16. संगत का प्रभाव

कहानी का उद्देश्य: विद्यार्थियों का ध्यान इस ओर जाए कि प्रेरणा किसी के कहने मात्र से ही नहीं मिलती वरन किसी को उस तरह का आचरण/व्यवहार करते हुए देखकर पाते हैं।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

कहानी
वीर 8 साल का हो गया था। “वीर की रुचि नए काम करने में नहीं होती थी ।” उसके मम्मी-पापा और स्कूल के शिक्षक यह बात भली-भाँति जानते थे परन्तु वह यह नहीं जान पाए कि वह इतनी अरुचि क्यों दिखाता है?
जब वह दूसरी कक्षा में था तब उसने मिट्टी का कोई खिलौना बनाया था। उस खिलौने को देख कर सभी विद्यार्थी हँस पड़े थे। बस, तभी से वह किसी भी नए प्रयोग को करने से डरता था।
गर्मियों की छुट्टियों के बाद गट्टू ने स्कूल में दाख़िला लिया। गट्टू पहले दिन से ही वीर के साथ बैठा और दोनों में दोस्ती भी हो गयी। गट्टू को एक या दो दिन में ही वीर की आदत का पता चल गया कि वीर सबसे छिपकर कुछ न कुछ नया काम करता,परंतु किसी को अपनी बनाई गई चीज़ नहीं दिखाता। गट्टू को भी नए-नए काम करने का बहुत शौक़ था वह सभी साथियों को अपनी बनाई चीज़ें दिखाता रहता था। वीर उसके काम को देखकर कुछ बोलने को होता पर फिर चुप हो जाता। गट्टू उससे पूछने पर भी वह चुप ही रहता।
विद्यार्थियों को बेकार वस्तुओं से कुछ उपयोगी बनाने का कार्य मिला था जिसके लिए गट्टू ने नाचती हुई गुड़िया बनाने का निश्चय किया। उसने गुड़िया का शरीर तो बना लिया था परन्तु गुड़िया के नाचती हुई अवस्था में हाथ पैर नहीं बन पा रहे थे। वीर तीन दिन से गट्टू को कोशिश करते हुए देख रहा था। वीर उठकर गट्टू के पास गया और बोला , “दोस्त क्या मैं तुम्हारी कुछ मदद कर सकता हूँ ”। गट्टू ने मुस्कुराकर कहा ,”क्यों नहीं'’। वीर उठा और झटपट उस गुड़िया के हाथ-पैर बनाने लगा थोड़ी ही देर में उसने नाचती हुई गुड़िया की मुद्रा में उसके हाथ पैर बना दिए। सारी कक्षा के बच्चे यह सब देख रहे थे। सभी के मुँह खुले के खुले रह गए। वीर को गट्टू का सहयोग करके एक अलग ही तरह की ख़ुशी महसूस हो रही थी। गट्टू भी सारी कक्षा के साथ वीर के लिए तालियाँ बजा रहा था।

चर्चा की दिशा:
एक दूसरे से प्रेरणा पाकर कोई भी नया कार्य शुरू किया जा सकता है। मनुष्य के पास सोचने और समझने की असीम क्षमता है। क्या आप किसी को उसकी योग्यता और क्षमताओं को पहचानकर उनको बताते हैं? किसी समस्या के आने पर बच्चे सोचने समझने की अपनी क्षमता का उपयोग करके किसी भी समस्या का समाधान निकाल पाएँ ।

पहला दिन:

चर्चा के लिए प्रश्न
1. क्या आपने कभी किसी को उनके कार्य को पूरा करवाने में सहयोग दिया है? साझा करें।
2. क्या आपने अपने किसी दोस्त को उसकी प्रतिभा के बारे में बताया है ? यदि हाँ तो कैसे?
3. यदि कोई आपको आपकी किसी प्रतिभा के बारे में बताता है तो आपको कैसा लगता है? साझा करें
4. यदि आपका कार्य बार बार गलत हो जाता है तब आप किस किसकी मदद लोगे ? अपने साथी के साथ चर्चा करके साझा करें।

घर जाकर देखो, पूछो,समझो: (विद्यार्थियों के लिए)
  • घर जाकर इस कहानी को अपने परिवार में सुनाएँ और परिवार के अन्य सदस्यों के विचार व अनुभव जानें।
  • अपनी कक्षा में देखो कि ऐसे कितने बच्चे हैं जो गलत होने के डर से किसी नए काम को नहीं करते?
  • अपने आस पास ऐसे बच्चों को देखो जो कुछ अच्छा करने के लिए नए नए प्रयोग करते रहते हैं?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें

दूसरा दिन:

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
  •  कक्षा में पिछले दिन की कहानी की एक बार पूरी तरह से कक्षा में पुनरावृत्ति की जाए। कहानी की पुनरावृत्ति विद्यार्थियों द्वारा की जाए, आवश्यकता होने पर शिक्षक उसमें सहयोग कर सकते हैं।( पुनरावृत्ति के लिए कई विद्यार्थियों से कहानी सुनना, रोल प्ले करना, जोड़े में एक-दूसरे को कहानी सुनाना आदि विविध तरीके अपनाए जा सकते हैं।)
  • घर से मिले फीडबैक को विद्यार्थी छोटे समूहों में साझा कर सकते हैं। कुछ विद्यार्थियों को घर के अनुभव कक्षा में साझा करने के अवसर दिए जाएँ।
  • पहले दिन के चर्चा के प्रश्नों का प्रयोग उन विद्यार्थियों के लिए पुनः किया जा सकता है जो पिछले दिन अनुपस्थित रहे हों या समय की कमी के कारण प्रश्नों के उत्तर न दे पाए हों।
चर्चा के लिए कुछ अन्य प्रश्न:
1. क्या आपने किसी की मदद को पाकर अपना अधूरा कार्य पूरा किया है? अपने अनुभव साझा करो।
2. आपके मित्रों ने किन किन परेशानियों में आपका सहयोग किया है?कैसे ?
3. क्या कभी कार्य करते हुए आपका किसी ने मज़ाक उड़ाया था,तब आपने क्या किया?
4. जब भी कोई आपकी तारीफ करता है तब आपको कैसा लगता है?
5. जब भी कोई आपकी कमी निकलता है, तो क्या उससे आपकी योग्यता कम या अधिक हो जाती है? चर्चा करें।

कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें

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  1. बेहतर भविष्य की ओर
  2. सौ रूपए का नोट
  3. एहसास
  4. अखबार
  5. इनाम
  6. माँ की देखभाल
  7. कमज़ोर प्रदर्शन
  8. कहानी मैं सुनाऊँगी
  9. गुल्लक
  10. मेरा लकी (Lucky) पेन
  11. नानी के लड्डू
  12. मनजीत के घर में पिकनिक
  13. मैं सबसे तेज़ दौड़ना चाहती हूँ
  14. स्वादिष्ट कस्टर्ड
  15. बड़े भैया का जन्मदिन
  16. संगत का प्रभाव
  17. एक जला पराँठा
  18. छोटी सी कोशिश
  19. टम टम और उसका ड्रम
  20. रोहन का बग़ीचा

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