच्चों का ध्यान अपने परिवार के सदस्यों की आवश्यकताओं पर जाए।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
कहानी
आदित्य ने स्कूल से लौटकर देखा कि दादाजी के पास रखा अख़बार आज भी नहीं खुला था। उसने माँ से पूछा, “क्या आप आज़ मुझे बाज़ार ले चलेंगी। माँ ने पूछा, “आज फिर कोई खिलौना लेना है क्या? मेरे पास पैसे नहीं हैं।”
“खिलौना नहीं कुछ और लेना है अपनी गुल्लक के पैसों से।” ऐसा कहकर वह अलमारी में रखी अपनी गुल्लक ले आया। उसने गुल्लक को फोड़ कर देखा,उसमें दो सौ रूपये निकले जो उसने माँ को दे दिए। शाम को आदित्य और उसकी माँ बाजार गए। माँ ने देखा वह बाज़ार में न तो मिठाई की दुकान पर रुका न ही कपड़ों की दुकान पर माँ ने पूछा, “ आखिर तुम्हें लेना क्या है?”
वह ख्यालों में खोया था, “दो हफ्ते बीत चुके हैं दादा जी ने अखबार नहीं पढ़ा। माँ के पास पैसे हैं नहीं, पापा भी बाहर गए हुए हैं।”
वह माँ को खींचते हुए चश्मे की दुकान पर ले गया। उसने जेब से एक पर्ची निकालकर दुकानदार को दिया और बोला, ”अंकल मुझे इस नंबर का चश्मा दे दीजिए।” दुकानदार ने उसे पर्ची पर लिखे नंबर का चश्मा निकालकर दे दिया। यह देखकर माँ की आँखें भर आईं।
वे चश्मा लेकर घर लौटे। घर पहुँचकर आदित्य ने अखबार उठाया और दादाजी से कहा, “दादा जी, यह लीजिए आपका आज का अख़बार और यह रहा आपका नया चश्मा!” और उसने चश्मा दादाजी को पहना दिया। दादाजी के चेहरे पर मुस्कान थी और आदित्य का मन ख़ुशी और संतोष से भरा हुआ था।
चर्चा की दिशा:
बच्चों का ध्यान अपनी आवश्यकता की ओर तो चला जाता है लेकिन वे अपने परिवार में अन्य सदस्यों की आवश्यकताओं पर ध्यान नहीं दे पाते। शिक्षक चर्चा के प्रश्नों द्वारा विद्यार्थियों का ध्यान परिवार के अन्य सदस्यों की आवश्यकताओं पर भी ले जाएँ । जब भी हम किसी की आवश्यकता को पूरा करने में सहयोग करते हैं या कोई हमारी आवश्यकता को पूरा करने में सहयोगी होता है तब हमें खुशी होती है।
पहला दिन:
चर्चा के लिए प्रश्न
1. यदि आप आदित्य की जगह होते तो क्या करते और कैसे? चर्चा करें।
2. क्या आपने कभी अपने परिवार के सदस्य या अपने मित्र की ज़रूरत को बिना उनके कहे पूरा किया है? अपने साथ घटी घटना को साझा करें।
3. सुबह जगने से लेकर रात को सोने तक आपकी ज़रूरतें क्या-क्या हैं? इनकी सूची बनायें।
4. आपको कैसा लगता है जब आपको किसी वस्तु की बहुत ज़रूरत होती है किन्तु वह आपको नहीं मिल पाती?
घर जाकर देखो, पूछो,समझो: (विद्यार्थियों के लिए)
दूसरा दिन:
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
1. आप अपने घर में किन-किन वस्तुओं की ज़रुरत महसूस करते हैं? चर्चा करें।
2. आपकी और आपके परिवार के सदस्यों की कौन कौन सी जरूरतें ऐसी हैं जिनके लिए कोई रुपया पैसा खर्च नहीं करना पड़ता? (जैसे प्रेम,सम्मान आदि)।
3. जब आपने किसी की ज़रुरत को पूरा करने में उसकी मदद की तब आपको कैसा महसूस हुआ?
4. सहायता देने या लेने में से कौन सा कार्य करने पर आपको अधिक ख़ुशी अनुभव होती है? अपना अनुभव बताएँ ।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करेंI
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समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
कहानी
आदित्य ने स्कूल से लौटकर देखा कि दादाजी के पास रखा अख़बार आज भी नहीं खुला था। उसने माँ से पूछा, “क्या आप आज़ मुझे बाज़ार ले चलेंगी। माँ ने पूछा, “आज फिर कोई खिलौना लेना है क्या? मेरे पास पैसे नहीं हैं।”
“खिलौना नहीं कुछ और लेना है अपनी गुल्लक के पैसों से।” ऐसा कहकर वह अलमारी में रखी अपनी गुल्लक ले आया। उसने गुल्लक को फोड़ कर देखा,उसमें दो सौ रूपये निकले जो उसने माँ को दे दिए। शाम को आदित्य और उसकी माँ बाजार गए। माँ ने देखा वह बाज़ार में न तो मिठाई की दुकान पर रुका न ही कपड़ों की दुकान पर माँ ने पूछा, “ आखिर तुम्हें लेना क्या है?”
