8. कहानी मैं सुनाऊँगी

उद्देश्य: बच्चों का ध्यान इस ओर जाए कि उनके माता - पिता को भी उनके प्रेम और स्नेह की ज़रूरत है।
समय: कम से कम दो दिन अथवा शिक्षक के संतुष्ट होने तक

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।

कहानी
6 साल की रोज़ी को रात को अपने पापा से कहानी सुनना अच्छा लगता था। उसके पापा रोज़ रात को 8.30 बजे तक उसे कहानी सुनाने के लिए पहुँच जाते थे। एक दिन वह पापा के पास गई,पापा आंखें मूंदे दूसरे कमरे में लेटे हुए थे। रोज़ी ने सोचा कि उसके पापा सो रहे हैं,परंतु आज तेज़ बुखार होने के कारण पापा को नींद नहीं आ रही थी। रोज़ी चुपचाप वापस लौट ही रही थी कि उसके कदमों की आहट सुनते ही पापा ने आँखें खोली और धीमी आवाज़ में बोले, “बेटी, आज रात मैं तुम्हें कहानी नहीं सुना पाऊंगा।” तभी मम्मी ने उसके सिर पर प्यार से हाथ फेरते हुए कहा, “चलो दूसरे कमरे में चलते है। यहाँ पापा को आराम करने दो,आज मैं तुम्हें कहानी सुनाती हूँ।” मम्मी ने उसे कहानी सुनाई, कहानी तो अच्छी थी परन्तु पापा की बीमारी के कारण आज उसका मन कहानी सुनने मे नही लग रहा था।
कहानी सुनकर रोज़ी अपने पापा के पास गई और बोली, “पापा, आज मैं आपको कहानी सुनाना चाहती हूं।” रोज़ी ने पापा का सिर सहलाते हुए उन्हें एक घर और उसमें रहने वाले लोगों की मजेदार कहानी सुनाई। उसके पापा को कहानी बहुत अच्छी लगी। कहानी सुनकर उनके चेहरे पर मुस्कान आ गई थी।
रोज़ी पापा को प्यार करते हुए बोली, “पापा आप जल्दी से अच्छे हो जाओ।’’
अगली सुबह पापा रोज़ी के पास आए और बोले, “देखो कल तुम्हारी कहानी सुनकर मुझे बड़ी अच्छी नींद आई। आज मैं बेहतर महसूस कर रहा हूं।” रोज़ी और उसके पापा दोनों के चेहरों पर संतोष की मुस्कान थी।

चर्चा की दिशा:
माता पिता बच्चों का बहुत ध्यान रखते हैं विशेष तौर पर तब ,जब वे बीमार हो जाते हैं। शिक्षक चर्चा द्वारा बच्चों का ध्यान इस ओर ले जाएँ कि वे भी अपने माता पिता का ध्यान रख सकते हैं। वे उनकी छोटी छोटी आवश्यकताओं का ध्यान रख सकते हैं। माता पिता को भी हमारे प्रेम सहारे और देखभाल की आवश्यकता होती है। इससे उन्हें भी अच्छा महसूस होता है।

पहला दिन:

चर्चा के लिए प्रश्न
1. क्या आपको लगता है आपके माता पिता को भी आपके प्यार तथा स्नेह की आवश्यकता होती है?
2. आप अपने माता पिता की देखभाल कब और कैसे करते हैं? चर्चा करें।
3. आप अपने माता- पिता के लिए ऐसे कौन-कौन से काम करते है, जिनसे उन्हें ख़ुशी मिलती है? साझा करें।

घर जाकर देखो, पूछो,समझो: (विद्यार्थियों के लिए)
  • घर जाकर इस कहानी को अपने परिवार में सुनाएँ और परिवार के अन्य सदस्यों के विचार व अनुभव जानें।
  • अपने दोस्तों से पूछो कि वे अपने घर में किस किस की देखभाल करते हैं? ऐसा वे कब कब करते हैं?
कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें

दूसरा दिन:

कक्षा की शुरुआत 2-3 मिनट श्वास पर ध्यान देने की प्रक्रिया से की जाए।
  • कक्षा में पिछले दिन की कहानी की एक बार पूरी तरह से कक्षा में पुनरावृत्ति की जाए। कहानी की पुनरावृत्ति विद्यार्थियों द्वारा की जाए, आवश्यकता होने पर शिक्षक उसमें सहयोग कर सकते हैं।( पुनरावृत्ति के लिए कई विद्यार्थियों से कहानी सुनना, रोल प्ले करना, जोड़े में एक-दूसरे को कहानी सुनाना आदि विविध तरीके अपनाए जा सकते हैं।)
  • घर से मिले फीडबैक को विद्यार्थी छोटे समूहों में साझा कर सकते हैं। कुछ विद्यार्थियों को घर के अनुभव कक्षा में साझा करने के अवसर दिए जाएँ।
  • पहले दिन के चर्चा के प्रश्नों का प्रयोग उन विद्यार्थियों के लिए पुनः किया जा सकता है जो पिछले दिन अनुपस्थित रहे हों या समय की कमी के कारण प्रश्नों के उत्तर न दे पाए हों।
चर्चा के लिए कुछ अन्य प्रश्न:
1. जब आपके घर में कोई सदस्य बीमार हो जाता है तो परिवार के अन्य लोग उसकी मदद किस प्रकार करते हैं ?
2. आपके बीमार होने पर आपकी देखभाल कौन करता है? देखभाल के बाद आपको कैसा लगता है?साझा करें।
3. यदि कभी बीमार होने पर आपकी देखभाल नहीं हो पाई तो आपको कैसा लगा था?
4. क्या आपने अपने माता पिता के अलावा भी किसी अन्य व्यक्ति की सेवा की है? कैसे?

कक्षा के अंत में 1-2 मिनट, शांति से बैठकर आज की चर्चा के निष्कर्ष के बारे में विचार करें

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  1. बेहतर भविष्य की ओर
  2. सौ रूपए का नोट
  3. एहसास
  4. अखबार
  5. इनाम
  6. माँ की देखभाल
  7. कमज़ोर प्रदर्शन
  8. कहानी मैं सुनाऊँगी
  9. गुल्लक
  10. मेरा लकी (Lucky) पेन
  11. नानी के लड्डू
  12. मनजीत के घर में पिकनिक
  13. मैं सबसे तेज़ दौड़ना चाहती हूँ
  14. स्वादिष्ट कस्टर्ड
  15. बड़े भैया का जन्मदिन
  16. संगत का प्रभाव
  17. एक जला पराँठा
  18. छोटी सी कोशिश
  19. टम टम और उसका ड्रम
  20. रोहन का बग़ीचा

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