वह ख्यालों में खोया था, “दो हफ्ते बीत चुके हैं दादा जी ने अखबार नहीं पढ़ा। माँ के पास पैसे हैं नहीं, पापा भी बाहर गए हुए हैं।”
वह माँ को खींचते हुए चश्मे की दुकान पर ले गया। उसने जेब से एक पर्ची निकालकर दुकानदार को दिया और बोला, ”अंकल मुझे इस नंबर का चश्मा दे दीजिए।” दुकानदार ने उसे पर्ची पर लिखे नंबर का चश्मा निकालकर दे दिया। यह देखकर माँ की आँखें भर आईं।
वे चश्मा लेकर घर लौटे। घर पहुँचकर आदित्य ने अखबार उठाया और दादाजी से कहा, “दादा जी, यह लीजिए आपका आज का अख़बार और यह रहा आपका नया चश्मा!” और उसने चश्मा दादाजी को पहना दिया। दादाजी के चेहरे पर मुस्कान थी और आदित्य का मन ख़ुशी और संतोष से भरा हुआ था।
चर्चा की दिशा:
बच्चों का ध्यान अपनी आवश्यकता की ओर तो चला जाता है लेकिन वे अपने परिवार में अन्य सदस्यों की आवश्यकताओं पर ध्यान नहीं दे पाते। शिक्षक चर्चा के प्रश्नों द्वारा विद्यार्थियों का ध्यान परिवार के अन्य सदस्यों की आवश्यकताओं पर भी ले जाएँ । जब भी हम किसी की आवश्यकता को पूरा करने में सहयोग करते हैं या कोई हमारी आवश्यकता को पूरा करने में सहयोगी होता है तब हमें खुशी होती है।
पहला दिन:
चर्चा के लिए प्रश्न
1. यदि आप आदित्य की जगह होते तो क्या करते और कैसे? चर्चा करें।
2. क्या आपने कभी अपने परिवार के सदस्य या अपने मित्र की ज़रूरत को बिना उनके कहे पूरा किया है? अपने साथ घटी घटना को साझा करें।
3. सुबह जगने से लेकर रात को सोने तक आपकी ज़रूरतें क्या-क्या हैं? इनकी सूची बनायें।
4. आपको कैसा लगता है जब आपको किसी वस्तु की बहुत ज़रूरत होती है किन्तु वह आपको नहीं मिल पाती?
घर जाकर देखो, पूछो,समझो: (विद्यार्थियों के लिए)
- घर जाकर इस कहानी को अपने परिवार में सुनाएँ और परिवार के अन्य सदस्यों के विचार व अनुभव जानें।
- आपके परिवार के सदस्यों की ऐसी कौन कौन सी जरूरतें हैं जो काफी समय से हैं किन्तु कुछ कारणों से पूरी नहीं हो पा रही हैं।आप इनको पूरा करने में कैसे सहयोग कर सकते हैं?
दूसरा दिन:
कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
- कक्षा में पिछले दिन की कहानी की एक बार पूरी तरह से कक्षा में पुनरावृत्ति की जाए। कहानी की पुनरावृत्ति विद्यार्थियों द्वारा की जाए, आवश्यकता होने पर शिक्षक उसमें सहयोग कर सकते हैं।( पुनरावृत्ति के लिए कई विद्यार्थियों से कहानी सुनना, रोल प्ले करना, जोड़े में एक-दूसरे को कहानी सुनाना आदि विविध तरीके अपनाए जा सकते हैं।)
- घर से मिले फीडबैक को विद्यार्थी छोटे समूहों में साझा कर सकते हैं। कुछ विद्यार्थियों को घर के अनुभव कक्षा में साझा करने के अवसर दिए जाएँ।
- पहले दिन के चर्चा के प्रश्नों का प्रयोग उन विद्यार्थियों के लिए पुनः किया जा सकता है जो पिछले दिन अनुपस्थित रहे हों या समय की कमी के कारण प्रश्नों के उत्तर न दे पाए हों।
1. आप अपने घर में किन-किन वस्तुओं की ज़रुरत महसूस करते हैं? चर्चा करें।
2. आपकी और आपके परिवार के सदस्यों की कौन कौन सी जरूरतें ऐसी हैं जिनके लिए कोई रुपया पैसा खर्च नहीं करना पड़ता? (जैसे प्रेम,सम्मान आदि)।
3. जब आपने किसी की ज़रुरत को पूरा करने में उसकी मदद की तब आपको कैसा महसूस हुआ?
4. सहायता देने या लेने में से कौन सा कार्य करने पर आपको अधिक ख़ुशी अनुभव होती है? अपना अनुभव बताएँ ।
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करेंI
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- बेहतर भविष्य की ओर
- सौ रूपए का नोट
- एहसास
- अखबार
- इनाम
- माँ की देखभाल
- कमज़ोर प्रदर्शन
- कहानी मैं सुनाऊँगी
- गुल्लक
- मेरा लकी (Lucky) पेन
- नानी के लड्डू
- मनजीत के घर में पिकनिक
- मैं सबसे तेज़ दौड़ना चाहती हूँ
- स्वादिष्ट कस्टर्ड
- बड़े भैया का जन्मदिन
- संगत का प्रभाव
- एक जला पराँठा
- छोटी सी कोशिश
- टम टम और उसका ड्रम
- रोहन का बग़ीचा
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